पांच डाक्टरों से हाईप्रोफाइल ठगी, जेएंडके पुलिस से साधा संपर्क
पांच डाक्टरों से हुई लाखों की ठगी में पुलिस ने अस्पताल से उसके मूल निवास संबंधित दस्तावेजों को लेकर इस संबंध में जम्मू-कश्मीर पुलिस से बात की।
By Edited By: Updated: Sat, 14 Sep 2019 01:55 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। महंत इंदिरेश मेडिकल कॉलेज के पांच डाक्टरों से हुई करीब 41 लाख 60 हजार रुपये की हाईप्रोफाइल ठगी की विवेचना आरंभ करने के पहले दिन उत्तराखंड पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क साधा। इसके लिए पुलिस ने अस्पताल से उसके मूल निवास संबंधित दस्तावेजों को लेकर इस संबंध में जम्मू-कश्मीर पुलिस से बात की। बता दें कि आरोपित चिकित्सक भी इसी अस्पताल में करीब 12 साल से तैनात था और मूलरूप से जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है। वह दो महीने से फरार है।
महंत इंदिरेश मेडिकल कॉलेज के डॉ. विवेक बिज्जन, डॉ. विमल कुमार दीक्षित, डॉ.पंकज दीक्षित, डॉ.नवनीत बड़ोनी व डॉ.अरविंद मक्कड़ का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले डॉ.राकेश भारती ने पत्नी दीपिका के साथ मिलकर ठगी की है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने डाक्टर दंपती पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पटेलनगर पुलिस ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से आरोपित डाक्टर के मूल निवास से संबंधित दस्तावेज प्राप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क साधा। पुलिस को शक है कि पीड़ित डाक्टरों को जिस तरह से कई महीने से ठगी के लिए जाल में फंसाने की कोशिश की जा रही थी।
ऐसी स्थिति में काफी हद तक संभव है कि राकेश भारती जम्मू-कश्मीर के पते पर हो ही नहीं। उसने कहीं और ठिकाना बना रखा है। फिलहाल इसका पता लगाने के लिए पुलिस उसके और उसकी पत्नी के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल रिकार्ड और बैंक खातों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
यह है पूरा मामला डॉ. राकेश भारती ने छह मई 2018 को डॉ. विवेक बिज्जन, डॉ. विमल कुमार दीक्षित, डॉ.पंकज दीक्षित, डॉ.नवनीत बड़ोनी व डॉ.अरविंद मक्कड़ को खाने पर बुलाया। यहां उसकी पत्नी दीपिका भी थी। राकेश ने बताया कि वह अपनी पत्नी के नाम से जम्मू में एक फार्मा कंपनी खोल रहा है। कंपनी को विस्तार देने की योजना है, जिसमें लाखों रुपये निवेश किए जाएंगे। यदि वह सभी निवेश करें तो उन्हें अच्छा मुनाफा होगा। राकेश चूंकि अस्पताल में कई साल नौकरी कर रहा था, लिहाजा सभी को उसकी बात पर यकीन हो गया। यही नहीं राकेश ने बताया कि उसकी कंपनी रजिस्टर्ड है। उसकी बातों में आकर डॉ. विवेक बिज्जन ने 6.60 लाख, डॉ.विमल कुमार दीक्षित ने 10 लाख, डॉ.पंकज दीक्षित ने 6.50 लाख, डॉ.नवनीत बड़ोनी ने 12.50 लाख व डॉ.अरविंद मक्कड़ ने छह लाख रुपये दे दिए। मगर बीती जुलाई में राकेश और उसकी पत्नी अचानक यहां से गायब हो गए। दोनों के मोबाइल बंद आने लगे तो उसने जो इन डाक्टरों को चेक दिए थे, उसे उन्होंने बैंक में लगाया। यहां जब चेक बाउंस हो गए तब डाक्टरों को ठगी का अहसास हुआ।
यह भी पढ़ें: दवा कंपनी खोलने के नाम पर 41 लाख रुपये हड़पे Dehradun Newsबोली एसपीएसपी सिटी श्वेता चौबे का कहना है कि डाक्टरों से ठगी के आरोपित चिकित्सक के मूल पते के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क किया गया है। वहां से विवरण आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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