आयुर्वेद विवि: नर्सिंग भर्ती के अभ्यर्थियों ने खोला मोर्चा, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड आयुर्वेद विवि में तीन साल से अटकी नर्सिंग भर्ती को लेकर अब अभ्यर्थियों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को उन्होंने विवि परिसर में धरना-प्रदर्शन किया।
By Edited By: Updated: Tue, 05 Nov 2019 08:52 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विवि में तीन साल से अटकी नर्सिंग भर्ती को लेकर अब अभ्यर्थियों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को उन्होंने विवि परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान शासन और विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। अभ्यर्थियों ने कुलपति से मुलाकात कर भर्ती जल्द पूरी कराने की माग की है। कुलपति ने छात्रों को बताया कि भर्ती के संबंध में कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो 10 दिन में इसका समाधान करेगी। वहीं, अभ्यर्थियों का कहना था कि तीन साल से उन्हें इसी तरह के आश्वासन दिए जा रहे हैं।
आयुर्वेद विवि ने वर्ष 2016 में नर्सिंग भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। वर्ष 2017 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई और 209 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इनमें 136 को सफल और 73 को असफल करार दिया गया। इस भर्ती से पहला विवाद तब जुड़ा जब बीच में ही पदों की संख्या घटा दी गई। इसके बाद विवि में कुलसचिव पद को लेकर घमासान छिड़ गया और भर्ती लटक गई।
कुछ समय बाद प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई और अभ्यर्थियों की काउंसलिंग तक हो गई, लेकिन नियुक्ति अटक गई। इस बीच भर्ती को लेकर कई अभ्यर्थियों ने सवाल खड़े कर दिए। विवि प्रशासन ने जाच कराई तो पता चला कि भर्ती में बड़े स्तर पर गड़बड़िया हुई हैं। यहां तक की कुछ चहेतों को इन पदों पर एडजस्ट करने के लिए मेरिट सूची में टॉप पर रहे दो अभ्यर्थियों का नाम ही गायब कर दिया गया। पात्रता सूची में आरक्षण रोस्टर का भी पालन नहीं किया गया।
यह भी पढ़ें: उच्च शिक्षा मंत्री को आयुष छात्रों ने दिखाए काले झंडेभर्ती प्रक्रिया में उत्तराखंड आयुर्वेदिक परिचारिका सेवा नियमावली-2015 और उत्तराखंड आयुर्वेद विवि परिनियमावली-2015 का उल्लंघन भी किया गया। कुलपति डॉ. सुनील जोशी ने बताया कि अभ्यर्थी उनसे मिलने आई थीं। उन्हें सचिव स्तर से शासन और विवि अफसरों की एक कमेटी गठित करने की जानकारी दी है। साथ ही धरना समाप्त करने की अपील की है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।