विधायक पूरण सिंह फर्त्याल को मनाने की एक और कोशिश, सांसद अजय भट्ट और अजय टम्टा करेंगे बात
लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरण सिंह फर्त्याल को मनाने की पार्टी एक और कोशिश करेगी। भाजपा की कोर कमेटी में लिए गए निर्णय के अनुसार सांसद अजय भट्ट और अजय टम्टा जल्द ही विधायक फर्त्याल से बातचीत करेंगे। इसके बाद भी वह नहीं माने तो पार्टी उनके खिलाफ एक्शन लेगी।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 05 Oct 2020 09:03 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरण सिंह फर्त्याल को मनाने की पार्टी एक और कोशिश करेगी। भाजपा की कोर कमेटी में लिए गए निर्णय के अनुसार सांसद अजय भट्ट और अजय टम्टा जल्द ही विधायक फर्त्याल से बातचीत करेंगे। इसके बाद भी वह नहीं माने तो पार्टी उनके खिलाफ एक्शन लेगी।
विधायक फर्त्याल टनकपुर-जौलजीबी मार्ग के टेंडर में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मुखर हैं। इस मामले के आलोक में वह सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर भी सवाल उठा चुके हैं। पूर्व में उनके द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र भेजकर प्रकरण की जांच की मांग उठाई गई थी। बाद में प्रदेश भाजपा ने उन्हें तलब किया, मगर उनके तेवर नरम नहीं पड़े।इस बीच विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधायक फर्त्याल ने सड़क के इस मामले में सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने का प्रयास किया, हालांकि यह स्वीकार नहीं हुआ। अलबत्ता, विपक्ष ने यह मुद्दा लपकते हुए सरकार को निशाने पर लिया था। इसके बाद भाजपा ने विधायक फर्त्याल के रवैये को अनुशासनहीनता की श्रेणी में मानते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा। फर्त्याल इसका जवाव भी दे चुके हैं। उनका कहना है कि सड़क से जुड़े भ्रष्टाचार के इस मामले को वह पहले से उठाते आ रहे हैं। उनकी यही मांग है कि प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में भी यह मसला उठा। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बंशीधर भगत के अनुसार विधायक फर्त्याल से दोनों सांसद जल्द ही बातचीत करेंगे। यदि वह फिर भी नहीं मानते हैं तो केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा।यह भी पढ़ें: BJP Core Committee Meeting: भाजपा ने मंत्री और विधायकों के लिए तय किया अनुशासन का दायरा, जानें- और क्या कुछ रहा खास
मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चामंत्रिमंडल में रिक्त चल रहे तीन पदों को भरने के संबंध में भी भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में चर्चा की गई। प्रदेश अध्यक्ष भगत के अनुसार मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री के विवेकाधीन का मसला है। मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि वह केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा कर लें। मुख्यमंत्री ही इस बारे में फैसला लेंगे। यह भी पढ़ें: निशंक बोले, कृषि सुधार विधेयकों पर कांग्रेस का दोगला व छल कपट भरा चरित्र हुआ उजागर
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