छात्रवृत्ति घोटाले में डिप्टी डायरेक्टर अनुराग शंखधर पर गिरी निलंबन की गाज
छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में जेल गए उप निदेशक जनजाति कल्याण अनुराग शंखधर को निलंबित कर दिया गया है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 20 May 2019 08:50 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में जनजाति निदेशालय के उप निदेशक और तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी हरिद्वार अनुराग शंखधर को आखिरकार शासन ने निलंबित कर ही दिया। निदेशालय की संस्तुति पर समाज कल्याण सचिव एल फैनई ने निलंबन के आदेश जारी किए हैं। सरकारी धन का गबन, फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति जारी करने तथा भ्रष्टाचार के मुकदमे में एसआइटी ने शंखधर को गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में सुद्धोवाला जेल में बंद है। इधर, आरोपित के खिलाफ विभागीय जांच पर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है।
वर्ष 2012 से 2017 के बीच बांटी गई करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति घोटाले की जांच एसआइटी कर रही है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर हो रही इस जांच में अभी तक हरिद्वार के 10 कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई कर एसआइटी 12 लोगों को जेल भेज चुकी है। इसमें हरिद्वार के समाज कल्याण अधिकारी रहे अनुराग शंखधर भी शामिल है। एसआइटी की कार्रवाई से बचने को शंखधर पहले 39 दिन उपर्जित अवकाश पर चले गए थे। एसआइटी की सख्ती हुई तो वह 16 मई को बयान दर्ज कराने पहुंचे। इसी दौरान एसआइटी ने शंखधर को गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद से जनजाति निदेशालय और शासन के अधिकारी आरोपित के निलंबन का मामला एक-दूसरे की तरफ उछालते रहे। आखिरकार पांच दिन बाद सोमवार को निदेशालय ने आरोपित के निलंबन की संस्तुति शासन को भेज दी। इसके कुछ देर बाद ही शासन ने शंखधर के निलंबन के आदेश जारी कर दिए। समाज कल्याण विभाग के सचिव फैनई ने कहा कि एसआइटी की कार्रवाई की सूचना के बाद शंखधर के खिलाफ सरकारी सेवक नियमावली के तहत निलंबन की कार्रवाई की गई है।
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