एड्स रोगियों को रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा और पेंशन
उत्तराखंड में एचआइवी संक्रमित रोगियों को एंटीरेट्रोवाइरल ट्रीटमेंट सेंटर में जाने के लिए उत्तराखंड रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा दी जाएगी। इन्हें मासिक पेंशन भी दी जाएगी।
By Edited By: Updated: Thu, 05 Sep 2019 12:37 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में एचआइवी संक्रमित रोगियों को एंटीरेट्रोवाइरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर में जाने के लिए उत्तराखंड रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा दी जाएगी। इन्हें एक हजार रुपये मासिक पेंशन भी दी जाएगी। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत चिकित्सकों को राज्य के अन्य संविदा चिकित्सकों की तरह ही मानदेय दिया जाएगा। इसमें जो भी अतिरिक्त व्यय आएगा, उसे राज्य सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य एड्स काउंसिल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री ने एड्स जागरूकता पर विशेष जोर दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एड्स के कारणों का अध्ययन किया जाना चाहिए ताकि प्राप्त ब्योरे का विश्लेषण कर एड्स पर नियंत्रण के लिए योजनाएं बनाई जा सकें। उन्होंने प्रत्येक विभाग, संगठन एवं स्थान द्वारा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के लिए नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए। साथ ही एचआइवी की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए निर्धारित दिवसों पर स्वैच्छिक रक्तदान दिवस एवं विश्व एड्स दिवस के साथ ही समय-समय पर जन जागरूकता कार्यक्रम कार्यक्रम आयोजित करने को कहा।
इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के एचआइवी संक्रमित व्यक्तियों को एआरटी की दवा प्राप्त करने के लिए एआरटी केंद्र आने-जाने को उत्तराखंड रोडवेज की बसों में निश्शुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जाए। प्रदेश के एचआइवी संक्रमित व्यक्ति, जो प्रदेश का मूल व स्थायी निवासी है और राज्य के एआरटी केंद्र में इलाज करा रहे हैं तो उन्हें आर्थिक सहायता के लिए एक हजार रुपये पेंशन दी जाएगी। बैठक में कहा गया कि राष्ट्रीय एड्स कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। इसके लिए कार्यक्रम के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत चिकित्सकों को राज्य के सामान्य चिकित्सकों की भांति ही मानदेय दिया जाएगा। अभी उन्हें 36 हजार रुपये मानदेय मिलता था, जो अब बढ़ाकर 54 हजार रुपये किया जाएगा। यह अंतर राज्य सरकार वहन करेगी।
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कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि विद्यालयों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में युवा वर्ग को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। पुलिस विभाग को भी लगातार एंटी ड्रग कैंपेन चलाना चाहिए। कार्यक्रम में सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, सचिव बीके संत, अपर सचिव युगल किशोर पंत समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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