गढ़ी कैंट क्षेत्र में सेना 10 दिन में बनाएगी डेरी फार्म वैली ब्रिज
देहरादून के गढ़ी कैंट क्षेत्र में डेरी फार्म पुल के क्षतिग्रस्त होने पर सेना द्वारा इस स्थान पर वैली ब्रिज का निर्माण किया जाएगा।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 08 Jan 2019 09:40 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। गढ़ी कैंट क्षेत्र में डेरी फार्म पुल के क्षतिग्रस्त होने पर सेना द्वारा इस स्थान पर वैली ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए धनराशि भी जारी हो गई है। मसूरी विधायक गणोश जोशी ने सोमवार को सेना व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ क्षेत्र का संयुक्त निरीक्षण किया। दावा किया कि अगले दस दिन में इस स्थान पर वैली ब्रिज तैयार हो जाएगा। जामुनवाला में पुल तक सड़क की स्थिति को भी सुधारा जाएगा।
बता दें, गढ़ी कैंट को वीरपुर से जोड़ने वाला पुल कुछ दिन पहले टूट गया था। इसके बाद डेरी फार्म वाले पुल से ही वाहनों की आवाजाही हो रही थी। लेकिन पांच दिन पहले यह पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया था। ऐसे में इस पुल से बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। रास्ता बंद होने से आसपास के बीस से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। ग्रामीणों ने लगातार शासन, प्रशासन व सैन्य प्रशासन से मुलाकात कर जल्द ही इस स्थान पर पुल निर्माण की मांग की है। क्षेत्रीय विधायक गणोश जोशी ने सोमवार को सेना व लोनिवि के अधिकारियों के साथ क्षतिग्रस्त पुल का स्थलीय निरीक्षण किया और लोगों को भरोसा दिया कि जल्द ही यहां पर सेना द्वारा वैली ब्रिज बनाया जायेगा। इस अवसर पर उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल भाष्कर कलिता ने सेना की 116 ब्रिगेड के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर पुल निर्माण के संदर्भ में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामीणों की समस्या को हल कर सेना की प्राथमिकता है।
सेना द्वारा यहां पर वैली ब्रिज का निर्माण जल्द करा दिया जाएगा। वहीं डेरी फार्म में सेना द्वारा वैली ब्रिज बनाए जाने के बाद लोक निर्माण विभाग वीरपुर पुल निर्माण करेगा। लोनिवि द्वारा यहां पर आगामी 22 जनवरी तक पुल निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है। विधायक जोशी ने लोनिवि के अधिकारियों को कहा कि निर्माण कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। सेना के एडम कमांडेंट कर्नल वीरेन्द्र सिंह, कर्नल क्यू एसके मल्होत्र, लोनिवि के अधिशासी अभियंता जगमोहन चौहान, कनिष्ठ अभियंता जीएस रावत, दीपक पुंडीर, राकेश शर्मा, नैन सिंह पंवार आदि मौजूद रहे।यह भी पढ़ें: देहरादून में 115 साल पुराना पुल भरभराकर गिरी, दो लोगों की मौत
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