आयुष छात्रों का धरना, अब मुख्य याचिकाकर्ता करेंगे आमरण अनशन
आयुष छात्रों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र नेता और शुल्क प्रकरण में हाईकोर्ट में मुख्य याचिकाकर्ता ललित तिवारी ने आमरण अनशन का ऐलान किया है।
By Edited By: Updated: Tue, 12 Nov 2019 11:24 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। निजी कॉलेजों की मनमानी के खिलाफ आयुष छात्रों का धरना परेड मैदान में जारी रहा। आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र नेता और शुल्क प्रकरण में हाईकोर्ट में मुख्य याचिकाकर्ता ललित तिवारी ने 12 नवंबर से क्रमिक अनशन और 14 नवंबर से आमरण अनशन का ऐलान किया है। उन्होंने इस संबंध में पुलिस-प्रशासन को पत्र भेजा है।
तिवारी ने कहा कि निजी कॉलेजों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। वह हाईकोर्ट तक के आदेश का पालन नहीं कर रहे और सरकार मौन साधे बैठी है। कई छात्र अनशन पर बैठक बीमार हो चुके हैं, लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा। कहा कि अब वह स्वयं आमरण अनशन पर बैठेंगे। इससे पहले छात्रों, अभिभावकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार एवं निजी कॉलेजों के खिलाफ नारेबाजी की।छात्रों के धरने की वजह से परेड ग्राउंड के आसपास पुलिस कर्मी तैनात भी रहे। उधर, रविवार रात वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रकाश जोशी ने छात्रों को प्रोजेक्टर के माध्यम से फिल्म गांधी दिखाई। इस दौरान अजय, प्रगति जोशी, जगदंबा नौटियाल, गोविंद पांडेय, राजेश्वरी कृषाली, राधेश्याम शर्मा समेत छात्र फैसल सिद्दीकी, शिवम शुक्ला, हार्दिक, शिवम तिवारी, प्रखर, भास्कर, दिव्या, कृति, सलमान, आमिर आदि मौजूद रहे।
नर्सिंग अभ्यर्थियों ने शासन में लगाई गुहार उत्तराखंड आयुर्वेद विवि में तीन साल से अटकी नर्सिंग के अभ्यर्थियों ने अब शासन में न्याय की गुहार लगाई है। सोमवार को उन्होंने आयुष सचिव दिलीप जावलकर से मुलाकात की। उन्हें बताया कि वह दिन-रात विवि परिसर में धरना दे रहे हैं। पर विवि प्रशासन नियुक्ति के संदर्भ में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है। जिस पर सचिव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी ओर से कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। नियुक्ति विवि स्तर पर होनी है। उन्होंने विवि प्रशासन को अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए हैं।
सोमवार को बड़ी संख्या में नर्सिंग अभ्यर्थी अपने बच्चों संग धरने पर डटी रहीं। उनका कहना है कि कई बार शासन, कुलपति और कुलसचिव स्तर पर समस्या रखने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही है। कई दिनों से वे अपने दुधमुंहे बच्चों के साथ लगातार ठंड में धरना दे रही हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर भी विवि प्रशासन गंभीर नहीं है। उन्हें शासन स्तर पर मामला लंबित होने की बात कहकर टरकाया जा रहा है। अभ्यर्थियों ने सचिव से मुलाकात कर आगे आंदोलन तेज करने की बात कही। बताया कि 2016 से शुरू हुई भर्ती अब तक विवि और शासन की लापरवाही की वजह से अटकी हुई है।
यह भी पढ़ें: आयुष छात्रों को पुलिस ने जबरन उठाया, बच्चों संग विवि में डटीं नर्सिंग अभ्यर्थीअस्पताल में नर्सिंग स्टाफ का टोटा है, जिससे यहां मरीजों को भी दिक्कत हो रही है। इसके बाद भी शासन और विवि प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। विवि प्रशासन और शासन के अलग-अलग जवाब ने उन्हें असमंजस में डाल दिया है। कहा कि उनकी समस्या का समाधान नहीं होने तक वह धरना जारी रखेंगी। उधर, विवि की कुलसचिव डॉ. माधवी गोस्वामी का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ की भर्ती का मामला बहुत पुराना है। उसके पूरे दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है। शासन और विवि प्रशासन की एक कमेटी बनी है। जो जल्द इस पर फैसला लेगी।
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