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आयुष्मान योजना : उत्तराखंड में 37 अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई, 60 करोड़ से अधिक के बिल किए निरस्त

Ayushman Yojana आयुष्मान योजना में अब तक गलत बिल प्रस्तुत करने पर 37 अस्पतालों के विरुद्ध कारवाई की गई है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 18 लाख 25 हजार परिवार आयुष्मान योजना के अंतर्गत कवर हो चुके हैं।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Wed, 13 Jul 2022 10:06 AM (IST)
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Ayushman Yojana : उत्तराखंड में 37 अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई,
जागरण संवाददाता, देहरादून: Ayushman Yojana : उत्तराखंड में आयुष्मान योजना में अब तक गलत बिल प्रस्तुत करने पर 37 अस्पतालों के विरुद्ध कारवाई की गई है। वहीं, 60 करोड़ से अधिक के बिल निरस्त किए जा चुके हैं। यह जानकारी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने दी। एक सामाजिक कार्यकर्त्ता के बंद अस्पतालों को भुगतान करने के आरोप पर उन्होंने कहा कि ऐसा संभव ही नहीं है। क्लेम भुगतान की एक लंबी और पारदर्शी प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि क्लेम का एक पुख्ता आडिट सिस्टम है, जिसमें फर्जीवाड़े की कोई गुंजाइश नहीं है।

आयुष्मान कार्ड बनाने के काम में तेजी

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता में कोटिया ने बताया कि प्रदेश में अब तक 18 लाख 25 हजार परिवार आयुष्मान योजना के अंतर्गत कवर हो चुके हैं। यह पात्र परिवारों का शत-प्रतिशत है, मगर योजना के तहत परिवार के हर सदस्य का कार्ड बनना है। इस लिहाज से अनुमानित 75 लाख के करीब कार्ड बनने हैं, पर 47.32 लाख कार्ड ही बने हैं। ऐसे में आयुष्मान कार्ड बनाने के काम में तेजी लाई जा रही है।

इसके लिए तीन माह के विशेष अभियान की शुरुआत की जा रही है। कार्ड बनाने के लिए दो एजेंसी अनुबंधित की गई हैं। इसके अलावा सभी कामन सर्विस सेंटर पर भी कार्ड बनेंगे। इसका कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। खास बात यह है कि एजेंसी को भुगतान पात्र व्यक्ति को कार्ड मिल जाने के बाद ही किया जाएगा। अब लैमिनेटेड कार्ड दिया जा रहा है। योजना के लाभ की बात करें तो अब तक 5.17 लाख बार निश्शुल्क उपचार लिया जा चुका है। उक्त लाभार्थियों का उपचार करने में सरकार की ओर से 868 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं।

निगम कर्मियों को भी जल्द मिलेगा लाभ

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि निगम और अशासकीय कर्मियों को राज्य स्वास्थ्य योजना में शामिल करने की प्रक्रिया गतिमान है। जल्द ही उन्हें भी गोल्डन कार्ड का लाभ मिल जाएगा। उनका डाटा संकलित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत असोम, बिहार, चंडीगढ़, गोवा, दादर नगर हवेली, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब आदि प्रांतों में भी प्रदेश के करीब 21 हजार लाभार्थियों ने निश्शुल्क उपचार लिया है। इसमें करीब 43 करोड़ का खर्च आया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 4.38 लाख गोल्डन कार्ड धारक हैं। इसमें आइपीडी में 29,500 और ओपीडी में 20 हजार बार लाभार्थियों ने उपचार लिया।

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