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आयुर्वेद छात्रों ने फूंका सीएम और आयुष मंत्री का पुतला Dehradun News

निजी आयुर्वेद कॉलेजों की मनमानी के खिलाफ छात्र फिर मुखर होने लगे हैं। छात्रों ने लैंसडौन चौक पर मुख्यमंत्री व आयुष मंत्री का पुतला दहन किया।

By Bhanu BhanwalEdited By: Updated: Thu, 27 Feb 2020 12:57 PM (IST)
आयुर्वेद छात्रों ने फूंका सीएम और आयुष मंत्री का पुतला Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। निजी आयुर्वेद कॉलेजों की मनमानी के खिलाफ छात्र फिर मुखर होने लगे हैं। छात्रों ने लैंसडौन चौक पर मुख्यमंत्री व आयुष मंत्री का पुतला दहन किया। राज्य सरकार को पंद्रह दिन का अल्टीमेटम दिया है। कहा कि इस अवधि में यदि फीस संबंधी आदेश पर अमल नहीं होता तो वे पुन: आंदोलन शुरू कर देंगे। 

छात्रों ने कहा कि उन्होंने पूर्व में भी 64 दिन तक निजी कॉलेजों की मनमानी के विरोध में आंदोलन किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप निजी कॉलेजों से बढ़ा हुआ शुल्क नहीं वसूलने के निर्देश दिए। जिस पर शासनादेश भी जारी किया गया। 

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विवि ने तब दावा किया था कि एक माह के भीतर इस आदेश पर अमल कराया जाएगा। आदेश न मानने वाले कॉलेज की संबद्धता तक समाप्त करने की चेतावनी दी थी। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। जिस कारण कॉलेज अभी भी मनमानी पर उतारू हैं। पूर्व में विवि के हस्तक्षेप पर उन्होंने छात्रों को परीक्षा में बैठने का अवसर प्रदान किया। पर अब फिर वही रुख अख्तियार कर लिया है। 

वे अब भी छात्रों पर बढ़ा शुल्क ही जमा करने का दवाब बना रहे हैं। ऐसा न करने पर उन्हें परीक्षा में न बैठने देने की धमकी दी जा रही है। यही स्थिति रही तो प्रदेशभर के छात्रों को फिर एक बार अपनी कक्षाओं का बहिष्कार कर आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा। 

एसजीआरआर कॉलेज और विवि में उपजा गतिरोध

पथरीबाग स्थित श्री गुरुराम राय पीजी कॉलेज के छात्रसंघ ने अपनी ही संस्था के एसजीआरआर विश्वविद्यालय पर कॉलेज का रास्ता रोकने का आरोप लगाया है। इसको लेकर छात्रों ने कॉलेज प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा है।

छात्रसंघ अध्यक्ष शुभम बंसल और महासचिव विश्वनाथ बुड़ाकोटी ने बताया कि कॉलेज के साथ एसजीआरआर विवि की नई बिल्डिंग बनी है। पुरानी बिल्डिंग के दो फ्लोर विवि को छात्रावास के लिए दिए गए हैं। बीते मंगलवार को विवि प्रशासन ने कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग जाने वाला रास्ता बंद कर दिया। विवि प्रशासन का कहना है कि यहां अक्सर कॉलेज के छात्र-छात्राएं बैठे रहते हैं। 

उधर, कॉलेज छात्रसंघ का तर्क है कि कॉलेज पहले से स्थापित है और विवि परिसर का निर्माण इस वर्ष हुआ है। ऐसे में विवि प्रशासन कॉलेज का पुराना रास्ता बंद नहीं कर सकता। छात्रसंघ इसका कड़ा विरोध करेगा। उन्होंने रास्ते को खोलने की मांग की।

उधर, एसजीआरआर एजुकेशन मिशन के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने कहा कि एसजीआरआर विवि के पिछले हिस्से में एजुकेशन मिशन का चरक आयुर्वेद वेलनेस सेंटर है। इसके द्वार को मुख्य सड़क से जोडऩे के लिए करीब 20 फीट की सड़क की मरम्मत की जा रही है। 

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छात्रों को असुविधा न हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया गया है। विवाद जैसी कोई बात नहीं है। सड़क मरम्मत का कार्य एसजीआरआर मिशन की भूमि पर ही किया जा रहा है। सभी गेट छात्रों के लिए खुले हैं, क्योंकि दोनों संस्थान मिशन से जुड़े हुए हैं।

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