निजी कॉलेजों के खिलाफ आयुष छात्रों ने गांधी पार्क तक निकाला कैंडल मार्च Dehradun News
निजी कॉलेजों के खिलाफ आंदोलित आयुष छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला। उन्होंने कहा कि यह कैंडल मार्च सरकार को रोशनी दिखाने के लिए है।
By Edited By: Updated: Sat, 16 Nov 2019 11:38 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। निजी कॉलेजों के खिलाफ आंदोलित आयुष छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला। परेड मैदान स्थित धरना स्थल से शुरू हुआ यह मार्च कनक चौक, एस्लेहॉल से होते हुए गांधी पार्क में समाप्त हुआ। जहां छात्रों ने राष्ट्रपिता महात्मा गाधी की प्रतिमा के सामने मोमबत्तिया जलाई। उन्होंने कहा कि यह कैंडल मार्च सरकार को रोशनी दिखाने के लिए है। ताकि सत्ता में बैठे लोग ये देख सकें कि छात्र डेढ़ माह से सड़कों पर हैं। उनकी पीड़ा को समझें और उन्हें न्याय दें।
विदित हो कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद बढ़ा हुआ शुल्क न लौटाने, पुरानी ही फीस भरने का दबाव बनाने, बैक पेपर का फॉर्म न भरवाने और कक्षाओं में न बैठने देने के विरोध में प्रदेशभर के निजी कॉलेजों के आयुष छात्र डेढ़ माह से आदोलनरत हैं। पहले उन्होंने आयुर्वेद विवि में आदोलन किया था। इसके बाद से परेड मैदान में धरने पर हैं। यही नहीं अनशन के कारण कई छात्रों को अलग-अलग अंतराल पर अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है। छात्रों का कहना है कि इस सबके बावजूद सरकार का कोई नुमाइंदा उनकी सुध लेने नहीं आया। न सरकार की तरफ से उनकी समस्या के समाधान को कोई पहल की गई।
हाईकोर्ट के आदेश तक को सरकार लागू नहीं करा पा रही है। यही कारण है कि निजी कॉलेजों को न किसी का डर है और न किसी आदेश की परवाह है। सरकार ने उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से छात्र व अभिभावकों के उत्पीड़न की छूट दे दी है। इस दौरान ललित तिवारी, अजय, प्रगति जोशी, शिवम तिवारी, हार्दिक, भाष्कर, दिव्या, कृति, सलमान आदि उपस्थित रहे।
मानव संसाधन व आयुष मंत्री को बनाएंगे पक्षकार वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने इस मामले में राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है। सरकार व शासन द्वारा न्यायालय के आदेश का अनुपालन न का पाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश में क्या कानून का राज नहीं है। कानून का राज है तो राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले को लागू करवाए।यह भी पढ़ें: भारी फीस वृद्धि के खिलाफ आयुष छात्रों ने फूंका राज्य सरकार का पुतला Dehradun News
उन्होंने कहा कि आयुष छात्र सचिवालय व सीएम कार्यालय से महज 400 मीटर दूर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, पर सरकार नहीं चेत रही। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर न्यायालय का आदेश लागू नहीं कराया गया तो वह केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को कोर्ट में पक्षकार बनाएंगे। क्योंकि इनके खुद के निजी कॉलेज चल रहे हैं।यह भी पढ़ें: आयुष छात्रों का धरना, अब मुख्य याचिकाकर्ता करेंगे आमरण अनशन
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