बड़े कारोबारी ही चला पाएंगे शराब की मॉडल शॉप
अब प्रदेश में बड़े कारोबारी ही शराब की मॉडल शॉप को चला पाएंगे। जबकि छोटे कारोबारी इस धंधे से खुद ही बाहर हो जाएंगे।
देहरादून, [जेएनएन]: अब प्रदेश में बड़े कारोबारी ही शराब की मॉडल शॉप को चला पाएंगे। जबकि छोटे कारोबारी इस धंधे से खुद ही बाहर हो जाएंगे। ऐसा नई आबकारी नीति में जोड़ी गई एक शर्त से होगा, क्योंकि अब मॉडल शॉप के लिए नीति में पांच करोड़ रुपये के टर्नओवर की शर्त जोड़ी गई है। इसमें भी शराब की बिक्री को शामिल नहीं किया गया है। अन्य प्रकार के सामान की बिक्री से यह टर्नओवर होना चाहिए।
वर्तमान की आबकारी नीति में मॉल या डिपार्टमेंटल स्टोर में महंगी शराब की बिक्री के लिए सिर्फ प्रति बोतल ईडीपी, एमजीडी व लाइसेंस फीस का ही उल्लेख किया गया था। यानी कुछ आधारभूत शर्तों को पूरा कर कोई भी व्यक्ति शराब की मॉडल शॉप का लाइसेंस प्राप्त कर सकता था।
नई नीति में स्पष्ट किया गया है कि मदिरा के अतिरिक्त अन्य उत्पादों की बिक्री का न्यूनतम टर्नओवर पांच करोड़ रुपये होना चाहिए। इस टर्नओवर का प्रमाण पत्र संबंधित विभाग से भी प्राप्त किया जाना जरूरी है। खास बात यह भी कि नया नियम पूर्व में संचालित मॉडल शॉप पर भी लागू होगा। इस तरह जो मॉडल शॉप वर्तमान में चल रही हैं, उनमें से अधिकतर पर बंदी की तलवार लटकना तय है।
राजस्व बिक्री का नहीं मतलब
ऐसा नहीं है कि यह शर्त नीति में राजस्व बढ़ोतरी के लिए जोड़ी गई है, बल्कि ऐसा भी हो सकता है कि इस शर्त के बाद मॉडल शॉप से मिलने वाले राजस्व का हिस्सा घट भी सकता है। क्योंकि जितनी अधिक दुकानें होंगी, राजस्व उतना ही अधिक होगा और नए नियम के हिसाब से दुकानों की संख्या स्वयं कम हो जाएगी।
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