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पिथौरागढ़ सीट के उपचुनाव में यह प्रयोग दोहरा सकती है भाजपा, पढ़िए खबर

कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के कारण रिक्त हुई विधानसभा की पिथौरागढ़ सीट के उपचुनाव में भाजपा थराली के प्रयोग को दोहरा सकती है।

By BhanuEdited By: Updated: Sat, 29 Jun 2019 10:12 AM (IST)
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पिथौरागढ़ सीट के उपचुनाव में यह प्रयोग दोहरा सकती है भाजपा, पढ़िए खबर
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के कारण रिक्त हुई विधानसभा की पिथौरागढ़ सीट के उपचुनाव में भाजपा थराली के प्रयोग को दोहरा सकती है। पार्टी सूत्रों की मानें तो स्व.पंत के परिजनों में से किसी को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इस सिलसिले में पार्टी में गहनता से मंथन चल रहा है। 

हालांकि, प्रत्याशी कौन होगा, इस बारे में अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 57 सीटें जीतकर इतिहास रचा था। पिछले वर्ष थराली सीट से भाजपा विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद 28 मई को इस सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी ने स्व.शाह की पत्नी एवं तत्कालीन चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्नी देवी को प्रत्याशी बनाया। चुनाव में मुन्नी देवी ने कांग्रेस के प्रो. जीतराम को हराकर यह सीट भाजपा के पास बरकरार रखी। 

अब कैबिनेट मंत्री पंत के निधन से विधानसभा की पिथौरागढ़ सीट रिक्त हो गई है। नियमानुसार इस सीट पर छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाना है। हालांकि, चुनाव में अभी समय है, बावजूद इसके भाजपा में प्रत्याशी को लेकर मंथन शुरू हो गया है। 

विधानसभा सत्र के दौरान भी पिथौरागढ़ उपचुनाव को लेकर विधायकों के बीच खासी चर्चा रही। पार्टी सूत्रों के अनुसार पिथौरागढ़ सीट के उपचुनाव में भी भाजपा थराली का प्रयोग दोहरा सकती है। यानी, इस सीट पर स्व.पंत के परिजनों में से किसी को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। 

सूत्रों की मानें तो हाल में पार्टी पदाधिकारियों की एक टीम शोक संवेदना व्यक्त करने पिथौरागढ़ गई थी। इस दौरान टीम ने स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों से इस बारे में फीडबैक भी लिया। सूत्रों की मानें तो सभी ने बातचीत में स्व.पंत के परिजनों को ही चुनाव मैदान में उतारने पर जोर दिया।

पंचायत चुनाव: प्रत्याशी चयन को टोह लेने में जुटी भाजपा

हरिद्वार जिले को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में सितंबर में संभावित पंचायत चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने कमर कस ली है। इस सिलसिले में पार्टी की प्रांत स्तर पर गठित पंचायत चुनाव संचालन समिति ने पंचायत प्रमुखों के लिए प्रत्याशियों के चयन के मद्देनजर टोह लेना शुरू कर दिया है। 

इसके लिए जिलाध्यक्षों से संपर्क साधने के साथ ही अन्य स्तरों पर भी फीडबैक लिया जा रहा है। पार्टी की मंशा है कि अभी से ही त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रमुख पदों के लिए संभावित दावेदारों के नाम ले लिए जाएं, ताकि चुनाव का एलान होने के बाद प्रत्याशी चयन में दिक्कत न आए। 

उत्तराखंड में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से अब तक के चुनावों में विजय रथ पर सवार भाजपा के लिए अब अगली चुनौती पंचायत चुनाव की है। राज्य में हरिद्वार जिले को छोड़ शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला) का कार्यकाल अगले माह समाप्त हो रहा है। 

पंचायत चुनाव सितंबर में संभावित माने जा रहे हैं। ऐसे में भाजपा का पूरा ध्यान अब पंचायत चुनावों पर टिक गया है। हाल में हुई पार्टी की प्रांतीय कार्यसमिति की बैठक में इसे लेकर मंथन हुआ और कार्यकर्ताओं से पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट जाने की अपील की गई। साथ ही पंचायत चुनाव के लिए पांच सदस्यीय चुनाव संचालन गठित कर दी गई। 

पार्टी सूत्रों के मुताबिक त्रिस्तरीय पंचायतों के अध्यक्ष पदों के लिए प्रत्याशियों का चयन खासी मशक्कत भरा काम है। इसे देखते हुए इसके लिए कसरत शुरू कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो पंचायत चुनाव संचालन समिति समिति के सदस्यों ने पंचायत प्रमुख के पदों पर प्रत्याशी चयन के मद्देनजर टोह लेनी शुरू कर दी है। 

इसके लिए जिला व मंडल अध्यक्षों के अलावा प्रबुद्धजनों से फीडबैक लिया जा रहा है। इसमें दावेदारों को उनकी जमीनी पकड़, क्षेत्र में सक्रियता समेत अन्य बिंदुओं की कसौटी पर परखा जा रहा है। जल्द ही संभावित दावेदारों की सूची तैयार कर प्रांतीय नेतृत्व के समक्ष रखी जाएगी।

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