छात्रवृत्ति घोटाला: अफसर के गिरफ्तारी वारंट को अनुमति का इंतजार
छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित पूर्व समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर के खिलाफ शासन की अनुमति के बाद ही वारंट की कार्रवाई शुरू होगी।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 05 May 2019 09:00 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित पूर्व समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर के खिलाफ शासन की अनुमति के बाद ही वारंट की कार्रवाई शुरू होगी। अनुमति में देरी होने से एसआइटी की कार्रवाई फिलहाल अटकी पड़ी है। हालांकि, इस मामले में एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने पूरी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी है। जिससे न चाहते हुए भी शासन के अफसरों को आरोपित के खिलाफ अनुमति देनी पड़ेगी।
उत्तराखंड शासन के कुछ अफसर मेवाड़ छात्रवृत्ति घोटाले की तर्ज पर दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले को भी ठंडे बस्ते में डालने की फिराक में जुटे हुए हैं। यही कारण है कि हरिद्वार के चार कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद एसआइटी दून के आरोपित संस्थानों पर कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। सूत्रों का कहना है कि प्रेमनगर क्षेत्र के नौ संस्थानों के खिलाफ एसआइटी के पास पुख्ता प्रमाण भी मौजूद है। लेकिन, संस्थानों के संचालकों की ऊंची पहुंच के चलते कार्रवाई नहीं हो रही है। यही स्थिति करोड़ों के घोटाले में शासन से लेकर जिले के अधिकारियों की भूमिका पहले से स्पष्ट है।
मगर, एसआइटी अभी तक सिर्फ हरिद्वार और देहरादून के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी और वर्तमान में उप निदेशक अनुराग शंखधर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पाई है। इस मामले में भी एसआइटी ने गिरफ्तारी को शासन को पत्र लिखा गया है। लेकिन, शासन से कब तक पत्र का जवाब मिलेगा, इसका इंतजार किया जा रहा है।यह भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने अनुराग शंखधर पर कसा शिकंजा
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