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Ankita Murder: घर की आर्थिक तंगी दूर करने शहर आई थी अंकिता, दुखी पिता बोले- बेटी जिस भी हालत में हो मुझे दे दो

Ankita Murder Case अंकिता भंडारी अपने माता-पिता और बड़े भाई अजय भंडारी की सबसे लाडली रही। परिवार भले ही आर्थिक तंगी में रहा मगर उन्होंने कभी अंकिता को इसकी कमी महसूस नहीं होने दी। पिता व मां इन दरिंदों को अब फांसी के फंदे पर देखना चाहते हैं।

By Durga prasad nautiyalEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 24 Sep 2022 08:32 AM (IST)
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Ankita Murder Case : अंकिता भंडारी। फाइल फोटो
दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश: Ankita Murder Case : उत्‍तराखंड में पौड़ी के एक गांव में पली-बढ़ी एक बालिका सुनहरे भविष्य के सपने बुनकर शहर में आई। मगर, उसके सपनों को वह मुकाम नहीं मिल पाया, जिसे वह पाना चाहती थीं। दरिंदों ने अपनी काली करतूतों को छिपाने के लिए एक बेटी के सपनों को शक्ति नहर की अथाह जलराशि में मौत की नींद सुला दिया।

सबको झकझोर देने वाले इस हत्याकांड के बाद सबसे बड़ा दुखों का पहाड़ तो उन माता-पिता पर टूटा है, जो अपनी लाडली बेटी को खो चुके हैं। पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी व मां सोनी देवी इन दरिंदों को अब फांसी के फंदे पर देखना चाहते हैं। उनकी इच्छा है कि उनकी बेटी जिस भी हाल में है उन्हें मिल जाए।

माता-पिता और भाई की थी लाडली

  • अंकिता भंडारी अपने माता-पिता और बड़े भाई अजय भंडारी की सबसे लाडली रही। परिवार भले ही आर्थिक तंगी में रहा मगर, उन्होंने कभी अंकिता को इसकी कमी महसूस नहीं होने दी।
  • मगर, होनहार अंकिता अपने परिवार की विवशता और आर्थिक परिस्थिति को भली भांति जानती थी।
  • पढ़ाई-लिखाई के बाद अंकिता ने अपने कदमों पर खड़े होने की ठानी और सुनहरे सपने बुनकर उसने शहर का रुख कर दिया।
  • हालांकि जब उसने पढाई के बाद नौकरी करने का प्रस्ताव स्वजन के सामने रखा तो किसी को भी रास नहीं आया।
  • मगर अंकिता की जिद के आगे माता-पिता और भाई की एक भी न चली।
  • ओएलएक्स एप पर नौकरी की सर्च करते हुए जब अंकिता को गंगा भोगपुर स्थित वनन्तरा रिसार्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर नौकरी का आफर मिला तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था।
  • अंकिता को लगा कि अब उसके सपनों को पंख लग जाएंगे।
  • अंकिता 28-29 अगस्त को अपने पिता वीरेंद्र भंडारी के साथ इस रिसार्ट में नौकरी ज्वाइन करने आई थी।
  • नौकरी पाकर वह खुश थी, गांव के भीतर संचालित रिसार्ट में नौकरी मिलने पर पिता को भी संतोष था।
  • मगर, उन्हें मालूम नहीं था कि जिस बेटी को उन्होंने 19 साल तक अपने जिगर से लगाकर पाला उसे वह किसी सपनों की दुनिया में नहीं बल्कि मौत के दरवाजे तक छोड़कर लौट रहे हैं।
  • नौकरी ज्वाइन करने के बाद अंकिता लगातार अपने माता-पिता के साथ फोन के जरिये संपर्क में रहती थी।
  • पिता वीरेंद्र सिंह ने बताया कि 17 सितंबर को उनकी आखिरी बार अपनी बेटी से बात हुई थी।
  • तब अंकिता के साथ बात करने पर उन्हें कतई नहीं लगा कि वह परेशान है।
  • अंकिता अपनी सभी छोटी बड़ी बातें अपने दोस्त जम्मू निवासी पुष्प के साथ शेयर करती थीं।
  • उसने पुष्प को रिसार्ट में उसके साथ हो रहे बर्ताव की एक-एक जानकारी साझा की, जो आज भी उसके मोबाइल चैट में मौजूद है।
  • अंकिता की ओर से साझा की गई बातें ही इस पूरे घटनाक्रम के पर्दाफाश की अहम कड़ी बनी।
  • पिछले चार दिनों से अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह, भाई अजय व अन्य रिश्तेदार उसका इंतजार करते रहे।
  • शुक्रवार की सुबह जब पुलिस ने अंकिता की हत्या का पर्दाफाश किया तो स्वजन की बाकी उम्मीदें भी धराशाही हो गई।
  • अब पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी एडिशनल एसपी शेखर सुयाल से एक ही गुहार लगा रहे हैं कि उनकी बेटी जिस भी हालत में है (जिंदा या मुर्दा) उन्हें दिला दें।

पुष्प की आंखों से नहीं थम रहे आंसू

दरअसल अंकिता, पुष्प को पसंद करती थी। इन दोनों की मुलाकात को लंबा समय बीत गया था। अंकिता अपने घर में पुष्प के साथ विवाह का प्रस्ताव भी रख चुकी थी। मगर, अंतरजातीय होने के कारण स्वजन इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे।

बावजद इसके स्वजन को अंकिता की पुष्प के साथ बातचीत और दोस्ती को लेकर भी कोई परहेज नहीं था। अंकिता की रहस्यमय गुमशुदगी की बात भी सबसे पहले पुष्प ने ही उनके स्वजन को दी। इस घटना के बाद पुष्प स्वयं चार दिन से यहां अंकिता के स्वजन के साथ पूरे मामले की छानबीन में जुटा है।

शुक्रवार को जब हत्यारोपितों ने अंकिता की हत्या की बात स्वीकार की तो उसके बाद से पुष्प की आंखें भी नम है। वह समझ नहीं पा रहा है कि आखिर अंकिता के साथ उसका क्या रिश्ता रहा।

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