विधानसभा और सचिवालय भी आए टैक्स के दायरे में, निगम वसूलेगा भवन कर
नगर निगम क्षेत्र में भवन कर के दायरे में केवल आमजन या व्यापारी ही नहीं, बल्कि विधानसभा एवं सचिवालय को भी शामिल कर लिया गया है।
By BhanuEdited By: Updated: Tue, 29 Jan 2019 12:16 PM (IST)
देहरादून, अंकुर अग्रवाल। नगर निगम क्षेत्र में भवन कर के दायरे में केवल आमजन या व्यापारी ही नहीं, बल्कि विधानसभा एवं सचिवालय को भी शामिल कर लिया गया है। निगम की ओर से भवन कर वसूली के लिए विधानसभा प्रशासन व सचिवालय को नोटिस भेजा गया है। इसके साथ-साथ राज्य संपत्ति विभाग एवं पुलिस मुख्यालय को भी नोटिस भेजकर भवन कर चुकाने को कहा गया है।
शहरी क्षेत्र में बने राज्य संपत्ति विभाग के सभी कार्यालयों के साथ सचिवालय कालोनी, ट्रांजिट हॉस्टल, गेस्ट हाउसों और पुलिस के सभी अफसरों के कार्यालयों व थाने-चौकियों को भी इस दायरे में शामिल किया गया है। नगर निगम को इनसे करीब चार करोड़ रुपये सालाना भवन कर मिलने की उम्मीद है।नगर निगम क्षेत्र में करीब 200 राजकीय व केंद्रीय प्रतिष्ठान हैं। इन सभी को निगम ने व्यवसायिक भवन के दायरे में लिया है। निगम क्षेत्र में भवन कर की दो श्रेणियां हैं। एक आवासीय दूसरी व्यवसायिक।
महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि व्यवसायिक भवन कर में भी अलग-अलग श्रेणियां हैं। इनमें एक श्रेणी गैर-आवासीय है, इसी में सरकारी कार्यालयों को शामिल किया गया है। जो सरकारी भवन आवास में इस्तेमाल हो रहे हैं, उनसे आवासीय श्रेणी का भवन कर वसूला जाएगा।
भवन कर के दायरे में सरकारी स्कूल व अस्पताल भी हैं। चूंकि, नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2016-17 से ही व्यवसायिक भवन कर की वसूली शुरू की है, लिहाजा इन सभी भवनों से पिछले दो वर्ष और इस वर्ष का भवन कर एकसाथ लिया जाएगा। हालांकि, तीनों वर्षों का भवन कर कुछ समयांतराल में अलग-अलग चुकाने की छूट भी दी जाएगी।
सेल्फ असेसमेंट में अंतर पर चार गुना जुर्माना
महापौर ने कर अनुभाग को अब शहर में सेल्फ असेसमेंट की जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, भवन कर प्रणाली में निगम ने भवन स्वामी को सेल्फ असेसमेंट करने की छूट दी हुई है। इसी हिसाब से कर भी जमा किया गया। अब निगम टीमें ये जांच करेंगी कि सेल्फ असेसमेंट सही भी किया गया या नहीं। जिस भवन में असेसमेंट में गड़बड़ी मिली, उसके स्वामी पर चार गुना जुर्माना लगाया जाएगा। मसलन, किसी ने सेल्फ असेसमेंट के आधार पर 60 हजार रुपये भवन कर जमा किया और निगम के असेसमेंट में कर 90 हजार रुपये बैठता है तो दोनों के अंतर यानी 30 हजार रुपये का चार गुना जुर्माना देना पड़ेगा। ये राशि एक लाख 20 हजार रुपये बैठेगी।
लक्ष्य पूरा करना होगा चुनौतीनिगम के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 का 25 करोड़ रुपये का भवन कर वसूली का लक्ष्य पूरा करना चुनौती दिख रहा है। भवन कर अधीक्षक धर्मेश पैन्यूली ने वर्तमान की रिपोर्ट महापौर को सौंपी है। महापौर ने इस पर अधिकारियों से चर्चा की और लक्ष्य के सापेक्ष जाने के लिए शीघ्र वसूली कैंप को लगाने के निर्देश दिए।
छूट के तीन दिन शेष, गफलत कायमभवन कर में छूट का लाभ उठाने के अब महज तीन दिन शेष बचे हैं। निगम हर वर्ष समय से भवन कर जमा करने वालों को 20 फीसद की छूट देता है। इस मर्तबा यह तिथि 31 जनवरी तय की गई थी। हालांकि निगम प्रशासन ने दावा किया था कि छूट का लाभ देने के लिए वार्डों में कैंप लगाए जाएंगे, जो लगे नहीं। अब महापौर गामा पर निर्भर करता है कि वे छूट की सीमा को आगे बढ़ाते हैं या नहीं। इस पर गफलत कायम है।
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