सीरियल देख अशोक ने रची थी दोहरे कत्ल की पटकथा Dehradun News
अशोक ने कामना के कत्ल की पटकथा क्राइम सीरियल और इंटरनेट पर अपराध के किस्सों को बारीकी से पढ़ने के बाद लिखी। हत्या का इल्जाम उसने उस युवक पर मढ़ दिया जिसकी हत्या पहले कर चुका था।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 05 Sep 2019 11:44 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। कामना को रास्ते से हटाकर प्रेमिका के साथ सुकून से जिंदगी गुजारने का हसीन सपना देख रहे अशोक ने यह नहीं सोचा था कि उसकी बाकी की जिंदगी अब सलाखों के पीछे गुजरने वाली है। दरअसल, अशोक ने कामना के कत्ल की पटकथा क्राइम सीरियल और इंटरनेट पर अपराध के किस्सों को बारीकी से पढ़ने के बाद लिखी थी। उसे लगा कि उसका प्लान बेहद पुख्ता है और जैसा वह सोच रहा है वैसा ही होगा, लेकिन कहते हैं न कि इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपता। रिंकू और कामना के डबल मर्डर के पीछे की कहानी ने इस पर एक बार फिर मुहर लगा दी।
अशोक के मुताबिक पूरा घटनाक्रमकामना नेहरू कॉलोनी के माता मंदिर रोड पर बुटीक चलाती थी, जबकि उसका पति अशोक उर्फ कपिल ट्रांसपोर्ट कारोबारी है। अशोक ने आरोप लगाया था कि गुरुवार रात करीब 11.30 बजे अशोक की बुआ का बेटा रिंकू उर्फ अजय वर्मा निवासी अमन विहार, रायपुर उसके घर आया। उसके साथ दो लोग और थे।
अशोक ने रिंकू को घर में बुला लिया। रिंकू के पानी मांगने पर अशोक किचन में पानी लेने चला गया। तभी रिंकू ड्राइंग रूम से उठकर बेडरूम में गया और वहां अपनी तीन साल की बच्ची के साथ सो रही कामना के सिर से रिवाल्वर सटाकर गोली मार दी।
गोली की आवाज सुनकर अशोक वहां पहुंचा तो रिंकू ने अशोक पर भी फायर झोंक दिया। गोली अशोक की कमर को भेदते हुए पेट से पार हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस को अशोक ने बताया था कि वारदात को अंजाम देने के बाद रिंकू घर में लगे सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर को भी उखाड़ ले गया है।
पुलिस ने किया ये खुलासा
पुलिस के मुताबिक बुटीक संचालिका कामना रोहिला की हत्या उसके पति अशोक ने ही अपने जिगरी दोस्तों से कराई थी। रिंकू नाम के जिस लड़के के सिर वह कातिल होने का आरोप पिछले पांच दिनों से मढ़ रहा था, वह जिंदा ही नहीं है। अशोक पिछले साल नवंबर में राजस्थान ले जाकर उसका कत्ल करवा चुका है। दस महीने के इंतजार के बाद 29 अगस्त की रात मौका मिलते ही उन्हीं दोस्तों से पत्नी कामना का भी खून करा दिया।
लालच, शक और कुंठा से कराई हत्या
रिंकू और कामना की हत्या की पटकथा लालच, शक और कुंठा से भी भरी है, जिसका मुख्य किरदार अशोक रोहिला है। शुरुआत अशोक और कामना की मुलाकात से करते हैं। वर्ष 2008-09 में अशोक सरधना मेरठ से पढ़ाई पूरी कर देहरादून आ गया। यहां चकराता रोड पर एक पीसीओ में काम करने के साथ डीजे में काम करने लगा।
डीजे में उसके साथ एक युवती भी काम करती थी। दोनों में नजदीकियां बढ़ ही रहीं थीं कि अचानक अशोक की जिंदगी में कामना दाखिल होती है। इस बीच कामना की अशोक की गर्लफ्रेंड के भाई से शादी तय हो गई, लेकिन कुछ ही दिनों बाद कामना ने उस लड़के से शादी करने से इन्कार करते हुए अशोक को जीवनसाथी बनाने की जिद की।
दोनों लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने लगे। इस बीच अशोक का कामना से मन भरने लगा और वह शादी से कतराने लगा। अशोक का रुख भांप कर कामना ने उससे कहा कि वह अब कहां जाएगी। लिहाजा मजबूरी में अशोक ने वर्ष 2014 में कामना से कोर्ट मैरिज कर ली और बाद में दोनों परिवारों की सहमति से विवाह भी कर लिया।
फिर दोनों धर्मपुर में माता मंदिर रोड पर आशियाना बनाया। कामना बुटीक चलाने में व्यस्त हो गई और अशोक अपने ट्रांसपोर्ट के काम को आगे बढ़ाने में लग गया। दोनों के रहे विवाहेत्तर संबंध एक-दो साल तक सब ठीक चला, मगर तभी अशोक को पता चला कि कामना एक बार फिर किसी के साथ रिलेशन में है। इधर, अशोक भी कम नहीं था, कामना से शादी के बाद भी वह अपनी गर्लफ्रेंड के संपर्क में बना रहा। दोनों को एक-दूसरे के विवाहेत्तर रिश्तों के बारे में पता चला तो घर में झगड़े होने लगे और एक ही छत के नीचे रहते हुए दोनों में दूरियां बढ़ने लगीं। इस बीच अशोक ने कामना के नाम पर 60 से 70 लाख रुपये का कर्ज ले लिया, जिसकी बदौलत कामना ने आलीशान बुटीक खड़ा कर दिया। मगर अब अशोक को लगने लगा था कि जल्द ही उसने कुछ नहीं किया तो उसकी जिंदगी नर्क बन जाएगी। अशोक इन दिनों क्राइम सीरियल देखते हुए इंटरनेट पर अपराध और उसके खुलासे की तमाम खबरों को पढऩे लगा और इस उधेड़बुन में लग गया कि कैसे वह कामना को रास्ते से हटाए कि उस पर चाह के भी कोई शक न कर सके। साजिश के तहत रिंकू को बनाया पहला शिकाररिंकू उर्फ अजय वर्मा निवासी अमन विहार अशोक की सगी बुआ की देवरानी का लड़का था। रिंकू को बचपन में ही नशे की लत लग गई थी। तब उसके घर वालों ने उसे तिरस्कृत कर दिया। उस समय अशोक ने ही रिंकू को सहारा दिया और अपने घर पर रख लिया। रिंकू उसके काम में हाथ बंटाने लगा। दो फरवरी 2014 को रिंकू और उसके दोस्तों ने डालनवाला में नितिन सिंह नाम के लड़के का कत्ल कर दिया। इसके बाद कई महीने तक रिंकू जेल में रहा। वर्ष 2015 में जेल से छूटने के बाद रिंकू दोबारा अशोक के घर आया, लेकिन तब तक अशोक की कामना से शादी हो चुकी थी। कामना ने रिंकू के घर में रहने पर आपत्ति जताई तो रिंकू का आना-जाना कम हो गया। इस दौरान रिंकू और अशोक का झगड़ा भी हुआ, जिसे अशोक ने खूब प्रचारित किया था। इस समय तक रिंकू को उसके घर वाले भी संपत्ति से बेदखल कर चुके थे। लिहाजा रिंकू इधर-उधर जैसे-तैसे जिंदगी गुजारने लगा। वर्ष 2018 की शुरुआत से बना रहा था योजनावर्ष 2018 में अशोक और कामना के रिश्तों में तल्खी इस कदर बढ़ गई कि अशोक ने सोच लिया कि चाहे जो हो वह कामना को रास्ते से हटाकर रहेगा। इस योजना पर पहले उसने अपने स्कूल के समय के दोस्त दीपक और उसके भाई गौरव और परवेज निवासी सरधना मेरठ से बात की। तय हुआ कि कामना को इस तरह से रास्ते से हटाया जाए कि कोई उस पर शक न कर सके। तय हुआ कि रिंकू को कोई पूछने वाला नहीं है, यदि उसका कत्ल कर कामना को मारा जाए और रिंकू का नाम ले लिया जाए तो पुलिस कभी भी असली खूनी तक नहीं पहुंच पाएगी। कई महीने की तैयारी के बाद अशोक ने सोचा कि रिंकू को ऐसे बुलाया जाएगा तो बात बिगड़ सकती है। इसलिए अशोक ने अपने जन्मदिन के दिन से इस योजना पर अमल करने का फैसला किया। रिंकू को राजस्थान भेज कराया कत्लअशोक ने तीन नवंबर 2018 को रिंकू को फोन कर उसे जन्मदिन की पार्टी में आने का न्योता दिया। इधर, अशोक ने दीपक, गौरव व परवेज को भी पार्टी में शामिल होने के लिए बुलाया। रिंकू अशोक के घर ठहरा, जबकि बाकी के साथी घर के पास के एक होटल में ठहरे। रात में जमकर पार्टी हुई। इस दौरान अशोक ने रिंकू से कहा कि वह कब तक खानाबदोश की तरह जिंदगी काटेगा। वह जमानत पर बाहर है, उसे वह राजस्थान में नौकरी दिला देगा, जहां वह आराम से बाकी की जिंदगी गुजार सकता है और पुलिस कभी उस तक नहीं पहुंच पाएगी। रिंकू के तैयार होने पर अशोक ने ही गाड़ी बुक कराई और दीपक, गौरव और परवेज के साथ राजस्थान भेज दिया। राजस्थान में चुरू के पास रास्ते में तीनों ने रिंकू को शराब में कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। रिंकू बेहोश हुआ तो तीनों ने गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी और शव को रास्ते में झाड़ियों में छिपाकर अपने-अपने घर मेरठ लौट गए। कत्ल के बाद भी जिंदा रखा रिंकू का नामअशोक जानता था कि रिंकू मर चुका है। अब उसने प्लानिंग के दूसरे हिस्से की शुरुआत की। वह अपने घर वालों से कहता कि आज ङ्क्षरकू ने उसे फोन पर धमकी दी है। एक बार तो उसने पुलिस को भी फोन किया कि रिंकू ने उसे बाइक से धक्का देकर गिरा दिया है, लेकिन तब पुलिस ने इसे सामान्य शिकायत मानकर अनसुना कर दिया। अब सब कुछ अशोक की प्लानिंग के तहत हो रहा था। रिंकू के बारे में दस महीने तक वह इसी तरह के आरोप लगाता रहा, मगर इस ओर कभी किसी का ध्यान नहीं गया कि रिंकू सामने क्यों नहीं आ रहा है। इसका अशोक ने फायदा उठाया और जब कामना के कत्ल के बाद उसने कहा कि गोली रिंकू ने मारी है तो सभी ने उसकी बात पर यकीन भी कर लिया, लेकिन पुलिस के गले यह बात नहीं उतर रही थी। इस पर पुलिस ने हर पहलु को ध्यान में रख जांच जारी रखी।कॉल डिटेल ने खोला कत्ल का राजकामना के कत्ल की शुरूआती तफ्तीश में पुलिस भी मानने लगी थी कि कत्ल में रिंकू का हाथ हो सकता है। इस एंगल पर पुलिस काम भी करने लगी थी, लेकिन जब पुलिस को अशोक के मोबाइल की कॉल डिटेल रिकार्ड सामने आई तो पुलिस को तीन-चार नंबरों पर शक हुआ। कामना के कत्ल से पहले इन नंबरों से अशोक की रोज बात होती थी, कत्ल की रात के बाद एकदम से बातचीत बंद हो गई। यह सुराग कामना के साथ रिंकू की हत्या की गुत्थी सुलझाने में बेहद अहम साबित हुआ। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि अशोक की सीडीआर से ही पुलिस को दीपक, गौरव और परवेज के मोबाइल नंबर मिले थे। महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती अशोक से जब इन तीनों के बारे में पूछा तो उसने सकपकाते हुए कहा कि वह उसके स्कूल के दिनों के दोस्त हैं। इतना सुनने के बाद पुलिस तीनों की तलाश में निकल पड़ी। दीपक और गौरव अपने घर से गायब मिले तो परवेज के बारे में पुलिस को कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने इन तीनों तक पहुंचने के लिए जाल बिछाना शुरू किया तो इसी बीच एक मुखबिर ने सूचना दी कि दीपक और गौरव मेरठ में हैं और दिल्ली नंबर की एक कार से राजस्थान भागने की तैयारी में हैं। इस सूचना मेरठ पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में दोनों को सरधना रोड से गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने बताया कि यह कार भी अशोक की ही है। गौरव ने बताया कि 29 अगस्त की रात कामना का कत्ल करने के बाद अशोक ने यह गाड़ी उसे भागने के लिए दी थी। दोस्त की पत्नी की मौत और एक फोन तक नहींसीडीआर देखने के बाद पुलिस को एक बात और खटकी थी। वह यह कि जिन दोस्तों से अशोक की इतनी नजदीकी थी कि रोज बात होती थी, वह उसकी पत्नी के कत्ल के बाद मिलने तक नहीं आए। मिलने आने की बात तो दूर फोन तक नहीं किया। पुलिस को तभी आभास हो गया था हो न हो, इन दोस्तों का कत्ल से सीधा संबंध है। यह भी पढ़ें: कामना हत्याकांड का खौफनाक सच, पति ने एक साल पहले ही लिख डाली थी पटकथातीस हजार में खरीदी थी पिस्टलगौरव ने बताया कि कामना की हत्या के लिए उसने मेरठ के एक अपराधी से तीस हजार रुपये में पिस्टल खरीदी थी। पुलिस को यह पिस्टल अभी तक नहीं मिली है। एसपी सिटी ने बताया कि गौरव ने पूछताछ में बताया कि कामना के कत्ल के बाद अशोक ने पिस्टल अपने पास यह कहते हुए रख ली थी कि वह भागने के दौरान चेकिंग में पकड़ा गया तो मुश्किल खड़ी होगी। फिलहाल अशोक का घर सील है, पिस्टल बरामदगी के लिए पुलिस जल्द ही सर्च वारंट लेकर उसके घर की तलाशी ले सकती है। यह भी पढ़ें: दून में दंपती को मारी गोली, महिला की मौत; पति की हालत गंभीरडीजी एलओ ने किया पुरस्कृतकामना के साथ अतीत में गुम हो चुके रिंकू के कत्ल की गुत्थी सुलझाने में एसपी सिटी श्वेता चौबे की अगुवाई में लगी एसओ नेहरू कॉलोनी दिलबर सिंह नेगी और एसओजी की पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था ने सराहना की है। उन्होंने टीम को दस हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया है। वहीं एसएसपी आइजी गढ़वाल ने पांच हजार और एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने ढाई हजार रुपये ईनाम की घोषणा की है।यह भी पढ़ें: बुटीक संचालिका कामना को सिर के पीछे मारी गई थी गोली, जानिए पूरा मामला
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