एफआरआइ की सभी फैकल्टियां 31 मार्च तक बंद, तीन प्रशिक्षुओं में कोरोना होने पर लिया निर्णय
वन अनुसंधान संस्थान परिसर में एफआरआइ की सभी फैकल्टियां 31 मार्च तक बंद कर दी गईं। वन पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रलय में उप वन महानिदेशक डॉ. सुनीश बख्शी ने इसके आदेश दिए।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Sat, 21 Mar 2020 02:00 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। वन अनुसंधान संस्थान परिसर के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन सेवा अकादमी, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, वन शिक्षा निदेशालय, एफआरआइ और एफआरआइ डीम्ड विश्वविद्यालय को आगामी 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है।
वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रलय में उप वन महानिदेशक डॉ. सुनीश बख्शी ने इस बावत आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि सभी कार्यालयों के अधिकारी व कर्मचारी घर से ही कार्य करें। बता दें कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन सेवा अकादमी के तीन प्रशिक्षु आइएफएस में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। कोरोना संक्रमित तीनों प्रशिक्षु आइएफएस दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। पूरे परिसर को बीती रात को ही लॉकडाउन कर दिया गया था।अकादमी के निदेशक को भी किया गया क्वारंटाइन
आइजीएनएफए के जिन तीन प्रशिक्षु आइएफएस में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है उनके संपर्क में आने वाले अन्य लोगों को भी आइसोलेट किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अकादमी के निदेशक ओमकार सिंह को भी कोरेंटाइन किया गया है। क्योंकि निदेशक के नेतृत्व में ही 62 सदस्यीय प्रशिक्षु आइएफएस का दल हाल ही में फिनलैंड, स्पेन व रूस का भ्रमण कर वापस दून लौटा था।
वहीं प्रशिक्षु आइएफएस की सेवा में लगे सात अन्य कर्मचारियों को भी राजकीय कोरोनेशन अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। बता दें कि विदेश भ्रमण से दून वापसी के बाद कुछ प्रशिक्षु आइएफएस की तबीयत खराब होने पर अकादमी प्रबंधन ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी थी।
पुलिस को सौंपी एफआरआइ गेट की कमान
एफआरआइ लॉक डाउन के पहले दिन डीएम के आदेशों की खूब हीलाहवाली देखने को मिली। सुबह कई लोग परिसर से बाहर भी गए और कई अंदर भी प्रवेश कर गए। इसकी सूचना जिलाधिकारी को मिली तो उन्होंने सख्ती दिखाते हुए एफआरआइ मुख्य गेट की कमान पुलिस के हाथ सौंप दी। किसी भी व्यक्ति को बाहर या अंदर ना घुसने देने के पुलिस कर्मियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी डॉ आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि एफआरआइ लॉक डाउन के बावजूद छात्रों के घर जाने और अन्य लोगों के भी परिसर से बाहर जाने की सूचना मिली थी। मौके पर जाकर इसका मुआयना किया गया। मौके पर पहुंचते ही एफआरआइ के सभी गेटों को बंद करने के आदेश दिए गए। साथ ही मुख्य द्वार की कमान पुलिस को सौंप दी गई है।
पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी को भी ना बाहर जाने दे ना ही किसी को अंदर जाने दिया जाएगा। अगर किसी को जरूरी सामान अंदर पहुंचाना है तो उसके लिए भी गेट पर ड्यूटी दे रहे पुलिस कर्मियों से इजाजत लेनी होगी।ऑफिसर्स क्लब से मिलेंगी जरूरी वस्तुएंएफआरआइ परिसर के लॉकडाउन के चलते पहले दिन रोजमर्रा के सामान के लिए लोगों को खूब संघर्ष करना पड़ा। परिसर के अंदर कोई ऐसा स्टोर नहीं है, जहां से रोजमर्रा के सामानों की पूर्ति हो सके। इसके चलते शुक्रवार को सुबह से लेकर शाम तक कई लोग गेट पर इसी बात को लेकर बहस करते नजर आए कि दूध-सब्जी का इंतजाम कहां से करें।
इस बात को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने एफआरआइ प्रशासन के साथ मिलकर एफआरआइ परिसर के ऑफिसर्स क्लब में रोजमर्रा के जरूरी सामान की बिक्री करना तय किया है। दिन में दो बार लोग यहां से सामान ले सकेंगे।रोजमर्रा का सामान लेना बना चुनौती एफआरआइ परिसर लॉकडाउन होने के बाद परिसर के अंदर रह रहे लोगों के लिए रोजमर्रा का सामान खरीदना चुनौती बन गया है। शुक्रवार को इसका पूरा प्रभाव देखने को भी मिला। लोग दूध, सब्जी, राशन समेत रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली अन्य वस्तुओं को खरीदने के लिए गेट पर खड़े रहे। कई लोग जो सुबह बाहर निकल आए थे उन्होंने अपने परिजनों को बुलाकर सब्जी गेट से अंदर पहुंचाई।
यह भी पढ़ें: Coronavirus: एफआरआइ में हुआ लॉकडाउन, कार्मिकों समेत करीब डेढ़ हजार लोग नहीं निकल पाएंगे बाहरअब लोगों को इस समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने परिसर के अंदर रह रहे लोगों को दाल-सब्जी समेत रोजमर्रा की वस्तुओं की आपूर्ति का भरोसा दिलाया है। बताया कि एफआरआइ प्रशासन के साथ मिलकर परिसर में स्थित ऑफिसर्स क्लब में दिन में दो बार रोजमर्रा के सामान की बिक्री सुनिश्चित की जाएगी।
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