उत्तराखंड में आफत की बारिश, तीसरे दिन भी बदरीनाथ हाइवे बंद; पैदल यात्रियों को आई चोटें
चमोली के लामबगड़ में बंद बदरीनाथ हाईवे को तीसरे दिन भी नहीं खोला जा सका। हाईवे पर लगातार पहाड़ी से मलबा आने से इसे सुचारू करने में मुश्किलें सामने आ रही हैं।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 01 Sep 2019 07:40 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। बारिश के बाद मलबा आने से चमोली के लामबगड़ में बंद बदरीनाथ हाईवे को तीसरे दिन भी नहीं खोला जा सका। हाईवे पर लगातार पहाड़ी से मलबा आने से इसे सुचारू करने में मुश्किलें सामने आ रही हैं। हालांकि शुक्रवार से ही लामबगड़ से पैदल आवाजाही हो रही है, लेकिन शनिवार को पैदल आवाजाही करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पहाड़ी से पत्थर आने के कारण चार यात्रियों को हल्की चोटें आई।
दूसरी ओर उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे सुबह चुंगी बड़ेथी में छह घंटे और हेल्गूगाड़ में चार घंटे मलबा आने के कारण बंद रहा, जबकि यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट में मलबा आने से तीन घंटे अवरुद्ध रहा। केदारनाथ गौरीकुंड हाईवे भी सुबह दो स्थानों पर बंद रहा। मार्ग को दोपहर बाद यातायात के लिए खोल दिया गया। चमोली के लामबगड़ में बंद बदरीनाथ हाईवे के शनिवार को यातायात के लिए खोले जाने की उम्मीद थी, लेकिन पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने से मार्ग को नहीं खोला जा सका। लामबगड़ भूस्खलन जोन में बनाए गए पैदल रास्ते से ही आवाजाही जारी रही। पहाड़ी से मलबा गिरना जारी रहने के बावजूद यात्रियों ने जान जोखिम में डालकर आवाजाही की। पैदल मार्ग से आवाजाही करते समय पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से मध्य प्रदेश के चार यात्रियों को हल्की चोटें भी आईं।
स्थानीय लोगों और एसडीआरएफ की मदद से उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पांडुकेश्वर लाया गया। जहां उपचार के बाद चारों यात्रियों को छुट्टी दे दी गई है। हाईवे बंद होने के कारण बदरीनाथ धाम में करीब 1300 यात्री रुके हुए हैं। यह यात्री निजी वाहनों से बदरीनाथ धाम की यात्रा पर आए हैं और पिछले तीन दिन से मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। उधर, मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में अगले चौबीस घंटे मौसम सामान्य रहेगा। कुछ पहाड़ी जिलों में बारिश के आसार हैं।
मलबे से 12 घंटे बंद रही लाइफ लाइन
वहीं, शुक्रवार रात दस बजे से हुई मूसलाधार बारिश के चलते जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी-चकराता रोड पर चापनू के पास भारी मात्रा में मलबा आने के कारण 12 घंटे तक अवरुद्ध रही। इससे समय पर उपज मंडी नहीं पहुंच पाने की वजह से बागवानों और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। सेब, सब्जी आदि से भरे वाहन रातभर फंसे रहे, लोगों को गाड़ियों में ही रात बितानी पड़ी। रास्ता बंद होने की वजह से कई स्कूलों में शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए। रोजाना बाहर से आने वाले कई शिक्षकों के देर से स्कूल पहुंचने की वजह से अभिभावकों में आक्रोश देखा गया।
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