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सवा करोड़ की आबादी को मिलेगा सुरक्षा कवच, जानिए

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक उम्मीद की किरण लेकर आई है।

By Edited By: Updated: Wed, 02 Jan 2019 07:05 PM (IST)
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सवा करोड़ की आबादी को मिलेगा सुरक्षा कवच, जानिए
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के एक करोड़ 21 लाख लोगों के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक उम्मीद की किरण लेकर आई है। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार ने हर परिवार को सरकारी व चिह्नित निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सेवा मुफ्त मुहैया कराने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत हो चुकी है और लोगों ने इसका लाभ भी लेना शुरू कर दिया है। केंद्र द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर ही प्रदेश सरकार ने बेहद महत्वाकांक्षी अटल आयुष्मान योजना शुरू की है। इस योजना में सरकार ने पूर्व में चल रही मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना समेत अन्य सरकारी योजनाओं को समाहित कर दिया है। इसके तहत सभी परिवारों को पांच लाख रुपये तक की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं दी जानी प्रस्तावित हैं। ये सुविधाएं सरकारी के साथ ही निजी चिकित्सालयों में भी दी जाएंगी। हालांकि, ओपीडी निश्शुल्क नहीं होगी।

इसका लाभ मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही मिलना शुरू होगा। इसमें एक व्यवस्था यह भी की गई है कि सरकारी अस्पतालों से रेफर करने पर ही निजी अस्पतालों में इलाज होगा। एक सुविधा यह है कि आपात स्थिति में सीधे नजदीकी निजी चिकित्सालयों में पात्र व्यक्ति को भर्ती किया जा सकता है। 

इस योजना के पहला चरण 25 दिसंबर को लागू हो चुका है। इसका दूसरा चरण 26 जनवरी को लागू होगा। इस चरण में सरकारी कर्मचारियों को शामिल किया गया है। उन्हें इस योजना का लाभ लेने के लिए आसान दरों पर प्रतिमाह भुगतान करना होगा। इन्हें एक सुविधा यह रहेगी कि यह सीधे निजी चिकित्सालयों में ही इलाज शुरू करा सकते हैं। सरकार जल्द ही बुजुर्ग व बच्चों के लिए निश्शुल्क ओपीडी की सुविधा भी शुरू करने की तैयारी कर रही है। पहले वर्ष इस योजना में 250 करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्मीद है। 
1350 बीमारियों को किया गया है शामिल 
सरकार ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत 1350 बीमारियों के पैकेज का चयन मुफ्त इलाज के लिए किया गया है। इनमें सर्जरी से जुड़ी 253, मूत्र रोग से संबंधित 161 पैकेज, बच्चों की बीमारियों के 156, हृदय रोग से संबंधित 130, अस्थि रोग के 114, प्लास्टिक व बर्न सर्जरी के 115, कैंसर के 112, नाक, कान व गला रोग से जुड़े 94, महिला रोग से जुड़े 73, आंखों से जुड़े 42 व दंत रोग के नौ पैकेज शामिल हैं। 
ये लोग होंगे पात्र 
इस योजना को पूरे प्रदेश के निवासियों के लिए लागू किया गया है, लेकिन इसमें एक शर्त यह है कि लाभार्थी उसी को माना जाएगा जिसका नाम 2012 की मतदाता सूची में शामिल होगा। जो परिवार केंद्रीय स्वास्थ्य योजना व अन्य सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना से लाभ पा रहे हैं वे इसके दायरे से बाहर रहेंगे। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड दिया जाएगा। लाभार्थी अपना व परिवार का विवरण इस योजना के लिए जारी मोबाइल एप से ले सकते हैं। जिनका नाम इस सूची में नहीं होगा, उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय में इसके लिए आवेदन करना होगा। 
हालांकि, कार्ड उन्हीं को मिलेगा जो 2012 के पहले से ही उत्तराखंड में निवास कर रहे होंगे। आरोग्य मित्र करेंगे सहायता सरकारी व सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में आरोग्य मित्रों की तैनाती की जा रही है। ये आरोग्य मित्र मरीजों व उनके परिजनों को योजना की जानकारी देने के साथ ही उपचार के दौरान उनकी हर तरह की सहायता करेंगे। आरोग्य मित्र के रूप में फिलहाल मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में कार्यरत कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है। डॉक्टर व कर्मियों को भी मिलेगा लाभ इस योजना का लाभ सरकारी अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारियों को भी मिलेगा। दरअसल, सरकार निजी चिकित्सालयों के समान ही सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज का पैसा देगी। इनमें से एक निश्चित प्रतिशत चिकित्सकों व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को भी दिया जाएगा। 
सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने कहा कि अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में अभी तक 28 हजार लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। योजना के तहत चिह्नित अस्पतालों में 132 लोग इसका लाभ भी ले चुके हैं।
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