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Uttarakhand: 'बिल लाओ इनाम पाओ' योजना ने उत्तराखंड में टैक्स चोरी पर लग रही है लगाम, GST पर भी नजर

राज्य सरकार की बिल लाओ इनाम पाओ योजना दोहरे लाभ का सौदा साबित हो रही है। हर महीने काफी संख्या में प्राप्त होने वाले बिलों के आधार पर एसजीएसटी विभाग यह पता लगा रहा है कि संबंधित प्रतिष्ठान कर जमा कर रहा है या नहीं। बिलों के परीक्षण में राज्य कर विभाग को पता चला कि देहरादून हरिद्वार रुद्रपुर और हल्द्वानी की 18 फर्म कर अपवंचना कर रही हैं।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Sat, 23 Dec 2023 04:23 PM (IST)
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'बिल लाओ इनाम पाओ' योजना ने उत्तराखंड में टैक्स चोरी पर लग रही है लगाम

सुमन सेमवाल, देहरादून। राज्य सरकार की "बिल लाओ इनाम पाओ" योजना दोहरे लाभ का सौदा साबित हो रही है। योजना में भाग लेने वाले नागरिकों को हर माह 1,500 इनाम बांटे जा रहे हैं और उनके लक्की ड्रा के लिए जमा कराए जा रहे बिलों के आधार पर राज्य कर (स्टेट जीएसटी) विभाग को कर चोरों की चौखट तक पहुंचने में मदद मिल रही है।

हर महीने काफी संख्या में प्राप्त होने वाले बिलों के आधार पर एसजीएसटी विभाग यह पता लगा रहा है कि संबंधित प्रतिष्ठान कर जमा कर रहा है या नहीं। ऐसे ही बिलों के परीक्षण में राज्य कर विभाग को पता चला कि देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर और हल्द्वानी की 18 फर्म कर अपवंचना (कर चोरी) कर रही हैं। इनमें से चार प्रतिष्ठानों में पांच करोड़ से अधिक की कर चोरी पकड़ी गई। इन फर्मों के बिल तो ग्राहकों के माध्यम से विभाग तक पहुंच गए, लेकिन इनके कर व रिटर्न का पता नहीं चल रहा था।

जांच में पाई गई खामियां

छानबीन की तो पता चला कि कुछ फर्मों का जीएसटी पंजीकरण दो-तीन साल पहले निरस्त हो चुका है या ये फर्म दाखिल रिटर्न में बिक्री को प्रदर्शित ही नहीं कर रही थीं। यह भी पाया गया कि कुछ फर्म ग्राहकों से जीएसटी तो चार्ज कर रही थीं, लेकिन उसे जमा नहीं कराया जा रहा था। फर्मों की ओर से की जा रही कर चोरी स्पष्ट हो जाने के बाद विभाग की ओर से इन पर छापेमारी की गई। इनमें चार प्रतिष्ठान देहरादून, पांच हरिद्वार, पांच रुद्रपुर व चार हल्द्वानी के पाए गए।

करोड़ों की धोखाधड़ी

अब तक की जांच में पाया गया कि इन्होने करीब पांच करोड़ रुपये की बिक्री पर कर चोरी की है। यह प्रतिष्ठान होटल, रेस्तरां, गारमेंट्स, डेली नीड्स स्टोर की श्रेणी में आते हैं। मौके से अधिकारियों ने बड़ी संख्या में आय-व्यय और बिक्री समेत अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। जिनका विश्लेषण शुरू कर दिया गया है। हरिद्वार के प्रतिष्ठानों ने अपनी त्रुटि को स्वीकार करते हुए 2.47 लाख रुपये मौके पर ही सरेंडर कर दिए। बाकी से कर की वसूली ब्याज और अर्थदंड के साथ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इनके नेतृत्व में हुई कार्रवाई

यह कार्रवाई कुमाऊं और गढ़वाल जोन के अपर आयुक्तों के राकेश वर्मा व पीएस डुंगरियाल के मार्गदर्शन में की गई। टीम में संयुक्त आयुक्त एसआइबी/प्रा. देहरादून संभाग एसएस तिरुवा, डा सुनीता पांडे हरिद्वार संभाग, रणवीर सिंह रुद्रपुर संभाग, रोशल लाल हल्द्वानी संभाग, उपायुक्त सुरेश कुमार, कार्तिकेय वर्मा, रजनीश यशवस्थी समेत 70 कार्मिक शामिल रहे।

नोडल अधिकारी से कराई जा रही है जांच

आयुक्त राज्य कर डा अहमद इकबाल के मुताबिक, सितंबर 2022 से लागू "बिल लाओ इनाम पाओ" योजना में अपलोड किए गए बिलों की जांच संयुक्त आयुक्त एसआईबी/प्रा. एवं नोडल अधिकारी आईटी से कराई जा रही है। जिसके आधार पर आगे भी छापेमारी की कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि क्रिसमस और नव वर्ष के मद्देनजर होटल-रेस्तरां के आयोजनों पर विशेष नजर रखी जा रही है। जहां भी कर चोरी की आशंका पाई जाएगी, वहां कार्रवाई की जाएगी।

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