Move to Jagran APP

बदरीनाथ धाम की सुंदरता पर चार चांद लगाने की तैयारी

अब बदरीनाथ धाम को भी सजाया संवारा जाएगा। प्रदेश सरकार केदारपुरी की तर्ज पर बदरीनाथ धाम को विकसित करने जा रही है। इसके बाद गंगोत्री और यमुनोत्री को विकसित किया जाएगा।

By BhanuEdited By: Updated: Fri, 09 Feb 2018 11:16 PM (IST)
बदरीनाथ धाम की सुंदरता पर चार चांद लगाने की तैयारी

देहरादून, [विकास गुसाईं]: प्रदेश सरकार अब बदरीनाथ धाम को भी केदारपुरी की तर्ज पर संवारने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बदरीनाथ के आसपास के इलाके को विकसित किया जाएगा। बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए वन-वे व्यवस्था लागू की जाएगी। यात्रियों को 50-50 के समूह में दर्शन के लिए छोड़ा जाएगा। 

यही नहीं, बदरीनाथ के डेढ़ किलोमीटर के दायरे में नो ट्रेफिक जोन बनाया जाएगा। यहां केवल पैदल यात्री ही चलेंगे। इसके लिए केंद्र ने 51 करोड़ के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। इस माह अंत तक इसकी अधिकारिक अनुमति प्राप्त होने की उम्मीद है। अगले चरण में यमुनोत्री व गंगोत्री को भी इसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा। 

प्रदेश में प्रतिवर्ष 20 लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा के लिए आते हैं। वर्ष 2013 की आपदा के बाद यह संख्या कुछ गिरी थी लेकिन अब यह फिर से बढऩे लगी है। इस वर्ष तकरीबन 18 लाख यात्री चारधाम व हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए आए। इनमें तकरीबन 7.5 लाख यात्री बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए आए। 

केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण का कार्य जोरों पर है। अब प्रदेश सरकार केंद्र के सहयोग से बदरीनाथ धाम के स्वरूप को भी संवारने की तैयारी कर रही है। इसके लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। यह देखा गया कि बदरीनाथ के दर्शन के लिए प्रतिदिन चार हजार यात्री आते हैं। 

इसके लिए बदरीनाथ बस अड्डे के पास दो मंजिला यात्री शेल्टर बनाया जाएगा। यहां पर एक पंजीकरण केंद्र बनाया जाएगा, जहां से दर्शन के लिए कूपन दिए जाएंगे। 50-50 के समूह में यात्रियों को दर्शन के लिए भेजा जाएगा। यात्री नए पुल से होते हुए बदरीनाथ धाम के दर्शन कर पुराने पुल से वापस लौटेंगे। 

इसके साथ ही मंदिर को चारों ओर से रोशन भी किया जाएगा। इसके लिए बड़ी-बड़ी लाइटें लगाई जाएंगी ताकि रात को बदरीनाथ धाम रोशनी से जगमगाता रहे। 

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि केंद्र ने इसकी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इस माह अंत तक इस विषय में केंद्र में एक बैठक होनी है। उन्होंने कहा कि अगले चरण में इसी तर्ज पर यमुनोत्री व गंगोत्री धाम को भी विकसित किया जाएगा। 

यह भी पढ़ें: 14 के बजाय 13 फरवरी को होगा महाशिवरात्रि पर्व पर अवकाश

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 13 फरवरी को मनाई जाएगी शिवरात्रि, जानिए कारण

यह भी पढ़ें: कण्वाश्रम में सम्राट भरत के जीवन से रूबरू हो सकेंगे सैलानी 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।