उत्तराखंड में आफत की बारिश, दूसरे दिन भी बंद रहा बदरीनाथ हाईवे; यात्रियों की परेशानी बढ़ी
चमोली के लामबगड़ में भूस्खलन से बंद बदरीनाथ राजमार्ग शुक्रवार को भी नहीं खुल पाया जबकि उत्तरकाशी के चुंगी बड़ेथी में गंगोत्री राजमार्ग पांच घंटे बंद रहा।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 30 Aug 2019 08:39 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। चार धाम यात्रा मार्गों में भूस्खलन के कारण यात्रियों की मुश्किलें बनी हुई हैं। चमोली के लामबगड़ में भूस्खलन से बंद बदरीनाथ राजमार्ग शुक्रवार को भी नहीं खुल पाया, जबकि उत्तरकाशी के चुंगी बड़ेथी में गंगोत्री राजमार्ग पांच घंटे बंद रहा। लामबगड़ में लोक निर्माण विभाग मलबा हटाने के काम पर जुटा है। यहां पर किसी तरह यात्रियों की पैदल आवाजाही ही सुचारू हो पाई है। वाहनों के लिए मार्ग शनिवार शाम तक ही खुलने की संभावना है। खुद के वाहनों से बदरीनाथ की यात्रा करने वालों के सामने मुश्किल है। ऐसे करीब एक हजार यात्रियों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। पैदल मार्ग तैयार होने पर करीब एक हजार यात्रियों को लामबगड़ भूस्खलन जोन से आवाजाही कराई गई। केदारनाथ और यमुनोत्री हाईवे दिनभर सुचारू रहे।
चमोली के लामबगड़ में गुरुवार की सुबह बदरीनाथ हाईवे पर चट्टान का मलबा गिरने से सड़क बंद हो गई थी। बीते दिन बारिश के चलते सड़क को खोलने का काम शुरू नहीं हो पाया था। शुक्रवार को मौसम साफ होने के बाद मलबा हटाने का काम शुरू किया गया। यात्रियों की पैदल आवाजाही के लिए लामबगड़ में अलकनंदा नदी के किनारे ही पैदल मार्ग का निर्माण किया गया। बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों ने पांडुकेश्वर और लामबगड़ में अपने वाहन छोड़कर यहां से पैदल ही आवाजाही की। उधर मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घंटे में पहाड़ों में कुछ हिस्सों में तेज बारिश हो सकती है।
आपदा प्रभावित आराकोट और घाट का केंद्रीय टीम ने लिया जायजा
केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम ने शुक्रवार को उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित आराकोट और चमोली के घाट क्षेत्र का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। सात सदस्यीय टीम ने आराकोट के मोल्डी गांव का दौरा कर प्रभावितों से हालचाल जाना। आराकोट राहत कैंप में रह रहे प्रभावितों से भी केंद्रीय टीम के सदस्यों ने बातचीत की। इस दौरान उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि आराकोट में आई आपदा में 95 हेक्टेयर कृषि भूमि भूस्खलन की चपेट में आई है। 175 हेक्टेयर मलबा आने से बर्बाद हुई है, जिससे 9.84 करोड़ का नुकसान हुआ है। स्वास्थ्य परिसंपत्ति में 1.90 करोड़ का नुकसान हुआ है। जल संस्थान की 29 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।
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ऊर्जा निगम के 610 पोल, 8 ट्रांसफार्मर और 34 किमी विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। आंतरिक सड़क और पुल की करीब 22 करोड़ की क्षति हो गई है। आपदा से 197 छोटे बड़े पशुहानि हुई है तथा 15 लोगों की मौत हुई, जबकि 27 लोग घायल हुए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम में आपदा प्रबंधन के संयुक्त सचिव संजीव कुमार जिंदल ने जल्द सहायता के लिए आश्वास्त किया। इसके बाद केंद्रीय टीम ने आपदा प्रभावित चमोली के घाट क्षेत्र का भी जायजा लिया। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने केंद्रीय दल को क्षति के बारे में जानकारी दी।
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