पहाड़ों की रानी मसूरी से खूबसूरत हैं आसपास के इलाके, साढ़े चार हजार रुपये में दो दिन में कर सकते हैं इनकी सैर
अगर आप कहीं घूमने का प्लान कर रहे हैं तो मसूरी सबसे अच्छा डेस्टिनेशन है। यहां घूमने के लिए दो दिन काफी हैं। दिल्ली से मसूरी तक का उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों का किराया 435 रुपये प्रति सवारी है।
By Nirmala BohraEdited By: Updated: Sat, 28 May 2022 05:24 PM (IST)
संवाद सहयोगी, मसूरी: स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां पड़ गई हैं। अगर आप कहीं घूमने का प्लान कर रहे हैं तो मसूरी सबसे अच्छा डेस्टिनेशन है। यहां घूमने के लिए दो दिन काफी हैं। यह दिल्ली से मात्र 312 किलोमीटर की दूरी पर है। दिल्ली से आप मसूरी बस, ट्रेन या अपने वाहन से भी आ सकते हैं। दिल्ली से मसूरी के लिए सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है। दिल्ली से मसूरी तक का उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों का किराया 435 रुपये प्रति सवारी है।
2000 रुपये में नान एसी रूममसूरी में 350 से अधिक होटल व गेस्ट हाउस व होम स्टे हैं, जिनमें अधिकांश में आनलाइन बुकिंग सुविधा उपलब्ध है। आपको सीजन में 2000 रुपये में नान एसी रूम मिल जाएगा। मसूरी में पर्यटकों के लिये भट्टा फाल, कैम्पटी फाल, गनहिल, चार दुकान-लाल टिब्बा, मसूरी झील, कंपनी गार्डन, जार्ज एवरेस्ट, क्लाउड एंड जैसे पिकनिक स्पाट हैं।
देहरादून से मसूरी आते हुए मसूरी से आठ किमी पहले भट्टा फाल तथा छह किमी पहले मसूरी झील स्थित है। मसूरी के लाइब्रेरी बाजार से चार किमी की दूरी पर कंपनी गार्डन है। जहां पर अपनी कार या फिर रिक्शा से पहुंचा जा सकता है। 13 किमी की दूरी पर कैम्पटी फाल है, जहां पर कार, बस अथवा टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। 28 किमी की दूरी पर यमुना ब्रिज है। जहां पर यमुना नदी में रिवर राफ्टिंग का आनंद उठा सकते हैं।
हर साल पच्चीस लाख से अधिक पर्यटक करते हैं रुखउत्तराखंड में छुट्टियां बिताने के लिए नैनीताल, मसूरी, अल्मोड़ा, रानीखेत, चकराता, हर्षिल, धनोल्टी, लैंसडाउन, मुक्तेश्वर, चौपता, पिथौरागढ़ आदि प्रमुख हिल स्टेशन हैं और इन सभी में पहाड़ों की रानी मसूरी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां की आबोहवा पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है और हर साल पच्चीस लाख से अधिक पर्यटक यहां का रुख करते हैं।
अंग्रेजी फौज के कैप्टेन फ्रेडरिक यंग द्वारा मसूरी को बसाने की शुरूआत 1820 के आसपास की गयी थी। साढ़े छह हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित मसूरी शहर चारों ओर से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है जो राजधानी देहरादून से मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर है।कैसे पहुंचे मसूरी:मसूरी का निकटवर्ती हवाई अड्डा जौलीग्रांट देहरादून में हैं। राजधानी देहरादून हवाई, रेल व सड़क यातायात से देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। देहरादून से मसूरी के लिये उत्तराखंड परिवहन की बसें तथा टैक्सियां संचालित होती हैं। दिल्ली से मसूरी के लिये सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है।
दिल्ली से मसूरी तक का उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों का किराया 435 रूपये प्रति सवारी है। देहरादून से मसूरी तक परिवहन निगम की बसों द्वारा 65 रूपये में पहुंचा जा सकता है। देहरादून रेलवे स्टेशन से मसूरी के लिये टैक्सियां सचालित होती हैं, जिसका किराया फुल टैक्सी 1350 रूपये तथा प्रति सवारी 270 रूपये है।
कितने खर्च में घूम सकते हैं मसूरीबस द्वारा मसूरी पहुचंने का किराया : 435 रूपये (आना-जाना : 870)नान एसी रूम : 2000 रूपयेखाने पीने का खर्च : 1000 रूपयेआसपास घूमने का खर्च : 500 रूपयेकुल : 4370 रूपयेवीकेंड पर कमरों के लिये ज्यादा मारामारीपर्यटन सीजन में विशेषकर वीकेंड पर कमरों के लिये ज्यादा मारामारी रहती है, इसलिए पहले से ऑनलाइन बुकिंग करवाना श्रेयकर होता है। जिससे मसूरी पहुंचने के बाद होटल में कमरें ढूंढने के लिए परेशानी न उठानी पड़े। मसूरी के समीपवर्ती कैम्पटी तथा धनोल्टी में भी अच्छे होटल मौजूद हैं इसके साथ ही मसूरी-चकराता हाईवे पर कैम्पटी के समीप बंग्लों की काण्डी व कान विलेज सैंजी में भी होम स्टे सुविधा है।
बिनोग वाइल्ड लाइफ सेंचुर:इसके साथ ही बिनोग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में 85 प्रजातियों की पक्षियों के दीदार कर सकते हैं। कैम्पटी के समीप कार्न विलेज सैंजी में ग्रामीण जिंदगी को करीब से देखने का सुनहरा अवसर मिलेगा। मसूरी से 28 किमी की दूरी पर बांज, बुरांश व देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ धनोल्टी नगरी तथा धनोल्टी से छह किमी की दूरी पर मां सुरकण्डा देवी का भव्य मंदिर है, जहां के लिये कद्दूखाल से रोपवे द्वारा पहुंचा जा सकता है।
ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए भी खास जगहें:ट्रैकिंग के शौकीन देबलसारी-नागटिब्बा, पंतवाड़ी- नागटिब्बा, अगलाड़ पुल-बंदरकोट-देबीकोल-नैनबाग, मसूरी-बिनोग हिल-कैम्पटी तथा मसूरी-दुधली भदराज-मटोगी- विकासनगर रूट पर ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं। नागटिब्बा दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि दुधली भदराज सात हजार व देबीकोल छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
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