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ऋषिकेश AIIMS के डॉक्टरों का कमाल, रोबोटिक तकनीक से किया पित्त की थैली के कैंसर का सफल ऑपरेशन

Rishikesh एम्स ऋषिकेश के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने रोबोट तकनीक से एक ऐसे मरीज की सफल सर्जरी की जिसकी पित्त की थैली में कैंसर बन चुका था और चीरे के माध्यम से सर्जरी करना बहुत ही जोखिम भरा था। मरीज अब स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। डॉक्टरों ने इस ऑपरेशन को करके कमाल कर दिया।

By Harish chandra tiwari Edited By: Swati Singh Updated: Wed, 17 Jan 2024 09:06 AM (IST)
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एम्स ऋषिकेश में रोबोटिक तकनीक से किया पित्त की थैली के कैंसर का सफल ऑपरेशन
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सक दिन-प्रतिदिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। हाल ही में एम्स ऋषिकेश के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने रोबोट तकनीक से एक ऐसे मरीज की सफल सर्जरी की जिसकी पित्त की थैली में कैंसर बन चुका था और चीरे के माध्यम से सर्जरी करना बहुत ही जोखिम भरा था। मरीज अब स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

ऋषिकेश के मुनिकीरेती क्षेत्र निवासी 36 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद देवली लंबे समय से पेट दर्द से परेशान थे। अपनी बीमारी को उन्होंने कई निजी अस्पतालों में दिखाया लेकिन उन्हें कोई आराम नहीं मिला।

ओपीडी में दिखाया तो कैंसर का पता चला

एम्स ऋषिकेश के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलाजी ओपीडी में दिखाने पर उन्हें पता चला कि उनकी पित्त की थैली में कैंसर बन गया है और यह जिगर (लीवर ) तक फैल चुका है। कैंसर का आकार बड़ा होने क कारण उन्हें पहले मेडिकल आन्कोलाजी विभाग में कीमोथेरेपी के लिए भेजा गया। कीमो के बाद दूसरी जांच में तय किया गया कि बीमारी के निदान के लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है।

रोबोट तकनीक से हुआ ऑपरेशन

सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. निर्झर राकेश ने बताया कि पित्त की थैली के कैंसर का ऑपरेशन खुले चीरे से करना बहुत ही जटिल होता है। इसलिए यह जटिल ऑपरेशन रोबोट तकनीक से किया गया। उन्होंने बताया कि लगभग पांच घंटे तक चली यह जटिल सर्जरी पिछले महीने 22 दिसंबर को की गई है।

टीम के सदस्य और सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलाजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. लोकेश अरोड़ा ने कहा कि पित्त के कैंसर का समय रहते इलाज न हुआ तो यह बीमारी तेजी से शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाती है और मरीज का जीवन खतरे में पड़ जाता है।

डॉक्टरों की इस टीम ने की सर्जरी

सर्जरी करने वाली टीम में डा. निर्झर राज राकेश, डा. लोकेश अरोड़ा, डा. सुनीता सुमन, डा. मिथुन एवं डा. नीरज यादव और एनेस्थेसिया विभाग से डा. अंकित अग्रवाल, डा. अरूण और डा. अरहान शामिल थे। जबकि रितेश, मनीष व सुरेश आदि नर्सिंग आफिसर्स का विशेष सहयोग रहा।

एम्स ऋषिकेश में बढ़ रही हैं सुविधाएं

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह और चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर आरबी कालिया ने इस सफल सर्जरी के लिए सर्जिकल एवं एनेस्थीसिया विभाग की टीम को बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि एम्स में पेट रोग से संबंधित समस्या वाले रोगियों के लिए प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को गैस्ट्रो सर्जिकल ओपीडी नियमित तौर पर सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक संचालित होती है।

कैसे होती है रोबोटिक सर्जरी

रोबोटिक सर्जरी एक उच्चतम तकनीकी सर्जरी है। जिसमें एक रोबोटिक सिस्टम का उपयोग होता है जो चिकित्सक को सहायता रोबोटिक सर्जरी एक उच्चतम तकनीकी सर्जरी है। जिसमें एक रोबोटिक सिस्टम का उपयोग होता है जो ऑपरेशन करने के लिए चिकित्सक को सहायता करता है। इसमें चिकित्सक विशेष उपकरणों और दृश्य प्रदान करने वाले संकेतकों का उपयोग करता है। जिन्हें रोबोटिक आर्म्स से नियंत्रित किया जाता है। इसमें चिकित्सक विशेष उपकरणों और दृश्य प्रदान करने वाले संकेतकों का उपयोग करता है। जिन्हें रोबोटिक आर्म्स से नियंत्रित किया जाता है।

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