कैबिनेट फैसले पर कांग्रेस ने जताया ऐतराज, भाजपा ने किया पलटवार
प्रदेश में सड़कों के संबंध में कैबिनेट के फैसले पर भी कांग्रेस ने ऐतराज जताया है। वहीं, भाजपा ने कैबिनेट के फैसलों को सराहनीय बताया।
By Edited By: Updated: Tue, 27 Nov 2018 08:16 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में सड़कों के संबंध में कैबिनेट के फैसले पर भी कांग्रेस ने ऐतराज जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि 2016 में स्वीकृत सड़कों को गुण दोष के आधार पर स्वीकृत करने के संबंध में लिए गए निर्णय से राज्य में सड़कों का विकास अवरुद्ध होगा। यह ग्रामीण क्षेत्रों के हित में नहीं है। वहीं, भाजपा ने कैबिनेट के फैसलों को सराहनीय बताया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कैबिनेट के सड़कों से संबंधित फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि कांग्रेस के कार्यकाल में 2016 में स्वीकृत सड़कों को गुणदोष के आधार पर स्वीकृत किया जाएगा। उन्होंने सवाल उठाया कि ये गुण-दोष कौन निर्धारित करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इन सड़कों पर अपना ठप्पा लगाना चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016-17 में बजट पारित होने के बाद इन सड़कों की स्वीकृति दी गई थी। इनमें कुछ सड़कें वन अधिनियम के तहत क्लीयर भी हुई।
उन्होंने कहा कि जब कभी मंजूरी होने के साथ ही टोकन मनी जारी होती है, तभी सर्वेक्षण के बाद इसे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को सैद्धांतिक स्वीकृति के लिए भेजा जाता है। सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद डीपीआर बनती है और फिर इसे अंतिम स्वीकृति व अनुमति के लिए केंद्र को भेजा जाता है।विकास व सुशासन की दृष्टि से अहम हैं फैसले
कैबिनेट के फैसलों को भाजपा ने प्रदेश के विकास और सुशासन की दृष्टि से दूरगामी परिणाम देने वाला बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि सरकार के सभी फैसले अहम और सराहनीय हैं।डॉ. भसीन ने कहा कि नो वर्क-नो पे का फैसला उत्तराखंड को हड़ताली प्रदेश बनाने से रोकने की दिशा में अहम है। दो वर्ष पहले तक उत्तराखंड देश में सर्वाधिक हड़ताल व प्रदर्शनों वाले पहले तीन राज्यों में शामिल था। यह स्थिति विकास में बाधक है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनकी सरकार कर्मचारियों की हर जायज मांग मानने के प्रति सकारात्मक है। ऐसे में हड़ताल का कोई औचित्य नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि विकास की दृष्टि से जहां भ्रष्टाचार पर अंकुश जरूरी है, वहीं वहीं कार्यसंस्कृति में बड़े बदलाव की भी जरूरत है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, वहीं वह विकास के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कैबिनेट के अन्य फैसलों का जिक्र किया।
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