Indo China Border: सैनिकों की आवाजाही में भी खलल डाल रहे भालू, वन विभाग लगाएगा कैमरा ट्रैप
Indo China Border चीन सीमा से सटे चमोली जिले के जोशीमठ समेत अन्य सीमांत क्षेत्रों में इन दिनों भालू की सक्रियता से न केवल स्थानीय निवासी भयभीत हैं बल्कि सेना के जवानों की आवाजाही में भी परेशानी हो रही है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 01 Nov 2020 03:31 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। चीन सीमा से सटे चमोली जिले के जोशीमठ समेत अन्य सीमांत क्षेत्रों में इन दिनों भालू की सक्रियता से न केवल स्थानीय निवासी भयभीत हैं, बल्कि सेना के जवानों की आवाजाही में भी परेशानी हो रही है। सेना और आइटीबीपी के मूवमेंट वाले इस क्षेत्र में सक्रिय भालूओं पर नजर रखने को वन महकमा अब वहां कैमरा ट्रैप लगाने जा रहा है। जोशीमठ क्षेत्र में सक्रिय भालू को पकड़ने के लिए पिंजरे लगा दिए गए हैं। उसे रेडियो कॉलर लगाने के मद्देनजर भारतीय वन्यजीव संस्थान और वन विभाग की एक टीम आज जोशीमठ भेजी जा रही है।
इस सीमांत में सर्दियों में भालू हाइबरनेशन (शीत निंद्रा) में चले जाते हैं। करीब चार माह तक वे गुफाओं में सोते रहते हैं, लेकिन इस बार जोशीमठ से लेकर लाता, गमशाली, मलारी, नीति व माणा घाटी में इनकी निरंतर सक्रियता बनी हुई है। जोशीमठ कस्बे में तो पिछले कुछ दिनों से मादा भालू अपने दो बच्चों के साथ घूम रही है। इस क्षेत्र में सेना और आइटीबीपी का मूवमेंट भी है, जिस कारण जवानों की आवाजाही भी प्रभावित हो रही है। इसे देखते हुए सेना की ओर से वन विभाग को पत्र भेजकर आवश्यक कदम उठाने को कहा गया।
राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार सेना का पत्र मिलने के बाद जोशीमठ क्षेत्र में सीसी कैमरे लगाए गए। इनमें भी भालू की तस्वीरें कैद हुई हैं। उन्होंने बताया कि भालू को पकड़ने के लिए जोशीमठ क्षेत्र में पिंजरे लगाए गए हैं। पिंजरे में कैद होने पर भालू की रेडियो कॉलरिंग की जाएगी, जिससे उस पर निरंतर निगरानी रखी जा सके। इसकी सूचना सेना से साझा की जाएगी। भालू को रेडियो कॉलर लगाने के लिए एक टीम रविवार को जोशीमठ भेजी जा रही है। इसमें भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
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मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने जानकारी दी कि लाता, गमशाली, मलारी, नीति और माणा घाटी में भी भालू समेत दूसरे वन्यजीवों पर नजर रखने को आइटीबीपी के कैंपों के पास कैमरा ट्रैप लगाए जाएंगे। इस सिलसिले में आइटीबीपी के अधिकारियों से बातचीत के बाद कदम उठाए जाएंगे।
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