टिहरी झील में फ्लोटिंग मरीना के डूबने पर गमाई उत्तराखंड की सियासत
टिहरी झील में तैरते रेस्तरां फ्लोटिंग मरीना का आधा हिस्सा डूबने की घटना के बाद सियासत गर्मा गई है। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही एक दूसरे पर हमला बोला।
By BhanuEdited By: Updated: Sat, 11 May 2019 07:59 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। टिहरी झील में तैरते रेस्तरां फ्लोटिंग मरीना का आधा हिस्सा डूबने की घटना के बाद सियासत गर्मा गई है। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही एक दूसरे पर हमला बोला।
कांग्रेस शासनकाल में तैयार हुए इस फ्लोटिंग मरीना को लेकर अब भाजपा ने कांग्रेस से सवाल पूछा है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ. देवेंद्र भसीन के अनुसार कांग्रेस खुद ही मान चुकी है कि यह घोटाला उसके शासनकाल में हुआ। उन्होंने सवाल उठाया कि जब इस बोट के संचालन को एनओसी नहीं थी तो फिर कांग्रेस सरकार ने इसका निर्माण क्यों करवाया। डॉ. भसीन ने एक वक्तव्य में कहा कि कांग्रेस ने इस बात का भी जवाब नहीं दिया कि फ्लोटिंग मरीना का निर्माण का जिम्मा उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को क्यों दिया गया और निगम ने यह काम अनुभवहीन कंपनी को क्यों सौंपा।
उन्होंने कहा कि काग्रेस का यह कथन कि सरकार के पास ऐसी बोट चलाने को एनओसी नहीं थी, इसलिए इसे नहीं चलाया गया। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि इस स्थिति में काग्रेस सरकार ने पौने तीन करोड़ रुपए खर्च कर इसका निर्माण ही क्यों करवाया।
उन्होंने कहा कि साफ है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार की मंशा यह रकम ठिकाने लगाने की थी। उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर इस प्रकरण की जांच शुरू की गई है और इसमें सारे तथ्यों का खुलासा हो जाएगा। साथ ही जिम्मेदारी तय करने के अलावा कार्रवाई भी होगी। डॉ. भसीन ने देहरादून के बल्लीवाला फ्लाईओवर की चौड़ाई घटाने को लेकर भी कांग्रेस से सवाल पूछा है।
कांग्रेस ने सीएम पर बोला हमला
कांग्रेस ने टिहरी झील में डूबने वाले फ्लोटिंग मरीना (बोट रेस्तरां) को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर हमला बोला। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उक्त रेस्तरां का न तो सुरक्षा सर्टिफिकेशन है और न ही पंजीकरण। भले ही बोट रेस्तरां पिछली कांग्रेस सरकार के जमाने में खरीदी गई थी, लेकिन इसका उद्घाटन त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने किया था। मीडिया से बातचीत में धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी कैबिनेट की बैठक उक्त बोट रेस्तरां पर आयोजित की थी। बगैर मरीन सर्वेयर की अनापत्ति व सुरक्षा जांच सर्टिफिकेट के बोट रेस्तरां में कैबिनेट बैठक करना सवाल खड़े करता है। यह इंडियन वेसल एक्ट का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि झील में किसी भी प्रकार के नौकायन या जल क्रीड़ा के लिए मरीन सर्वेयर की अनापत्ति या स्वीकृति आवश्यक है। इससे संबंधित प्राधिकरण का गठन आज तक नहीं हुआ है। राज्य सरकार ने ऐसा कदम उठा कर कैबिनेट सदस्यों की जान के साथ खिलवाड़ भी किया है। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया को बोट रेस्तरां सुरक्षित है, यह संदेश देने के लिए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। धस्माना ने मुख्यमंत्री से राज्य में इंडियन वेसल एक्ट के तहत जल गतिविधियों और जल क्रीड़ा के लिए प्राधिकरण का गठन करने की मांग भी की। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने भी इस मामले में भाजपा और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा था।
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