निजी कॉलेजों में पढ़ रहे आयुष छात्रों के मिली राहत, पढ़िए पूरी खबर
निजी कॉलेजों में पढ़ रहे आयुष छात्रों को फिलहाल सेशनल परीक्षा के मामले में राहत मिल गई है। आयुर्वेद विवि ने ऐसे छात्रों को इस सेशनल में बैठने का मौका दिया है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 27 Jan 2020 03:49 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। प्रदेशभर के निजी कॉलेजों में पढ़ रहे आयुष छात्रों को फिलहाल सेशनल परीक्षा के मामले में राहत मिल गई है। आयुर्वेद विवि ने ऐसे छात्रों को इस सेशनल में बैठने का मौका दिया है।
निजी कॉलेजों की ओर से फीस जमा न कराने पर परीक्षा फॉर्म से वंचित रखने के विरोध में शनिवार को भी छात्रों का धरना जारी रहा। दिन में कुलपति ने उन्हें वार्ता के लिए बुलाया। वार्ता में निजी कॉलेजों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। तय किया गया कि फिलहाल सेशनल परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार की होगी। 25 जनवरी को होने वाली परीक्षा एक फरवरी को आयोजित की जाएगी। जो छात्र अभी तक परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए हैं, विवि उनकी परीक्षा कराएगा। लेकिन इस फैसले को नजीर नहीं माना जाएगा। यानी इस आधार पर भविष्य में राहत प्रदान नहीं की जाएगी। इस पर छात्र मान गए। विदित हो कि , 25 जनवरी से री-सेशनल परीक्षाएं शुरू हुई हैं, लेकिन हरिद्वार और दून के दो कॉलेजों ने छात्रों को परीक्षा में बैठाने से इन्कार कर दिया। जिसके खिलाफ छात्रों ने शुक्रवार को विवि में हंगामा किया था। जिसपर विवि प्रशासन ने निजी कालेजों की परीक्षाएं स्थगित कर दी थी। इससे गुस्साए छात्रों ने बेमियादी धरना शुरू कर दिया था।
यह भी पढ़ें: आयुर्वेद विश्वविद्यालय निजी कॉलेजों की री-सेशनल परीक्षाएं स्थगितछात्रों का कहना था कि कुछ वक्त पहले ही उन्होंने 64 दिन तक निजी कॉलेजों की मनमानी के विरोध में आंदोलन किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन और बढ़ा हुआ शुल्क नहीं वसूलने के निर्देश दिए। इस बावत बकायदा शासनादेश भी जारी किया गया था। जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया कि आदेश का पालन नहीं करने वाले कॉलेजों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पर कॉलेज तब भी बढ़ी फीस जमा करने का दबाव बना रहा है। ऐसा न करने पर उन्हें परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया।
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