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उत्तराखंड में बेंगलुरु की तर्ज पर यातायात की समस्याओं से निपटेगा AI, जानें कैसे काम करेगा सॉफ्टवेयर?

AI Traffic Management उत्तराखंड में बढ़ती यातायात समस्याओं से निपटने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( एआइ ) का इस्तेमाल किया जाएगा। बेंगलुरु की तर्ज पर एआइ की मदद से बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों त्योहारों वीकेंड में यातायात दबाव धरना-प्रदर्शन दुर्घटनाओं के कारण यातायात बाधित होने तथा अतिक्रमण को चिह्नित करने में व्यापक समाधान प्रदान किया जाएगा।

By Soban singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 19 Oct 2024 01:41 PM (IST)
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AI Traffic Management: यातायात पुलिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद लेने जा रही है। प्रतीकात्‍मक

जागरण संवाददाता, देहरादून। AI Traffic Management: उत्तराखंड में बढ़ती यातायात की समस्या से निपटने के लिए यातायात पुलिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद लेने जा रही है। इसके लिए यातायात निदेशालय ने यातायात प्रबंधन संबंधी सोल्यूशन तैयार करने वाले समूह आर्किड्स के पदाधिकारियों से संपर्क साधा है।

एआइ की मदद से बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों जैसे कि प्रमुख त्योहारों, वीकेंड में यातायात दबाव, धरना-प्रदर्शन, दुर्घटनाओं के कारण यातायात बाधित होने तथा अतिक्रमण को चिह्नित करने में व्यापक समाधान प्रदान किया जाएगा।

बेंगलुरु में प्रमुख सड़कों पर यात्रा का समय 20-33 प्रतिशत तक कम

बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस ने एआइ संचालित सिग्नलों से प्रमुख सड़कों पर यात्रा के समय को 20-33 प्रतिशत तक कम कर दिया है। अब यातायात निदेशालय की ओर से यही तकनीक उत्तराखंड में शुरू करने जा रही है। जिसके लिए यातायात निदेशक अरुण मोहन जोशी ने आर्किड्स के पदाधिकारियों के साथ संपर्क किया है।

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शुक्रवार को पटेल भवन में आयोजित एक गोष्ठी के दौरान यातायात निदेशक ने बताया कि बेंगलुरु में यातायात प्रबंधन के लिए एआइ साफ़्टवेयर अस्ट्राम डेवलेप किया गया है। राज्य में यातायात से संबंधित मौजूद हार्डवेयर तथा सोल्यूशन के साथ एआइ का प्रयोग करते हुए एक डायनामिक एआइ सोल्यूशन तैयार किया जाएगा। इस साफ़्टवेयर को मौजूदा सीसीटीवी, ट्रैफिक सिग्नल, वीडियो मैसेजिंग डिस्पले राडार से जोड़ा जाएगा।

साफ्टवेयर आंकड़ों के आधार पर एसआइ सिस्टम स्वत: सिग्नल संचालित करेगा और वीडियो मैसेजिंग के माध्यम से सूचनाएं प्रेषित करेगा। इसके साथ ही ट्रैफिक वाल्यूम का आकलन कर जाम के कारणों की पहचान करने में सक्षम होगा। गोष्ठी में आर्किड्स के डायरेक्टर व आपरेशन प्रमुख वैंकट सब्बा राव चुंदुरु निदेशक सोल्यूशन डिलिवरी श्रीनिवास से वीडियो के माध्यम से बात की, वहीं रचिन पराशर मैप माई इंडिया गोष्ठी में मौजूद रहे।

वाहन चालकों को मिलेंगे नोटिफिकेशन

इस साफ्टवेयर को एप के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में वैकल्पिक मार्गों के लिए नोटिफिकेशन मिलेंगे, ताकि वे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से बच सकें और यात्रा का समय कम हो सके। इससे यातायात का दबाव भी घटेगा, साथ ही वाहन चालकों को पार्किंग की उपलब्धता व अन्य अपडेट के नोटिफिकेशन भी मिलेंगे।

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चारधाम में भी होगा एआइ का इस्तेमाल

यातायात निदेशक ने बताया कि प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं, जिससे तीर्थ मार्गों पर यातायात का दबाव काफी बढ़ जाता है। एआइ साल्यूशन की मदद से तीर्थयात्रियों की संख्या और वाहनों के आवागमन को ट्रैक किया जाएगा।

एआइ से आंकड़ों के आधार पर भीड़ प्रबंधन, यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ना, आपातकालीन स्थितियों में तत्काल निर्णय लेना जैसे आटो मोड पर स्वतः संचालित किया जाएगा। एआइ सिस्टम इस दिशा में समय पर और सटीक जानकारी प्रदान करेगा जिससे यात्रा सुरक्षित और सुविधाजनक हो सके।

आर्किड्स समूह के पदाधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

यातायात निदेशक अरुण मोहन जोशी ने आर्किड्स समूह के पदाधिकारियों को शहर में मौजूद हार्डवेयर एवं सोल्यूशन का आकलन करने के लिए निर्देशित किया। पूर्ण आकलन के बाद वर्तमान परिस्थितियों व आवश्यकताओं के अनुरूप साफ्टवेयर डेवलेप करने और उस पर आने वाले खर्चे से अवगत करवाने को कहा। इस प्रणाली के माध्यम से मुख्य सड़कों, हाईवे और यात्रा मार्गों पर यातायात के प्रवाह को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगा।

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