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24 साल बाद डकैती का एक लाख का इनामी बदमाश गिरफ्तार, पुलिस के खौफ से तमिलनाडु में भेष बदलकर बेचता था कपड़े

Uttarakhand News उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 24 साल पुराने एक बैंक डकैती मामले में फरार चल रहे बदमाश को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है। बदमाश पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह पहचान छिपाकर सड़क किनारे कपड़े बेच रहा था। वर्तमान डीजीपी के हरिद्वार एसएसपी रहते हुए बदमाशों ने दिया था डकैती की घटना को अंजाम।

By Soban singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 20 Oct 2024 10:01 AM (IST)
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एसटीएफ की ओर से तमिलनाडु से गिरफ्तार डकैती का बदमाश। साभार- पुलिस

जागरण संवाददाता, देहरादून। हरिद्वार में साथियों के साथ मिलकर बैंक में डकैती डालने वाले एक बदमाश को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 24 साल बाद तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है।

बदमाश पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था जोकि इन दिनों पहचान छिपाकर सड़क किनारे कपड़े बेच रहा था। डकैती उस समय पड़ी थी जब मौजूदा पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार उस समय हरिद्वार में एसएसपी जबकि एसअीएफ के सीओ आरबी चमोला एसओजी प्रभारी थे

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह के अनुसार वर्ष 2004 में हरिद्वार में इलाहाबाद बैंक में डकैती पड़ी थी, जिसमें तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (वर्तमान पुलिस महानिदेशक) अभिनव कुमार ने सभी डकैतों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई कराई थी। इसमें एक बदमाश टीपू यादव घटना के लगभग एक माह बाद ही पुलिस मुठभेड़ में हरिद्वार पुलिस ने मार गिराया गया था।

पटना से फरार हुआ था बदमाश

घटना में शामिल एक बदमाश उदय उर्फ विक्रांत निवासी ग्राम खेरकैमा जिला पटना बिहार तब से लगातार फरार चल रहा था। पुलिस ने उसे ढूंढने के काफी प्रयास किए और घर की कुर्की तक की गई लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।

पुलिस मुख्यालय की ओर से डकैत की गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये का इनाम की घोषणा की गई थी। एसटीएफ टीम को डकैत के बारे में सूचना मिली कि वह तमिलनाडु में कहीं पर छिपकर रह रहा है। एसटीएफ की टीम अबुल कलाम, एसआइ यादवेंद्र बावजा, व विद्या दत्त जोशी के नेतृत्व में जनपद वेल्लोर, तमिलनाडु भेजी गई। शुक्रवार को पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

बदमाशों ने दिनदहाड़े बैंक में डाली थी डकैती

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 17 दिसंबर 2004 को दिनदहाड़े बदमाश इलाहाबाद बैंक हरिद्वार में तमंचे लेकर घुसे ओर पूरे स्टाफ को बंधक बना दिया। हेड कैशियर व प्रबंधक परिचालन को तमंचा दिखा कर उनसे चाबी ली और नौ लाख रुपये लूटकर फरार हो गए। इसके बाद बदमाशों ने कर्मचारियों को बैंक के स्ट्रांग रूम में बंद कर दिया। इस मामले में कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया था।

गिरोह के सरगना ने पुलिस टीम को किया था बेहोश

गिरोह का सरगना टीपू यादव निवासी दिगहा पटना विहार को हरिद्वार पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार किया। जब उसे ट्रेन में हरिद्वार लाया जा रहा था तो उसने पुलिसकर्मियों को खाने में कोई नशीली वस्तु खिलाकर और सबको बेहोश करके फरार हो गया। पुलिस ने लगभग एक माह बाद ही उसे मुठभेड़ में मार गिराया गया था। घटना में शामिल तीन अन्य बदमाशों को हरिद्वार पुलिस ने पूर्व में ही गिरफ्तार कर लिया था।

बिहार में अपहरण की घटना के बाद आया था हरिद्वार

पूछताछ में उदय उर्फ विक्रांत ने बताया कि उसने हरिद्वार में बैंक डकैती की घटना से पहले बिहार में पटना क्षेत्र से अपहरण की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद वह वर्ष 2004 में हरिद्वार आ गया था। यहां पर उसने जूस की ठेली लगाई और अपने साथियों के साथ इलाहाबाद बैंक में डकैती की योजना बनाकर घटना को अंजाम दिया था।

डर के कारण बदल लिया था भेष

बैंक डकैती में साथी टीपू यादव के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पकड़े जाने के डर से अपना भेष बदलकर अपने भाई पवन कुमार के साथ विशाखापट्टनम में चला गया था। वहां फुटपाथ पर कपड़े की ठेली लगाकर जीवन यापन करने लगा। फिर उसके पश्चात वहीं पर ही शादी करके रहने लगा।

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