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30 साल बाद बुजुर्ग को फिर से मिली नेत्र ज्योति Dehradun News

एम्स ऋषिकेश ने एक 73 वर्षीय बुजुर्ग को नेत्रज्योति प्रदान करने में सफलता हासिल किया। 30 साल बाद यह बुजुर्ग फिर से अपनी आंखों से सबकुछ देख सकेगा।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 07 Feb 2020 04:51 PM (IST)
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30 साल बाद बुजुर्ग को फिर से मिली नेत्र ज्योति Dehradun News
ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ऋषिकेश) ने एक 73 वर्षीय बुजुर्ग को नेत्रज्योति प्रदान करने में सफलता हासिल किया। 30 साल बाद यह बुजुर्ग फिर से अपनी आंखों से सबकुछ देख सकेगा।

हरियाणा के भिवानी जिला निवासी एक 73 वर्षीय बुजुर्ग के आंखों की रोशनी चली गई थी। तीन दशक पूर्व वर्ष 1990 में दोनों आंखों में संक्रमण के कारण बुजुर्ग की नेत्रज्योति जाने के बाद वह पूरी तरह निराश थे। उनका जीवन पूरी तरह से परिवार के दूसरे सदस्यों पर निर्भर हो गया था और उनकी दुनिया उनके कमरे व आंगन के बीच सिमट गई थी।

बुजुर्ग ने कुछ साल पहले रोहतक के एक अस्पताल में आंख का ऑपरेशन भी कराया, मगर नेत्र ज्योति नहीं लौटी। एम्स के निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि बुजुर्ग को किसी ने एम्स ऋषिकेश में अपनी आंखों का परीक्षण कराने का सुझाव दिया। संस्थान में उपचार के बाद 73 वर्ष की अवस्था में बुजुर्ग फिर से देखने लगे हैं। उन्होंने चिकित्सा दल को बधाई दी।

संस्थान के नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ. एसके मित्तल ने बताया कि बुजुर्ग की दाईं आंख में सफलतापूर्वक कॉर्निया प्रत्यारोपित किया गया है और अब वह भली भांति देख सकते हैं। नेत्र विभाग से बुजुर्ग को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।

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तीन ऑपरेशन के बाद मिली सफलता

संस्थान की कॉर्निया विशेषज्ञ डॉ. नीति गुप्ता ने बताया कि बुजुर्ग का कॉर्निया खराब होने के साथ ही मोतियाबिंद भी था। लिहाजा उनके तीन ऑपरेशन एक साथ किए गए। इसमें कॉर्निया प्रत्यारोण के साथ मोतियाबिंद ऑपरेशन व लेंस भी डाला गया। उन्होंने बताया कि संस्थान में हल्द्वानी की एक आठ वर्षीय बालिका की भी दाईं आंख की कॉर्निया का सफल प्रत्यारोपण किया जा चुका है। उसकी भी दोनों आंखें पूरी तरह से खराब थीं, मगर प्रत्यारोपण के बाद उसे अब एक आंख से दिखाई देने लगा है। उन्होंने बताया कि एम्स में बीते पांच महीने के अंतराल में 62 लोगों को सफलतापूर्वक कॉर्निया प्रत्यारोपित किए जा चुके हैं।

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