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अफगानी छात्रों ने बताया वहां का हाल, कहा- हर तरफ अफरातफरी, खौफ के साये में बीत रहे दिन

देहरादून के दून विवि से पढ़ाई कर रहे दो अफगानी छात्रों ने वहां का हाल बताया। उन्‍होंने कहा कि इस समय वहां हर तरफ अफरातफरी का माहौल है और खौफ के साये में दिन बीत रहे हैं। बता दें ये छात्र अफगानिस्तान से आनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 19 Aug 2021 12:45 PM (IST)
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देहरादून के दून विवि से पढ़ाई कर रहे दो अफगानी छात्रों ने वहां का हाल बताया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे दो अफगानी छात्र इन दिनों अपने देश में हैं। ऐसे में वह आनलाइन पढ़ाई के दौरान अपने शिक्षकों और साथियों को अफगानिस्तान के ताजा हालात से भी रूबरू करा रहे हैं। अफगानी छात्रों के अनुसार इस समय अफगानिस्तान में हालात काफी भयावह हैं। तालिबान के कारण हर पल डर के साये में बीत रहा है। तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद चारों ओर फैली अराजकता से दोनों छात्र चिंतित हैं। उन्होंने अपनी चिंताओं से विश्वविद्यालय प्रशासन को भी अवगत कराया।

अफगानिस्तान मूल के दो छात्र अब्दुल बसर और इब्राहिम देहरादून के दून विश्वविद्यालय में एमबीए द्वितीय सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं। ये छात्र कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान बीते अप्रैल में विश्वविद्यालय के बंद होने के बाद स्वदेश लौट गए थे। वहां से दोनों छात्र विश्वविद्यालय की ओर से कराई जा रही आनलाइन पढ़ाई से नियमित जुड़ते हैं। दून विश्वविद्यालय के एमबीए विभागाध्यक्ष प्रो. एचसी पुरोहित ने बताया कि अब्दुल और इब्राहिम केंद्र सरकार से पोषित दो देशों के बीच शिक्षा की एक्सचेंज योजना के तहत दून विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे हैं।

मंगलवार को आनलाइन पढ़ाई के दौरान प्रो. पुरोहित ने उनसे अफगानिस्तान के ताजा हालात और उनके कुशलक्षेम के बारे में पूछा तो अब्दुल बसर ने कहा कि वह परिवार सहित काबुल में सकुशल हैं, लेकिन देश के हालात बेहद चिंताजनक हैं। चारों ओर तालिबानी लड़ाकों ने आतंक मचाया हुआ है। हर ओर अफरातफरी का माहौल है।

छात्रों ने बताया कि जहां वह रहते हैं, वहां विद्युत आपूर्ति और इंटरनेट सेवा बहाल है। इसलिए वह अभी भी आनलाइन पढ़ाई से जुड़ पा रहे हैं। प्रो. एचसी पुरोहित ने बताया कि उन्होंने दोनों छात्रों को परिवार सहित सकुशल रहने की शुभकामना दी।

घर वापसी की उम्मीद जगी, भय बरकरार

अफगानिस्तान में काबुल समेत विभिन्न इलाकों में दर्जनों भारतीय फंसे हुए हैं। उत्तराखंड के भी सवा सौ से अधिक लोग वहां से अपने घर लौटने को बेताब हैं। हालांकि, डेनमार्क की एंबेसी में फंसे 120 भारतीय काबुल एयरपोर्ट पहुंच गए हैं और उनके गुरुवार को स्वदेश पहुंचे की उम्मीद है, लेकिन यहां उनके परिवार अब भी डरे हुए हैं। उन्हें अपने स्वजन की चिंता सता रही है।

काबुल स्थित डेनिस एंबेसी में बीते चार दिन से बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हुए थे। उन्हें अपनी कंपनियों से कोई मदद न मिलने के बाद जान बचाने को डेनमार्क की इस एंबेसी में शरण लेनी पड़ी, लेकिन यहां उन्हें खाना भी नहीं मिल पा रहा था। एंबेसी में फंसे देहरादून के प्रेमनगर निवासी राकेश राणा ने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर सरकार से मदद की गुहार भी लगाई थी। आखिरकार अब वे काबुल एयरपोर्ट पहुंच गए हैं।

अब भी नहीं मिली राहत, कमरे में कैद उत्तराखंडी

दून के रायपुर निवासी अनुराग गुरुंग काबुल में अपने साथियों के साथ एक होटल में फंसे हैं। उनके भाई बब्बू गुरुंग ने बताया कि एयरपोर्ट से करीब 500 मीटर दूर स्थित एक होटल में उनके भाई के साथ दो दर्जन से अधिक उत्तराखंडी कैद हैं। होटल के बाहर तालिबान के आतंकी मंडरा रहे हैं। ऐसे में वह एयरपोर्ट नहीं पहुंच सकते। उन्हें दो दिन बाद भी कोई मदद नहीं मिली है। इधर, अनुराग के माता-पिता, पत्नी और बच्चे उनकी शीघ्र घर वापसी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वह लगातार भगवान से अनुराग की सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं। अनुराग अफगानिस्तान में एक अमेरिकी कंपनी में कार्य करते हैं।

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