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Badrinath Dham: बदरीनाथ मंदिर के आसपास निर्माण कार्य हटेंगे, पहले चरण में सरकारी भूमि पर होंगे काम

Badrinath Dham पीएम मोदी के सामने श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान का दूसरी बार प्रस्तुतीकरण हुआ है। पहले तैयार किए गए मास्टर प्लान में पीएम के निर्देश पर संशोधन किए गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Thu, 10 Sep 2020 06:30 AM (IST)
Badrinath Dham: बदरीनाथ मंदिर के आसपास निर्माण कार्य हटेंगे, पहले चरण में सरकारी भूमि पर होंगे काम
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान का दूसरी बार प्रस्तुतीकरण हुआ है। पहले तैयार किए गए मास्टर प्लान में प्रधानमंत्री के निर्देश पर संशोधन किए गए हैं। मास्टर प्लान के पहले चरण के कार्य के लिए बदरीनाथ मंदिर के आसपास सरकारी भूमि पर निर्माण कार्य हटाए जाएंगे। इसके बाद निजी भूमि का चयन होगा, जहां रहने वालों को विस्थापित किया जाएगा। इसके एवज में उन्हें मुआवजा और जगह दी जाएगी। 

प्रधानमंत्री के समक्ष मास्टर प्लान के प्रस्तुतीकरण के बाद मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के मुताबिक पहले चरण का कार्य तीन-चार महीनों में शुरू किया जाएगा। पहले चरण में मंदिर के आसपास की सरकारी भूमि पर कार्य होंगे। इस भूमि पर काबिज व्यक्तियों को विस्थापित किया जाएगा। इस स्थान को मास्टर प्लान के अनुरूप विकसित किया जाएगा। इसके बाद निजी भूमि का अधिग्रहण होगा। इसके एवज में प्रभावितों को मुआवजा देने के साथ ही उपलब्धता के आधार पर स्थान भी दिया जाएगा। 

बदरीनाथ शहर की गलियों का होगा विस्तार 

बदरीनाथ धाम के मुख्य मार्ग की शिफ्टिंग होगी। शेष नेत्र समेत दो झीलों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। तप्त कुंड में महिलाओं के स्नान की व्यवस्था की जाएगी। बदरीनाथ कस्बे की गलियों का भी विस्तार होगा। उन्होंने बताया कि बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर खर्च का प्रारंभिक आकलन 481 करोड़ है। इसके लिए दो तरह से धन जुटाया जाएगा। कोरपोरेट सोशल रिस्पॉंसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत धन की व्यवस्था की जाएगी। साथ में स्प्रिचुअल मिनी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत केंद्र से वित्तीय मदद मिल सकती है। बदरीनाथ व केदारनाथ, दो स्थानों पर आध्यात्मिक महत्व को देखते हुए सुविधाएं जुटाई जाएंगी। पर्यटन के नजरिए से विलासितापूर्ण सुविधाएं वहां विकसित नहीं की जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में विशेष निर्देश दिए हैं। इन धामों और इनके नजदीक आध्यात्मिक होम स्टे को बढ़ावा दिया जाएगा। 

15 अक्टूबर तक पूरे होंगे कार्य

मुख्य सचिव ने बताया कि 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन पांच कार्यों को केदारनाथ के लिए तय किया था, उनकी भी समीक्षा हुई। पहले चरण के कार्यों में कुछ पूरे हो चुके हैं, कुल चल रहे हैं। सरस्वती घाट और उसके किनारे आस्था पथ का निर्माण कार्य 15 अक्टूबर तक पूरा किया जाएगा। इसके तहत पांच पेवेलियन बनने हैं और लाइटिंग व्यवस्था की जानी है। तीर्थ पुरोहित के आवासों के लिए बनाए जा रहे पांच ब्लॉकों में दो बन चुके हैं। शेष तीन का निर्माण भी 15 अक्टूबर तक पूरा होगा। 

ध्यान गुफाओं का काम 30 तक होगा पूर्ण

मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर स्पान के ब्रिज बनाने का काम आगामी 21 मार्च तक पूरा करना है, लेकिन इसे जनवरी तक पूरा किया जाएगा। दोनों ओर खंभे बन चुके हैं और सुपर स्ट्रक्चर तैयार है। ब्रिज के लिए 50 फीसद सामान केदारनाथ धाम पहुंच चुका है। ध्यान गुफाएं 30 सितंबर तक तैयार हो जाएंगी। आदि शंकराचार्य की समाधि स्थल 31 दिसंबर तक बनकर तैयार होगा। इसके बाद आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। प्रतिमा के प्रोटोटाइप को प्रधानमंत्री को प्रस्तुत किया गया है। उनकी अनुमति के बाद इसकी स्थापना का कार्य होगा। यह कार्य आगामी अप्रैल माह तक पूरा होना है। 

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उन्होंने बताया कि केदारनाथ में दूसरे चरण के 117 करोड़ के कार्यों की वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है। इन्हें नवंबर से प्रारंभ किया जाएगा। इंडियन ऑयल कंपनी, ओएनजीसी, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की मदद से 62 करोड़ के कार्य कराए जा रहे हैं। ब्रहम कमल वाटिका को जायका प्रोजेक्ट के तहत वन विभाग बनाएगा।

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