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AIIMS Rishikesh में शुरू होगी हेली एंबुलेंस सेवा, फ्री में मिलेगी सुविधा या देना होगा भारी किराया? पढ़ें

AIIMS Rishikesh Heli Ambulance उत्तराखंड में अब एम्‍स ऋषिकेश हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रहा है। इस सेवा के शुरू होने से प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से अति गंभीर रूप से घायल को हेली एंबुलेंस की मदद से एम्स ऋषिकेश में शीघ्र पहुंचाया जा सकेगा। 29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सेवा का वर्चुअली माध्यम से विधिवत शुभारंभ करेंगे।

By Durga prasad nautiyal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 24 Oct 2024 05:44 PM (IST)
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AIIMS Rishikesh Heli Ambulance: 29 को एम्स ऋषिकेश में शुरू होगी हेली एंबुलेंस सेवा. File Photo
जागरण संवादादाता, ऋषिकेशफ AIIMS Rishikesh Heli Ambulance: अब उत्तराखंड में 108 एंबुलेंस सेवा की तर्ज पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रहा है। इस सेवा के शुरू होने से प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से अति गंभीर रूप से घायल को हेली एंबुलेंस की मदद से एम्स ऋषिकेश में शीघ्र पहुंचाया जा सकेगा।

29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सेवा का वर्चुअली माध्यम से विधिवत शुभारंभ करेंगे। यह जानकारी एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने दी। प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि यह देश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा होगी। संजीवनी योजना के अतंर्गत संचालित यह सेवा निश्शुल्क होगी। सेवा टाल-फ्री नंबर शीघ्र जारी किया जाएगा। इसका लाभ समस्त उत्तराखंड में मिलेगा।

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बताया कि 29 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली माध्यम से जुड़ेंगे और सेवा का शुभारंभ करेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। बताया कि सेवा का ट्रायल किया जा रहा है।

वास्तविक जरूरतमंदों को ही मिलेगी मदद

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि हेली एंबुलेंस सेवा का दुरुपयोग न हो, इसके लिए वास्तविक जरूरतमंद की पहचान के लिए विशेष ढांचा तैयार किया गया है। बताया कि किसी भी क्षेत्र में दुर्घटना होने पर घायल को नजदीकी सरकारी चिकित्सालय में ले जाया जाता है।

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यदि चिकित्सक घायल की स्थिति को खतरे में पाएंगे और कुछ घंटे के भीतर आवश्यक उपचार की आवश्यकता महसूस करेंगे तो उनकी सिफारिश पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से हेली एंबुलेंस का लाभ लिया जा सकेगा। बताया कि जिस मरीज की स्थिति सबसे ज्यादा खतरा होगा, उसे हेली एंबुलेंस में प्राथमिकता दी जाएगी।

यह होगा लाभ का दायरा

प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ पूरे उत्तराखंड में लिया जा सकेगा। कहा कि उत्तराखंड की सीमा से लगते उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ लिया जाएगा।

जिला आपदा प्रबंधन से जुड़ेगा कंट्रोल रूम

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय एम्स हेली एबंलेंस सेवा के कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे। यदि प्रदेशभर में कोई बड़ी आपदा या सड़क दुर्घटना होती है, जिसमें कोई वास्तविक जरूरतमंद हो तो उसे जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय की सिफारिश पर हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ मिल सकेगा।

यह है संजीवनी योजना

प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि संजीवनी योजना का संचालन केंद्र व राज्य सरकार संयुक्त रूप से कर रहे हैं। केंद्र व राज्य 50-50 प्रतिशत खर्च वहन करेंगे। बताया कि योजना के अंतर्गत हेली एंबुलेंस में प्रत्येक महीने कम से कम 30 जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना आवश्यक है। कहा कि एम्स प्रशासन का प्रयास रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों को सेवा का लाभ मिल सके।

हाईटेक होगी हेली एंबुलेंस

हेली एंबुलेंस में वेंटीलेटर सहित सभी आवश्यक जीवनरक्षक उपकरण उपलब्ध रहेंगे। इसमें चिकित्सक सहित आवश्यक मेडिकल स्टाफ तैनात रहेगा। एंबुलेंस में एक समय पर एक मरीज को ही ले जाया जा सकता है।

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