बदरीनाथ धाम में भवनों की ऊंचाई विवाद में सरकार का सुरक्षा पर जोर, नहीं मिलेगी छूट
बदरीनाथ में भवनों की ऊंचाई को लेकर विवाद जारी है। होटल व्यवसायी ऊंचाई 6.5 मीटर से बढ़ाकर 15 मीटर करने की मांग कर रहे हैं जिसे शासन ने सुरक्षा कारणों से खारिज कर दिया है। आवास विभाग का कहना है कि मसूरी और नैनीताल में भी कम ऊंचाई के मानक हैं इसलिए बदरीनाथ में अधिक ऊंचाई की अनुमति देना उचित नहीं है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। पूरा प्रदेश आपदा से जूझ रहा है। नदियों के मुहाने या पहाड़ी क्षेत्रों में बने भवन खतरे की जद में है। इस बीच समुद्रतल से 10,279 फीट की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ क्षेत्र में भवनों की ऊंचाई का मानक 15 मीटर निर्धारित करने के लिए शासन पर दबाव है, लेकिन आवास विभाग ने मसूरी व नैनीताल का हवाला देकर बदरीनाथ में किसी प्रकार का खतरा मोल लेने से इन्कार कर दिया है।
बदरीनाथ धाम में मास्टरप्लान के अनुरुप हो रहे कार्यों को लेकर पिछले करीब एक माह से धरना प्रदर्शन चल रहा है। इसमें कई अलग-अलग वर्गों की अलग-अलग मांगें हैं। सचिव आवास आर मीनाक्षी सुंदरम ने सभी वर्गों के प्रतिनिधियों से वार्ता कर उनकी जायज मांगों का निस्तारण किया, लेकिन भवनों की ऊंचाई का मानक परिवर्तित करने की मांग को लेकर शासन ने किसी प्रकार की रियायत से इन्कार कर दिया।
दरअसल, बदरीनाथ क्षेत्र के स्थानीय लोग खासकर होटल व्यवसायी यह चाहते हैं कि बदरीनाथ में भवनों की ऊंचाई का मानक 6.5 मीटर से बढ़ाकर 15 मीटर कर दिया जाए। इस पर सचिव आवास ने स्पष्ट किया कि 10,279 फीट की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ में भवनों की ऊंचाई बढ़ाने का निर्णय किसी प्रकार से उचित नहीं है।
केदारनाथ आपदा के बाद 6.5 मीटर की गई ऊंचाई
चारों धाम में पहले 8.5 मीटर ऊंचे भवन बनाने की अनुमति थी, लेकिन केदारनाथ आपदा के बाद शासन ने सतर्कता के चलते भवनों की ऊंचाई को घटाकर 6.5 मीटर कर दिया था। अब बदरीनाथ के होटल व्यवसायी चाहते हैं कि इसे दोगुने से अधिक अर्थात 15 मीटर कर दिया जाए।
मसूरी-नैनीताल में नहीं तो बदरीनाथ में ही क्यों ?
सचिव आवास आर मीनाक्षी सुंदरम ने बदरीनाथ के स्थानीय होटल व्यवसायियों से कहा कि मसूरी में 11 मीटर ऊंचे भवन बनाने की अनुमति है, जबकि नैनीताल में तो सिर्फ 7.5 मीटर का मानक निर्धारित है। ऐसे में बदरीनाथ में 15 मीटर की अनुमति देना कतई व्यावहारिक नहीं है।
भवन की ऊंचाई में न जोड़ें स्टिल्ट पार्किंग
आवास विभाग के इन्कार पर होटल व्यवसायियों ने कहा कि स्टिल्ट पार्किंग (खंभों पर ऊपर बनी इमारत व नीचे पार्किंग) की ऊंचाई को भवन की ऊंचाई में शामिल नहीं किया जाए। इस पर आवास विभाग ने परीक्षण कराने की बात कही है।
85 हेक्टेयर क्षेत्र को लेकर इतनी जिद
आवास विभाग के अनुसार चार धाम को सुरक्षित रखने के लिए मंदिर के 85 हेक्टेयर क्षेत्र में ऊंचाई का विशेष नियम लागू है, इस दायरे के बाहर निकलते ही ऊंचाई के नियम बदल जाते हैं। लेकिन, होटल व्यवसायी व स्थानीय लोग इस घेरे में ही 15 मीटर ऊंचे भवन बनाने की जिद पर अड़े हैं।
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