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शिक्षा के साथ यहां छात्राओं में समाज सेवा का भी जुनून

कुछ नया करने का जज्बा हो तो उम्र मायने नहीं रखती बशर्ते आपका हौसला बुलंद होना चाहिए। ऐसी ही मिसाल दून के प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ाई कर रही तीन छात्राओं ने पेश की है। ये छात्राएं पढ़ाई के साथ समाज सेवा भी कर रही हैं।

By Sumit KumarEdited By: Updated: Fri, 09 Jul 2021 03:35 PM (IST)
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तीन छात्राओं वरण्या गुप्ता, तमन्ना नरूला और याशिता लाल ने पेश की है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: कुछ नया करने का जज्बा हो तो उम्र मायने नहीं रखती, बशर्ते आपका हौसला बुलंद होना चाहिए। ऐसी ही मिसाल दून के प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ाई कर रही तीन छात्राओं वरण्या गुप्ता, तमन्ना नरूला और याशिता लाल ने पेश की है। ये छात्राएं पढ़ाई के साथ समाज सेवा भी कर रही हैं। इसके लिए इन छात्राओं में जुनून इतना है कि कोरोनाकाल में बीते वर्ष जब लोग घर से बाहर निकलने में भी डर रहे थे, तब इन छात्राओं ने शहर में घूमकर जरूरतमंदों को राशन, मास्क, सैनिटाइजर समेत अन्य जरूरत का सामान वितरित किया।

वरण्या गुप्ता, ब्राइटलैंड स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ रही हैं। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते पैदा हुए हालात को देखकर वरण्या ने अपनी दोस्त तमन्ना और याशिता के साथ मिलकर जरूरतमंदों की मदद का निश्चय किया। इसके बाद तीनों ने मिलकर मेलो नाम की संस्था स्थापित की और उसमें अपने कुछ अन्य दोस्तों को भी जोड़ा। वरण्या बताती हैं कि कोरोना ने आम आदमी से बहुत कुछ छीना है। उनकी संस्था ने ऐसे ही व्यक्तियों की मदद का संकल्प लिया है। उनकी संस्था का फोकस ऐसे बच्चों के उत्थान पर भी है, जिनसे इस महामारी ने अभिभावक छीन लिए और बेसहारा कर दिया। अब उनकी संस्था रक्तदान शिविर आयोजित कर अस्पतालों में खून की कमी दूर करने का प्रयास भी करेगी। इस क्रम में पहला शिविर रविवार को आइएमए ब्लड बैंक के साथ मिलकर आयोजित किया जाएगा।

अभिभावकों से ली सीख

वरण्या अपने परिवार के साथ नेशविला रोड पर रहती हैं। उनके पिता नितिन गुप्ता और मां बरखा गुप्ता, दोनों व्यवसायी हैं। तमन्ना डालनवाला में रहती हैं। उनके पिता ज्योति नरूला व्यवसायी हैं और मां हरदीप नरूला गृहिणी। याशिता तिलक रोड क्षेत्र में रहती हैं। उनके पिता नितुज लाल टैक्स कंसलटेंट हैं और मां स्मृति लाल आर्ट गैलरी चलाती हैं। तीनों छात्राओं के अभिभावक भी पुराने दोस्त हैं और समाज सेवा करते रहे हैं। उन्हीं से प्रेरणा लेकर बच्चों में भी सेवा भावना पैदा हुई। इस काम में भी तीनों छात्राओं के अभिभावक हर तरह से उनका सहयोग कर रहे हैं।

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पढ़ाई में भी अव्वल

मेलो संस्था की शुरुआत करने वाली तीनों छात्राएं वर्तमान में 12वीं कक्षा में पढ़ रही हैैं। ब्राइटलैंड स्कूल की छात्रा वरण्या ने 10वीं कक्षा 95.2 फीसद अंक के साथ पास की थी। वरण्या वाणिज्य की पढ़ाई कर रही हैं और स्टार्ट अप के माध्यम से अपना व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं। तमन्ना कान्वेंट आफ जीजस मैरी में पढ़ती हैं। उन्होंने 10वीं की परीक्षा में 96.7 फीसद अंक हासिल किए थे। वह ह्यूमेनिटीज की पढ़ाई कर रही हैं। उनका लक्ष्य भी व्यवसायी बनना है। वाणिज्य की छात्रा याशिता सेंट जोजफ्स में पढ़ती हैं। उन्होंने 10वीं में 92.2 फीसद अंक हासिल किए थे। वह भी अपना व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं।

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