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देहरादून-ऋषिकेश-हरिद्वार की सड़कों से सभी तरह के ऑटो-विक्रम गायब होने की खबर गलत, पढ़ें क्‍या है पूरा सच?

Auto Vikram in Dehradun सभी तरह के ऑटो और विक्रम को बाहर करने की योजना नहीं है। सिर्फ डीजल चलित ऑटो और विक्रम चरणवार बाहर किए जाएंगे। पहले चरण में 10 वर्ष से अधिक की अवधि पूरी कर चुके ऑटो व विक्रम को चलन से बाहर किया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Wed, 23 Nov 2022 08:27 AM (IST)
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Auto Vikram in Dehradun : सभी तरह के ऑटो और विक्रम को बाहर करने की योजना नहीं

जागरण संवाददाता, देहरादून : Auto Vikram in Dehradun : संभागीय परिवहन प्राधिकरण की एक नवंबर 2022 को आयोजित बैठक में डीजल चलित ऑटो और विक्रम को चरणवार बाहर करने का आदेश जारी किया गया था।

पहले चरण में 10 वर्ष से अधिक की अवधि पूरी कर चुके ऑटो व विक्रम को चलन से बाहर किया जाएगा और अगले चरण में सभी डीजल चलित ऑटो और विक्रम बाहर किए जाने हैं।

हालांकि, इसको लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है। जिससे ऑटो व विक्रम संचालकों समेत चालकों में हड़कंप की स्थिति है। आरटीओ सुनील शर्मा ने आदेश जारी कर भ्रम की इस स्थिति को दूर करने का प्रयास किया है।

सभी तरह के ऑटो और विक्रम को बाहर करने की योजना नहीं

आरटीओ शर्मा के मुताबिक सभी तरह के ऑटो और विक्रम को बाहर करने की योजना नहीं है। सिर्फ डीजल चलित ऑटो और विक्रम चरणवार बाहर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 31 मार्च 2023 से देहरादून केंद्र, हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की, डोईवाला, डोईवाला ग्रामीण, बडोवाला केंद्र से संचालित 10 वर्ष से अधिक अवधि वाले डीजल चलित ऑटो और विक्रम बाहर किए जाएंगे।

वहीं, 31 दिसंबर 2023 से सभी तरह के डीजल चलित ऑटो और विक्रम बाहर किए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेट्रोल व सीएनजी चलित ऑटो -विक्रम इसके दायरे में नहीं आएंगे।

डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के निर्णय का महासंघ ने किया विरोध

सड़क परिवहन प्राधिकरण की ओर से डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय का देहरादून महानगर सिटी बस सेवा महासंघ ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे अन्यायपूर्ण ठहराते हुए इसके आधार को चुनौती दी है। साथ ही फिटनेस के लिए वाहनों को डोईवाला केंद्र भेजे जाने में परिवहन अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं।

शास्त्री रोड स्थित कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा कि जनपद की सभी ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने दो बिंदुओं पर कड़ी आपत्ति जताई है।

साथ ही आरटीओ को कुछ सुझाव भी दिए हैं। कहा कि आरटीओ देहरादून सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना का अनुपालन करें, क्योंकि केंद्र सरकार की अधिसूचना में एक अप्रैल 2023 से भारी माल वाहनों और भारी यात्री मोटर वाहनों के लिए फिटनेस अनिवार्य की गई है।

मध्यम भार वाहनों, मध्यम यात्री वाहनों और हल्के मोटर वाहनों के लिए (परिवहन ) एक जून 2024 से फिटनेस कराना अनिवार्य किया गया है।

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ऐसे में परिवहन अधिकारी जबरदस्ती डोईवाला फिटनेस केंद्र पर वाहनों को भेज रहे हैं, जिससे इसमें भ्रष्टाचार की आशंका है। उन्होंने मांग की है कि देहरादून शहर में स्वचालित फिटनेस केंद्र खोला जाए। तब तक पुरानी फिटनेस व्यवस्था को लागू रखा जाए।

आरटीए के आदेश के बीते एक नवंबर के आदेश को निरस्त किया जाए। जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि मार्च 2023 तक ऑटो रिक्शा एवं टेंपो विक्रम जो डीजल चालित हैं, उन्हें देहरादून, डोईवाला, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की से हटा दिया जाएगा।

इसके अलावा अन्य सभी छोटे-बड़े यात्री वाहन-भार वाहनों को दिसंबर 2023 तक हटाने का आदेश दिया गया है। जिसमें टाटा मैजिक, ट्रैकर, टेम्पो ट्रैवलर, ट्रक, सिटी बस, मैक्सिमो, स्टेज कैरिज बस टूरिस्ट बस, डंपर आदि हैं।

इन आदेशों को लागू करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश को आधार बनाया गया है। जो अन्यायपूर्ण है, क्योंकि देहरादून संभाग एनसीआर क्षेत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में सीएनजी वाहनों का संचालन संभव नहीं है। ऐसे में स्थानीय रोजगार पर भी खतरा मंडरा सकता है।