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तिरुपति मंदिर प्रसाद मामले के बाद अब बदरी-केदार मंदिर में भोग और प्रसाद की गुणवत्ता पर रखी जाएगी नजर

तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलावट के बाद अब बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने भोग और प्रसाद की गुणवत्ता पर सख्त नजर रखने का फैसला किया है। बीकेटीसी के अधीनस्थ सभी मंदिरों में भोग प्रसाद व्यवस्था की शुद्धता और गरिमा बनाए रखने के लिए समय-समय पर जांच की जाएगी। भोग-प्रसाद की खाद्य सामग्री को दान एवं क्रय करने के लिए एसओपी भी तैयार की जाएगी।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 24 Sep 2024 04:24 PM (IST)
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तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद मामले के बाद बीकेटीसी ने स्वच्छता को लेकर शुरू की करसत,

जागरण संवाददाता, देहरादून: विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली के तेल व जानवरों की चर्बी प्रकरण के बाद श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने स्वच्छता को लेकर कसरत शुरू का दी है।

इसके तहत बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के अलावा बीकेटीसी के अधीनस्थ सभी मंदिरों में भोग प्रसाद व्यवस्था की शुद्धता व गरिमा पूर्ववत की तरह बने रहे इसके लिए समय-समय पर मंदिरों में लगने वाले भोग व प्रसाद की गुणवत्ता पर सतर्क नजर रखी जाएगी।

इस दौरान भोग- प्रसाद की खाद्य सामग्री को दान एवं क्रय करने के लिए एसओपी तैयार करने पर भी जोर दिया गया। सोमवार को कैनाल रोड स्थित बीकेटीसी कार्यालय में अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के उच्च अधिकारियोंं मंदिर समिति अधिकारियों के साथ बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

बैठक में धामों व मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता, शुद्धता व प्रयोग में लाई जाने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता, रख-रखाव, क्रय-विक्रय सहित भंडारण के संबंध में चर्चा हुई।

बैठक में भोग-प्रसाद में लाई जाने वाली खाद्य सामग्री के भंडारण के लिए मानक निर्धारित करने, मसाले, तेल व घी की खरीदारी करते समय भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) लाइसेंस, एगमार्क (कृषक प्रतीक) आदि संस्थाओं के प्रमाण 'लोगो' आदि के प्रमाणिकता की जांच में और अधिक सतर्कता बरतने, भोग-प्रसाद के निर्माण में संलिप्त कार्मिकों को स्वच्छता संबंधी मानको का अनुपालन करने का निर्णय लिया गया।

बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि मंदिरों में भोग व प्रसाद की गुणवत्ता बनी रहे इसके लिए समय समय पर नजर रखी जाएगी। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने कहा कि बदरीनाथ व केदानाथ धाम के लिए मंदिर समिति की ओर से प्रसाद के रूप में सूखे पदार्थों का उपयोग किया जाता है।

भगवान के भोग की सामग्री अधिकांशतः दानी दाताओं से प्राप्त की जाती है। उन्होंने दानी दाताओं से भगवान के भोग के लिए उच्च गुणवत्ता की खाद्य सामग्री दान करने की अपील भी की।

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उपायुक्त जीसी कंडवाल ने कहा कि भोग- प्रसाद की खाद्य सामग्री को दान एवं क्रय करने के लिए एसओपी तैयार की जानी चाहिए।

आपूर्तिकर्ता के खाद्य लाइसेंस की अद्यतन स्थिति, वैधता आदि की प्रमाणिकता की जांच कर ली जाए। इस खाद्य सामग्री के निर्माता, निर्माण व समाप्ति तिथि, प्रयोग में लाई जाने की अवधि व भंडारण को लेकर दिशा निर्देशन का अनुपालन सुनिश्चित किय जाए।

खाघ संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उपायुक्त, ईट राइट इंडिया अभियान के नोडल अधिकारी ने भोग-प्रसाद बनाने वाले कार्मिकों / वृत्तिदारों / व्यक्तियों को खाद्य संरक्षा मानकों की जानकारी देने के लिए प्रथम चरण में 'खाद्य संरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन' प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया।

बैठक में एसआई एफडीए विजिलेंस जगदीश रतूड़ी व कुलदीप नेगी आदि मौजूद रहे। बेचने के लिए रखे प्रसाद व अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता हो सुनिश्चित बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि मंदिर परिसर के बाहर प्रसाद विक्रेताओं पर बीकेटीसी के नियंत्रण के अधीन नहीं है।

ऐसे में उन सभी विक्रेताओं को खाद्य लाइसेंस पंजीकरण, खाद्य पदार्थ के भंडारण रख-रखाव, निर्माण एवं समाप्ति तिथि आदि के संबंध में जनपदीय अभिहित अधिकारियों के स्तर से बैठक की जाए। जिसमें विक्रय के लिए रखे प्रसाद व अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए।