सरकार की सख्ती के बाद भी मनमानी से बाज नहीं आ रहे निजी आयुष कॉलेज
निजी आयुर्वेद कॉलेजों के रवैये में सुधार नहीं आ रहा है। कॉलेजों को न सरकार व शासन का डर है और न उच्च न्यायालय के आदेश की परवाह।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 24 Nov 2019 06:03 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। सरकार की सख्ती के बावजूद निजी आयुर्वेद कॉलेजों के रवैये में सुधार नहीं आ रहा है। कॉलेजों को न सरकार व शासन का डर है और न उच्च न्यायालय के आदेश की परवाह। शायद यही वजह कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद शासन के जरिए जारी किए गए निर्देशों का पालन करने में भी कॉलेज प्रबंधन आनाकानी कर रहे हैं। आयुष के छात्र शनिवार को जब अपने-अपने कॉलेजों में पहुंचे तो कुछ कॉलेज प्रबंधनों ने छात्रों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी।
बताया जा रहा है कि बीहाईव कॉलेज और देवभूमि इंस्टीट्यूट में छात्र-छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश नहीं करने दिया गया। इसको लेकर छात्रों ने हंगामा किया। मौके पर पुलिस के पहुंचने के बाद ही मामला शांत हुआ। छात्रों का आरोप है कि कालेज प्रबंधन तमाम तरह के बहाने बनाकर उन्हें कालेज में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। इधर, निजी आयुर्वेद कालेजों की मनमानी के विरोध में आंदोलन शनिवार को भी जारी रहा। धरना स्थल पर शाम को आयोजित पत्रकार वार्ता में छात्र ललित तिवारी आदि ने कहा कि कालेज प्रबंधनों के रवैये में कोई सुधार नहीं है। प्रबंधन अब भी मनमानी करने पर उतारू हैं। प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत के कहने पर आयुष के छात्र अपने कालेज गए, लेकिन कई कालेज प्रबंधनों द्वारा छात्रों को प्रवेश नहीं करने दिया गया। कहा कि ऐसे में आंदोलन को स्थगित करना उचित नहीं है। बताया कि आगामी सोमवार को भी छात्र कालेज जाएंगे और अभिभावक परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर डटे रहेंगे। यदि कालेज प्रबंधनों के रवैये में सुधार नहीं होता है तो आंदोलन जारी रहेगा।
बता दें कि तमाम आयुष कालेजों के छात्र-छात्राएं पिछले डेढ़ माह से अधिक समय से आंदोलित हैं। छात्रों का कहना है कि नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी निजी कालेज प्रबंधन उनसे बढ़ा हुआ शुल्क वसूल रहे हैं। तीन दिन पहले मुख्यमंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर मामले का त्वरित समाधान निकालने के निर्देश दिये। इस पर एक दिन पहले सचिव आयुष दिलीप जावलकर ने उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के कुलसचिव को निर्देश दिए कि बढ़ा हुआ शुल्क वापस करने के लिए निजी कालेजों को एक माह का समय दिया जाए। यदि कालेज प्रबंधन इसके बाद भी निर्देश का पालन नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
एक माह में आयुष छात्रों का मसला सुलझाए सरकार: प्रीतम
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि आयुष छात्रों के फीस वृद्धि के मामले का समाधान अगर एक माह में नहीं होता तो कांग्रेस पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी। यह भी पढ़ें: राजकीय शिक्षकों को छुट्टी के दिन काम करने पर मिलेगा अलग से अवकाश
कांग्रेस भवन मे पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रीतम सिंह ने कहा कि आयुष छात्रों को जो आश्वासन प्रदेश सरकार से मिला है, वह भरोसे लायक नहीं है। क्योंकि निजी कॉलेज मनमानी कर रहे हैं, आंदोलन स्थगित कर कॉलेज लौट रहे छात्रों को गेट पर ही रोका जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में सेलाकुई के एक संस्थान का भी उदाहरण दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि उनकी सरकार से उस समय गलती हुई थी लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पार्टी इस मामले में मौन रहेगी। पार्टी इस मामले को सदन में पांच से छह बार उठा चुकी है।
यह भी पढ़ें: हर जिले में एक सरकरी डिग्री कॉलेज बनेगा मॉडल कॉलेज, प्रस्ताव को डेडलाइन तयकांग्रेस ऐसे सभी मामलों में मुखर होकर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि निजी कॉलेजों की मनमानी धड़ल्ले से चल रही है वह सरकार के आदेश नहीं मान रहे हैं। यह सरकार की कमजोरी है। उन्होंने कहा कि आमजन से जुड़े मुद्दों और छात्र-छात्राओं व युवाओं के साथ हुए अन्याय के खिलाफ कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी। पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व सचिव प्रकाश जोशी, यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विक्रम रावत, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर आदि उपस्थित थे।
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