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अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम टीम पर हमला Dehradun News

मोती बाजार में एक फर्नीचर व्यापारी ने निगम की टीम पर हमला कर दिया। नगर निगम टीम बाजार में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। हमले के विरोध में निगम कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।

By BhanuEdited By: Updated: Fri, 28 Jun 2019 09:03 AM (IST)
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अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम टीम पर हमला Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। इंदौर में भाजपा विधायक द्वारा नगर निगम दस्ते पर हमले का मामले को 24 घंटे भी नहीं गुजरे थे कि देहरादून में भी मोती बाजार में एक फर्नीचर व्यापारी ने निगम की टीम पर हमला कर दिया। नगर निगम टीम बाजार में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। वहां व्यापारी ने फुटपॉथ से लेकर सड़क तक पर अवैध कब्जा किया हुआ था। 

आरोप है कि व्यापारी व उसके स्टॉफ ने कर निरीक्षक पर हमला कर निगम टीम पर भी हमला किया। इसमें कर निरीक्षक के हाथ की हड्डी टूट गई। सूचना से गुस्साए नगर निगम कर्मियों ने निगम दफ्तर में तत्काल तालाबंदी कर दी और बेमियादी हड़ताल पर चले गए। निगम कर्मियों ने नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय को अल्टीमेटम दिया है कि मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी होने तक हड़ताल नहीं टूटेगी। 

वहीं, कर अधीक्षक विनय प्रताप की तहरीर पर पुलिस ने फर्नीचर व्यापारी एवं स्टॉफ के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

शहर में सड़कों पर अतिक्रमण के विरुद्ध महापौर सुनील उनियाल गामा के निर्देश पर नियमित रूप से कार्रवाई कर रही निगम की टीम पलटन बाजार से सड़कें व फुटपॉथ खाली कराती हुई मोती बाजार तक पहुंची। यहां फुटपॉथ तो दूर सड़क के दोनों तरफ व्यापारियों ने अवैध कब्जा किया था। जब टीम ने कार्रवाई शुरू कर सामान हटाना एवं जब्त करना शुरू किया तो कुछ व्यापारी विरोध करने लगे। 

आरोप है कि जब लक्ष्मी फर्नीचर के बाहर से सामान हटाया गया तो उसके मालिक ने निगम टीम पर हमला कर दिया। व्यापारी का स्टॉफ भी बाहर आ गया और निगम कर्मियों को धकियाकर हाथापाई कर दी। व्यापारियों ने टीम को घेर लिया व इस दौरान फर्नीचर व्यापारी ने कर निरीक्षक को जबरदस्त धक्का दिया, जिससे वह दूर जाकर गिरे। इसमें कर निरीक्षक बाबूलाल पंवार बुरी तरह जख्मी हो गए व उनके हाथ में फ्रैक्चर हो गया। उन्हें दून अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

हमले के बाद निगम के कई कर्मचारी मौके पर पहुंच गए व जमकर हंगामा हुआ। व्यापारियों व निगम कर्मियों में जमकर नोंकझोंक व धक्का-मुक्की हुई। इस दौरान भारी पुलिस बल वहां पहुंचा व स्थिति नियंत्रित की। निगम कर्मी आरोपित व्यापारी व उसके स्टॉफ की गिरफ्तारी करने की मांग पर अड़े रहे।

इधर, गुस्साए निगम कर्मी नगर निगम में पहुंचे और मुख्य गेट पर ताला डाल दिया। इसके बाद तमाम अनुभागों में भी तालाबंदी कर दी। जिससे हाउस टैक्स, भूमि अनुभाग समेत ऊर्जा, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य अनुभाग आदि में कामकाज ठप पड़ गया। तब तक आमजन निगम से काम कराकर निकल चुके थे। उस वक्त केवल सरकारी कार्य निबटाया जा रहा था।

मोती बाजार में सफाई ठप

नगर निगम कर्मियों ने मोती बाजार में सफाई का कार्य ठप कर दिया है। कर्मियों का कहना है कि अगर एक व्यापारी हमले में शामिल होता तो मामला व्यक्तिगत रहता लेकिन जिस तरह सभी व्यापारियों ने निगम टीम को घेरकर हमला किया, उसमें बाजार के सभी व्यापारियों की साजिश शामिल है। लिहाजा, निगम कर्मियों ने मामले का हल निकलने तक बाजार में सफाई के कार्य को बेमियादी रूप से ठप कर दिया है। 

निगम कर्मियों के मोबाइल छीने

दुकानदारों ने इस हमले की विडियो बना रहे होमगार्ड व कर्मचारियों के मोबाइल तक छीन लिए। इसे लेकर निगम कर्मचारियों की व्यापारियों के साथ तनातनी भी हुई। 

अभी सफाईकर्मी हड़ताल से दूर

हड़ताल में अभी सफाई कर्मी शामिल नहीं है। नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ के महामंत्री धीरज भारती ने बताया कि सभी सफाई कर्मी शुक्रवार को नियमित रूप से काम करेंगे। हड़ताल में शामिल होने पर गुरुवार दोपहर को बातचीत के बाद फैसला लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि निगम के सभी कर्मी एकसाथ खड़े हैं। 

हमला दुर्भाग्यपूर्ण 

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय के अनुसार, नगर निगम की टीम सरकारी कार्य के लिए बाजार गई थी। अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट के निर्देश हैं। टीम लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में कार्रवाई कर रही है। निगम टीम पर हमला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आरोपित व्यापारी व उनके स्टॉफ के विरुद्ध कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। निगम कर्मचारियों को समझाकर समाजहित में काम पर लौटने को कहा गया है।

आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद ही लौटेंगे काम पर 

नगर विकास कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नाम बहादुर के मुताबिक, पहले भी इस तरह की घटनाएं होती रही हैं। निगम कर्मचारी अपने घर के लिए नहीं बल्कि सरकार के लिए कार्य करते हैं। अगर इसी तरह हमले होते रहे तो कर्मचारियों का काम करना मुश्किल हो जाएगा। हमने नगर आयुक्त के सामने अपनी मांग रख दी है कि जब तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक हड़ताल नहीं टूटेगी। 

बेलगाम अतिक्रमणकारी, नतमस्तक प्रशासन

इसे प्रशासनिक मशीनरी की विफलता ही कहेंगे कि दून में हर तरफ अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। सड़क, फुटपाथ, नाली या फिर सरकारी जमीन। हर जगह बेधड़क कब्जा किया जा रहा। अतिक्रमणकारियों की हनक भी ऐसी है कि सरकारी टीमें भी बैरंग लौट जाएं। अक्टूबर 2017 में वसंत विहार के इंदिरानगर में अवैध कब्जा हटाने को गई नगर निगम टीम पर फायङ्क्षरग का मामला हो या फिर गुरूवार को मोती बाजार में टीम पर हमले का मामला। ऐसे मामलों में नाकामी सिर्फ पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की है। 

पहले तो कब्जेदारों को रोका नहीं गया व जब नींद टूटी तो विरोध मुंह ताने सामने खड़ा रहा। यही खिलाफत बाकी जगह हुए अतिक्रमण पर भी हावी रहती है। 

मोती बाजार में अतिक्रमण को हटाने गई नगर निगम टीम पर हमला, नगर निगम अधिकारी का हाथ तोडऩा, हाथापाई, मोबाइल छीनने जैसी घटना ने ये साफ कर दिया कि दून में अतिक्रमणकारी बेखौफ एवं बेलगाम हैं। स्थिति यह है कि गत 19 वर्षों में नगर निगम की 7800 हेक्टेयर जमीन में से अब केवल 240 हेक्टेयर बाकी बची है। हजारों हेक्टेयर जमीन पर भूमाफिया कब्जा किए बैठा है। 

हालात ये हैं कि अफसरों की कमजोर इच्छाशक्ति व राजनीति दखलंदाजी के चलते करोड़ों रुपये की संपत्ति पर अवैध कब्जा हो चुका है। कहीं माफिया दबंगई से कब्जे कर लिए तो कहीं नेताओं ने वोट बैंक की की खातिर जिसे चाहे उसे जमीनों पर बसा डाला। छोटे-मोटे भूमाफिया के साथ ही अब बिल्डरों ने भी निगम की संपत्तियों पर कब्जा शुरू कर दिया है। अपने प्रोजेक्ट के आसपास निगम की जमीनों पर बिल्डर भी कब्जा करने में देर नहीं लगा रहे। 

शहर में कई जगह ऐसी हैं, जहां प्राइम लोकेशन पर निगम की जमीनें हैं। इनकी कीमत भी उसी तर्ज पर है लेकिन खुलेआम चल रहे कब्जे के खेल के बावजूद निगम ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। हां, महज खानापूरी के लिए कभी-कभार अतिक्रमण हटाने का ड्रामा जरूर किया, मगर जमीनें खाली नहीं हुई। अफसरों का अगर यही रवैया रहा तो इस शेष जमीन पर भी कब-किसकी नजर पड़ जाए, कहा नहीं जा सकता।

फुटपॉथ पर नहीं मिलती जगह

सरकारी मशीनरी दावा करती रहती है कि, राजधानी में फुटपॉथ हैं। मगर सच एकदम उलट है। फुटपॉथ तो दूर की बात, यहां तो लोगों को पैदल चलने की जगह भी मौजूद नहीं दिखती। कहीं सड़क पर दुकान सजी हैं तो कहीं वर्कशॉप चल रहे हैं। ऊपर से वाहनों की रेलमपेल अलग। शहर का कोई हिस्सा ऐसा नहीं है, जहां अतिक्रमण पसरा हुआ न हो। वाहनों का सड़कों से गुजरना मुश्किल हो चुका है व पैदल चलने वाले जगह तलाशते हैं कि कहां चलें। 

शहर के मुख्य बाजार पलटन बाजार और धामावाला समेत मोती बाजार, डिस्पेंसरी रोड, राजपुर रोड, चकराता रोड, आढ़त बाजार, कांवली रोड, गांधी रोड, प्रिंस चौक व झंडा बाजार आदि के हालात देखकर अंदाजा हो सकता है कि अतिक्रमण अनदेखा करने में हमारी सरकारी मशीनरी कितनी आगे है। 

स्कूटर तक खड़ा करने नहीं देते

बाजार में व्यापारियों की दबंगई की स्थिति ऐसी है कि अगर आप किसी की दुकान के सामने स्कूटर और बाइक खड़ी कर दें तो ये लडऩे-मारने को उतारू हो जाते हैं। भले ही दुकान का आधा माल बाहर फुटपॉथ और सड़क पर सजाकर कब्जा किए रहें, लेकिन अगर कोई विरोध कर दे तो समझिए उसकी शामत आ गई। 

मंत्री जी के दावे भी हुए हवा

शहर को अतिक्रमणमुक्त करने व मॉडल बनाने के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के दावे भी हवा हो गए हैं। स्थिति ऐसी है कि कौशिक के ड्रीम-प्रोजेक्ट आइएसबीटी से घंटाघर मॉडल रोड पर दोबारा से अवैध कब्जे हो चुके हैं। जिला प्रशासन पूरी तरह तमाशबीन बना हुआ। सरकार ने इच्छाशक्ति जताई थी तो जून-2017 में एक अभियान चलाया गया, मगर उसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई के नाम पर एक अवैध पत्थर तक नहीं हटाया।  

यहां भी कब्जाई गई हैं जमीनें

-ब्रह्मावाला खाला में करीब 70 बीघा

-ढाकपट्टी राजपुर में करीब 15 बीघा

-मयूर विहार में करीब पांच बीघा

-सोनिया बस्ती में करीब पांच बीघा

-लोहारवाला किशननगर में पांच बीघा

-निरंजनपुर पटेलनगर में पांच बीघा

-कारगी में 100 बीघा जमीन

-शहरभर में जगह-जगह अन्य जमीनों व नदी-नालों पर भी कब्जे

यह है शहर का सूरतेहाल

-सड़कों के दोनों ओर नालियों तक फैला है अतिक्रमण

-फुटपॉथ पर व्यापारियों, फड़-ठेली वालों का कब्जा

-व्यापारियों ने फुटपॉथ के साथ-साथ सड़कों तक सजाया है सामान

-सड़क पर चल रहे वर्कशॉप, फर्नीचर बनाने का काम भी सड़क पर

-सड़कों के दोनों ओर लगी रहती हैं फल-सब्जी, खाने-पीने की ठेलियां

-कहीं आग लग जाए तो दमकल की गाड़ी का पहुंचना मुश्किल

-अतिक्रमण के चलते बाजारों में भीड़ होने से बड़ रही छेड़खानी 

-पर्स चोरी, चेन लूट आदि वारदातों में भी हो रहा इजाफा

-अतिक्रमण के चलते हादसों का ग्राफ भी बढ़ रहा लगातार

संयुक्त टीम बनाकर होगी कार्रवाई 

महापौर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि अतिक्रमण के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जाती है। शीघ्र ही संयुक्त टीम बनाकर  अतिक्रमण के खिलाफ व्यापक अभियान चलाकर कार्रवाई होगी। अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।

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