छात्रवृत्ति घोटाले में संयुक्त निदेशक समेत सात की गिरफ्तारी तय
छात्रवृत्ति घोटाले में शासन ने सात लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज करने तथा गिरफ्तारी की अनुमति दे दी है। इससे संयुक्त निदेशक सहित सात की गिरफ्तारी तय है।
By BhanuEdited By: Updated: Wed, 12 Jun 2019 11:36 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले में शासन ने सात लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज करने तथा गिरफ्तारी की अनुमति दे दी है। इससे समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक समेत सहायक समाज कल्याण अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तय हो गई है। उधर, एसआइटी का कहना है कि शासन का पत्र मिलते ही इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति वितरण में हरिद्वार जनपद में करोड़ों रुपये का घपला हुआ है। इस मामले में उप निदेशक एवं पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसआइटी ने छात्रवृत्ति वितरण में शामिल रहे सात अधिकारियों के खिलाफ अनुमति मांगी थी। न्याय विभाग ने विधिक राय दे दी थी। इसके बाद समाज कल्याण सचिव ने सभी आरोपितों के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति जारी कर दी। अपर सचिव समाज कल्याण रामविलास यादव ने बताया कि विधिक राय मिलने के बाद छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल, पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे दीपराज अग्निहोत्री, सहायक समाज कल्याण अधिकारी खानपुर सोम प्रकाश, सहायक समाज कल्याण अधिकारी भगवानपुर विनोद नैथानी और सहायक समाज कल्याण अधिकारी लक्सर मुनीष त्यागी समेत कुल सात लोगों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति दी गई है।
इनमें से दो लोगों का सेवानिवृत्ति के बाद निधन हो गया है। एसआइटी सूत्रों का कहना है कि अनुमति पत्र अभी उन्हें नहीं मिला है। जैसे ही पत्र मिलेगा, इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। दून के मुकदमे में धीमी जांच
देहरादून में दर्ज मुकदमे में एसआइटी की जांच धीमी गति से बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि यहां के कॉलेज संचालकों ने अधिकांश दस्तावेज पुख्ता कर लिए हैं। इससे एसआइटी को घोटाले के सबूत जुटाने में दिक्कत हो रही है। खासकर प्रेमनगर क्षेत्र के नामी कॉलेजों पर हाथ डालने से पहले एसआइटी हर पहलू की बारीकी से जांच कराना चाहती है।यह भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने लगाई पहली चार्जशीट, कार्मिकों के खिलाफ मांगी अनुमति
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