Ankita Murder Case: कांग्रेस ने सरकार पर लगाया आरोप, कहा- अंकिता हत्याकांड की हो सीबीआइ जांच
Ankita Murder Case कांग्रेस ने अंकिता हत्याकांड में सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा व पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रिसार्ट पर बुलडोजर चला कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई।
By JagranEdited By: Sunil NegiUpdated: Mon, 26 Sep 2022 07:04 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून : Ankita Murder Case: कांग्रेस ने अंकिता हत्याकांड की जांच को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सोमवार को संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत में सरकार पर जांच को भटकाने का आरोप लगाया।
बुलडोजर चला कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की
उन्होंने आरोप लगाया कि अंकिता जिस रिसार्ट में काम कर रही थी, उसे घटना स्थल न मानकर बुलडोजर से क्षतिग्रस्त करना और आगजनी साक्ष्यों से छेड़छाड़ का प्रयास है। रिसार्ट में बार-बार जाने वाले वीआइपी की जानकारी सामने आनी चाहिए। इस हत्याकांड की जांच सीबीआइ से कराई जानी चाहिए।
भाजपा शासनकाल में यह तीसरा प्रकरण
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में नेताद्वय के साथ अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट से विधायक मदन सिंह बिष्ट ने अंकिता हत्याकांड के बहाने सत्तारूढ़ दल भाजपा को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में यह तीसरा प्रकरण है।- पहला प्रकरण भाजपा संगठन के एक नेता के विरुद्ध उनकी ही पार्टी की नेता ने उत्पीड़न का आरोप लगाने के रूप में सामने आया था।
- इसके बाद द्वाराहाट से भाजपा के पूर्व विधायक पर एक महिला के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। सरकार और सत्तारूढ़ दल ने इस मामले में डीएनए टेस्ट कराने की आवश्यकता महसूस नहीं की।
- अब अंकिता हत्याकांड में भी आरोपित सत्तारूढ़ दल से जुड़े रहे हैं।
Ankita Murder Case: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अंकिता की मां और पिता से की मुलाकात, सीएम धामी को फोन कर बताए हालात
रिसार्ट पर तुरंत चला दिया बुलडोजर
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि रिसार्ट को घटना स्थल के दायरे में नहीं रखना सवाल खड़े करता है। इस प्रकरण में आरोपित के परिवार के अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर नहीं चलाया गया, लेकिन रिसार्ट पर तुरंत बुलडोजर चला दिया गया।24 घंटे के भीतर सच को सामने लाना चाहिए
रिसार्ट के जिस कमरे में अंकिता रहती थी, उसे तोड़ना प्रशासन और पुलिस की नीयत पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर अंकिता के हवाले से चैट में किसी वीआइपी को अतिरिक्त सेवा देने का दबाव बनाने की बात सामने आई है। यह वीआइपी कौन है, मुख्यमंत्री को 24 घंटे के भीतर इस सच को सामने लाना चाहिए।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।