खुदाई में मिली प्राचीन देवमूर्ति, ग्रामीणों ने पेड़ पर किया विराजमान Dehradun News
देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र साहिया के कोठा गांव में ग्रामीणों को खुदाई में एक प्राचीन देवमूर्ति मिली। मूर्ति को यमुना नदी में स्नान कराने के बाद पेड़ पर विराजमान किया गया है।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Sat, 09 May 2020 10:23 AM (IST)
देहरादून, भगत सिंह तोमर। देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र साहिया के कोठा गांव में ग्रामीणों को खुदाई में एक प्राचीन देवमूर्ति मिली। मूर्ति को हरिपुर में यमुना नदी में स्नान कराने के बाद कंडारा खेड़ा में पेड़ पर विराजमान किया गया है।
ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि मूर्ति स्थापित करने के लिए छह महीने के भीतर वह गांव में मंदिर का निर्माण कर देंगे। उधर, मौके पर पहुंचे राजस्व उपनिरीक्षक ने कहा कि भगवान शिव से मिलती-जुलती इस मूर्ति का पुरातात्विक महत्व पता लगवाने के लिए वह जल्द तहसीलदार को रिपोर्ट सौंपेंगे।
कालसी ब्लॉक के कोठा गांव निवासी टीकम सिंह ने बताया कि उन्हें सपने में गांव से कुछ दूर कंडारा खेड़ा में मूर्ति के दबे होने का आभास हुआ। इसके बाद उक्त स्थान पर खुदाई की गई तो तीन फीट की गहराई में अष्टधातु की मूर्ति मिली। जिसे देव मालियों ने शिलगुर देवता की बताया।
हालांकि, भगवान शिव से मिलती-जुलती यह मूर्ति किस देवता और किस काल की है, यह तो यह पुरातत्व विभाग ही बता पाएगा। टीकम सिंह ने बताया कि कोठा गांव में एक भी मंदिर नहीं है। इसलिए ग्रामीणों ने अब यहां मंदिर बनाने का निर्णय लिया है।
देव माली दिनेश तोमर व टीकम सिंह ने हरिपुर पहुंचकर मूर्ति को यमुना नदी में स्नान कराया। इसके बाद मूर्ति को कोठा गांव में एक पेड़ पर विराजमान कर दिया गया। इस अवसर पर बलबीर तोमर, शूरवीर तोमर, कल सिंह, परम सिंह, रतन सिंह, सरदार, संतराम, केदार सिंह, नारायण सिंह, सूरत सिंह आदि मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें: 18 मई को खुलेंगे चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट Chamoli Newsबताया गया कि मंदिर का निर्माण होने के बाद मूर्ति को गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा। उधर, मूर्ति के बारे में जानकारी मिलने के बाद एसडीएम कालसी अपूर्वा सिंह के निर्देश पर राजस्व उपनिरीक्षक जयलाल शर्मा, सुखदेव जिनाटा व कमलेश शर्मा कोठा गांव पहुंचे। राजस्व उपनिरीक्षक ने बताया कि इस संबंध में वे जल्द तहसीलदार को इस संबंध में रिपोर्ट सौंपेंगे।
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