डीलर ने दिया धान के अप्रमाणित बीज, कई बीघा फसल खराब
एक निजी कंपनी से खरीदे गया धान का बीज किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। रोपाई के 16 दिन में ही धान में बालियां निकलने लगी।
By Edited By: Updated: Fri, 04 Sep 2020 02:32 PM (IST)
रायवाला (देहरादून), जेएनएन। एक निजी कंपनी से खरीदे गया धान का बीज किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। रोपाई के 16 दिन में ही धान में बालियां निकलने लगी। आलम यह है कि एक ही पौधे की कुछ बालियां पक गई हैं तो कुछ अभी हरी हैं। कुछ में बीज बनने शुरू हो गए हैं, तो कुछ में अभी कोपलें ही निकल रही हैं। इससे किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई है, प्रभावित किसान बीज बनाने वाली कंपनी और डीलर के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
श्यामपुर न्याय पंचायत के कई किसानों ने यह बीज रायवाला स्थित कंपनी के एक डीलर से खरीदा था। टीएमआरवी 1666 बदरीनाथ के नाम से यह बीज किसानों को बेहतर गुणवत्तायुक्त और अधिक उत्पादन देने वाला बताकर बेचा गया। किसान देवेंद्र सिंह नेगी, पूरण बहादुर मल्ल, हरजीत सिंह, भजन सिंह, जगमोहन, सुरेंद्र गुरुंग, मदन सिंह, मनोहर आदि का आरोप है कि बीज बनाने वाली कंपनी ने किसानों के साथ धोखा किया है। उनको घटिया गुणवत्ता का बीज बेचा गया। उनकी सैकड़ों बीघा फसल खराब हो गई है। कंपनी के अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। श्यामपुर न्याय पंचायत क्षेत्र में ही करीब दो दर्जन से अधिक किसानों ने अपने आठ से दस बीघा भूमि पर इस बीज का रोपण किया है। हालांकि अभी छोटे किसान अपनी शिकायत लेकर आगे नहीं आए हैं। अब किसान एकजुट होकर बीज बनाने वाली कंपनी और डीलर के खिलाफ न्यायालय की शरण में जाने की तैयार कर रहे हैं।
10 बीघा खेत में लगाई थी पौध
किसान पूरण बहादुर मल्ल ने बताया कि उन्होंने दस बीघा खेत में इसी बीज की पौध लगाई। बीज में हुई धोखाधड़ी की वजह से उनकी मेहनत खराब हो गई है। पहले ही वह जानवरों द्वारा फसल बर्बाद करने, महंगे खाद-बीज आदि समस्याओं से जूझ रहे अब यह परिस्थिति बेहद कष्टकारी है। सप्लाई हो गया दूसरे क्षेत्र का बीज
बीज का उत्पादन करने वाली त्रिमूर्ति प्लांट सांइसेज प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद के सेल्स ऑफिसर सुनील कुमार प्रजापति ने बताया कि किसानों की समस्या का निराकरण कराया जा रहा है। उन्होंने फील्ड विजिट कर स्थिति से कंपनी प्रबंधन को अवगत करा दिया है। उन्होंने बताया कि यह बीज बिहार, बंगाल आदि गर्म मौसम वाले क्षेत्र जहां वर्ष में दो बार धान की फसल होती है, के लिए भेजा जाना था लेकिन गलती से उत्तराखंड भेज दिया गया है।बोले अधिकारी
इंदु गोदियाल (सहायक कृषि रक्षा अधिकारी, डोईवाला ब्लाक) का कहना है कि इस बारे जानकारी मिली है। डीलर प्रमाणित बीज ही बेच सकते हैं। पीडि़त किसानों को लिखित शिकायत देने को कहा गया है। कृषि विभाग की टीम मौका मुआयना कर जांच करेगी। शिकायत सही होने पर संबंधित बीज डीलर व कंपनी पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में किसानों को जल्द मिलेगी राहत, फसलों को क्षति के बदले जाएंगे मानक
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