आयुर्वेद विवि में घमासान, छात्र-अभिभावकों ने किया हंगामा
उत्तराखंड आयुर्वेद विवि में निजाम बदला पर अधिकारियों का मिजाज नहीं बदला है। जिससे गुस्साए छात्र व अभिभावकों ने विवि परिसर में जमकर हंगामा किया।
By Edited By: Updated: Thu, 26 Sep 2019 03:19 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विवि में निजाम बदला, पर अधिकारियों का मिजाज नहीं बदला है। कभी खरीद, कभी नियुक्ति में झोल और कभी शुल्क और संसाधनों को लेकर विवि कठघरे में रहता है। इस बार मामला आयुष-यूजी काउंसिलिंग से जुड़ा है। जहां 11 छात्र-छात्राओं को सीट आवंटन के बाद भी अलॉटमेंट लेटर के लिए दिनभर इंतजार करना पड़ा। कारण यह है कि इन्हें मॉपअप राउंड में आरक्षित से सामान्य वर्ग में कन्वर्ट हुई सीट आवंटित की गई थी। पर इस बीच निजी कॉलेजों में सीटें रिक्त रह जाने पर विशेष राउंड की काउंसिलिंग आयोजित करने का निर्णय हो गया। अधिकारियों ने तर्क दिया कि उक्त सीटें पुन: आरक्षित कर इस राउंड में शामिल की जाएंगी। जिससे गुस्साए छात्र व अभिभावकों ने विवि परिसर में जमकर हंगामा किया। वे देर रात तक वहीं धरने पर डटे रहे। जिस पर कुलपति डॉ. सुनील जोशी विवि पहुंचे। काउंसिलिंग बोर्ड के सदस्यों से वार्ता के बाद छात्रों को अलॉटमेंट लेटर जारी कर दिया गया। तब कहीं मामला शांत हुआ।
आयुर्वेद विवि ने 19-25 सितम्बर के बीच आयुष-यूजी का मॉपअप राउंड आयोजित किया था। जिसमें 24 सितंबर को सीट आवंटन किया गया। इनमें 11 आरक्षित कोटे की भी सीटें शामिल थी, जिन्हें नियमानुसार, अंतिम राउंड होने पर सामान्य वर्ग के छात्र छात्राओं को मेरिट के आधार पर आवंटित कर दिया गया। अलॉटमेंट लेटर बुधवार को छात्रों को मिलना था। बुधवार ही दाखिले की अंतिम तिथि भी थी। पर जब देर शाम तक भी छात्रों को अलॉटमेंट लेटर नहीं मिले तो छात्रों व उनके अभिभावकों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने प्रशासनिक भवन की ग्रिल बंद कर स्टाफ को भी बंधक बना लिया।
यह आरोप लगाया कि विवि प्रशासन न जानबूझकर अलॉटमेंट लेटर पर जारी नहीं किए। विवि की लापरवाही के कारण वह दाखिले से चूक गए हैं। उनका भविष्य अधर में लटक गया है। इसी दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक सानू मिश्रा और आयुष प्रकोष्ठ के प्रातीय संयोजक मनीष सैनी भी विवि पहुंच गए। उन्होंने विवि प्रशासन से अलॉटमेंट लेटर जारी करने की माग की। लेकिन देर रात छात्रों को सूचना मिली कि इन 11 सीटों पर आवंटन निरस्त कर दिया गया है। जिस पर वह धरने पर बैठ गए। इधर, आयुर्वेद विवि के कुलपति डॉ. सुनील जोशी ने बताया कि काउंसिलिंग के बाद भी निजी कॉलेजों में सवा दो सौ से ऊपर सीटें खाली रह गई थी। जिसके बाद निजी कॉलेज संचालकों ने शासन में अपनी बात रखी।
यह भी पढ़ें: आयुर्वेद विवि में छात्रों ने कुलसचिव समेत अन्य को तीन घंटे तक बनाया बंधकशासन ने अब यह निर्देश दिए हैं कि एक और काउंसिलिंग कराई जाए। ताकि निजी कॉलेजों की सीट भरी जा सके। पहले यह तय किया गया था कि काउंसिलिंग में इन 11 सीटों को पुन: आरक्षित कोटे में शामिल किया जाएगा। पर इसमें उन छात्रों का अहित था जिन्हें सीट आवंटित हो चुकी है। ऐसे में काउंसिलिंग बोर्ड के सदस्यों से विमर्श कर यह निर्णय लिया गया कि इन्हें अलॉटमेंट लेटर जारी कर दिए जाएं। विशेष काउंसिलिंग केवल रिक्त रही सीटों के लिए होगी। जहां तक दाखिले का प्रश्न है, इसका समय बढ़ा दिया गया है।
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