Ankita Murder Case: जिम्मेदारों की शह पर खड़ा हुआ अवैध वनन्तरा रिसार्ट, अधिकारी बचते रहे कार्रवाई करने से
Ankita Murder Case वर्ष 2017 से 2019 के बीच कैंडी फैक्ट्री की आड़ में तैयार इस रिसार्ट के लिए किसी भी जिम्मेदार विभाग से अनुमति नहीं ली गई। पुलकित के राजनीतिक प्रभाव के चलते अंकिता हत्याकांड से जुड़े वनन्तरा रिसार्ट पर अधिकारी कार्रवाई करने से हमेशा बचते रहे।
By JagranEdited By: Sunil NegiUpdated: Tue, 27 Sep 2022 11:17 PM (IST)
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: Ankita Murder Case: भाजपा से निष्कासित विनोद आर्या के बेटे एवं अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपित पुलकित आर्या का गंगा भोगपुर में बना अवैध वनन्तरा रिसार्ट जिम्मेदारों की शह पर खड़ा हुआ।
वर्ष 2017 से 2019 के बीच कैंडी फैक्ट्री की आड़ में बने इस रिसार्ट के लिए किसी भी जिम्मेदार विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई और न जिम्मेदार अधिकारियों ने ही निर्माण के दौरान इस तरफ झांकने की जरूरत समझी। ऐसे में जिला विकास प्राधिकरण, प्रशासन, राजाजी टाइगर रिजर्व व राजस्व विभाग के यहां तैनात रहे अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठना लाजिमी है।
12 वर्ष पूर्व ग्रामीणों से खरीदी भूमि
पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लाक स्थित राजस्व क्षेत्र गंगा भोगपुर तल्ला में करीब 12 वर्ष पूर्व पुलकित आर्या ने ग्रामीणों से भूमि खरीदकर आंवला कैंडी फैक्ट्री लगाई थी। वर्ष 2017 से 19 के बीच इसी फैक्ट्री की आड़ में उसने यहां रिसार्ट तैयार किया।रिसार्ट के लिए कोई मानचित्र नहीं कराया पास
प्रशासन की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि उक्त रिसार्ट के लिए पुलकित ने कोई मानचित्र जिला विकास प्राधिकरण पौड़ी से पास नहीं कराया। वर्ष 2017 से मार्च 2019 तक रामजी शरण शर्मा प्राधिकरण के सचिव रहे। लेकिन, उनकी ओर से कभी इस निर्माण को लेकर नोटिस तक नहीं दिया गया।
किसी ने रिसार्ट की जांच जरूरी नहीं समझी
यह रिसार्ट राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा में है, लिहाजा यहां किसी भी तरह की गतिविधि के लिए राजाजी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी है। वर्ष 2017 से 2019 के बीच इस रेंज में राजेंद्र प्रसाद, दिनेश उनियाल व धीर सिंह वन क्षेत्राधिकारी और सनातन, अमित वर्मा, डीके पात्रो व डीके सिंह पार्क के निदेशक रहे। बावजूद इसके किसी ने भी इस रिसार्ट की जांच जरूरी नहीं समझी।पटवारी, तहसीलदार व उपजिलाधिकारी भी जिम्मेदार
राजस्व क्षेत्र में इस बीच वैभव प्रताप ही उप राजस्व निरीक्षक के पद पर था, जिसे दायित्चों में लापरवाही करने पर निलंबित कर दिया गया है। जबकि, इस दौर में प्रमोद कुमार व मनीष कुमार उपजिलाधिकारी और श्याम सिंह राणा तहसीदार के पद पर तैनात रहे। राजस्व क्षेत्र होने के कारण पटवारी, तहसीलदार व उपजिलाधिकारी भी इस अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्होंने कभी कार्रवाई तो दूर, रस्मअदायगी के तौर नोटिस तक जारी नहीं किया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।अंकिता हत्याकांड से पहले इसका नहीं लिया संज्ञान
वर्तमान में इला गिरी जिला विकास प्राधिकरण में सचिव, एमएस रावत रेंजर, डा. साकेत बडोला पार्क निदेशक, मनजीत सिंह गिल तहसीलदार, प्रमोद कुमार एसडीएम और संतोष कुंवर थानाध्यक्ष के पद पर तैनात हैं, लेकिन इन्होंने भी अंकिता हत्याकांड से पहले इस फर्जीवाड़े का कभी संज्ञान नहीं लिया।कुल मिलाकर जिम्मेदार यदि गंभीरता के साथ शुरूआत में ही इस रिसार्ट की जांच-पड़ताल कर लेते तो पुलकित के हौसले इस कदर न बढ़ते। यह भी आरोप है कि इस अनदेखी के बदले अधिकारी समय-समय पर पुलकित के इस रिसार्ट में अपने मेहमानों को ठहराते थे और स्वयं भी इसका लाभ लेते थे।पटवारी का पुलकित से था अच्छा गठजोड़
अंकिता हत्याकांड में लापरवाही के मामले में निलंबित पटवारी वैभव प्रताप का तो पुलकित के साथ अच्छा-खासा गठजोड़ था। यही वजह रही कि पुलकित की ऐय्याशी का यह अड्डा फलता-फूलता रहा और जिम्मेदार आंख मूंदकर सब कुछ देखते रहे। पुलकित के वनन्तरा रिसार्ट की तरह ही गंगा भोगपुर तल्ला व मल्ला में डेढ़ दर्जन से अधिक रिसार्ट खुले हैं, जिनके पास किसी भी जिम्मेदार विभाग की अनुमति प्राप्त नहीं है। Ankita Murder Case: कांग्रेस ने सरकार को किया कठघरे में खड़ा, सिटिंग जज की निगरानी में CBI जांच की मांग कीपुलिस के लिए गले की फांस बना ध्वस्तीकरण का मामला
अंकिता हत्याकांड में तीन आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद वनन्तरा रिसार्ट में हुई तोड़फोड़, बुलडोजर से संपत्ति के ध्वस्तीकरण और आगजनी का मामला अब पुलिस के लिए गले की फांस बन गया है।- पुलिस ने 23 सितंबर को रिसार्ट स्वामी पुलकित आर्या व उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार कर अंकिता हत्याकांड का राजफाश किया था। इसके बाद वनन्तरा रिसार्ट आ धमकी भीड़ ने वहां पथराव के साथ तोड़फोड़ कर दी थी।
- स्थिति ने बिगड़े, इसके लिए चीला चौकी प्रभारी श्रद्धानंद सेमवाल के नेतृत्व में यहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। लेकिन, रात करीब 12 बजे पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने यहां बुलडोजर से तोड़फोड कर दी। यहां तैनात पुलिस बल के लिए भीड़ को रोकना संभव नहीं था, जिस पर थाने से अतिरिक्त फोर्स मंगाकर बुलडोजर की कार्रवाई को रोका गया।
- इसके बाद तड़के तीन बजे क्षेत्रीय विधायक रेनू बिष्ट ने अपनी मौजूदगी में मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी के आदेश का हवाला देते हुए संपत्ति पर बुलडोजर चलवा दिया। यह कार्रवाई एक घंटे तक चली, जिसे पुलिस भी नहीं रोक पाई।
- हालांकि, बुलडोजर की इस कार्रवाई को पुलिस ने अपने इंटरनेट मीडिया के अधिकृत पेज पर शेयर किया। यहीं नहीं, मुख्यमंत्री ने भी इस कार्रवाई की ट्वीट कर जानकारी दी। मगर, बाद में जिलाधिकारी ने बुलडोजर चलाने संबंधी आदेश जारी करने की बात से इन्कार कर दिया।