Uttarakhand Politics: वरिष्ठ नेताओं के आपसी मतभेद पर भाजपा की उन्हें नसीहत, जुबां पर रखें काबू
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ समय शेष है। लेकिन इससे पहले भाजपा में आपसी मतभेद सामने नजर आ रहे हैं। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर की गई टिप्पणी को भाजपा ने गंभीरता से लिया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 16 Sep 2021 08:46 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ भाजपा में वरिष्ठ नेताओं के आपसी मतभेद सतह पर नजर आने से पार्टी की चिंता बढ़ गई है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर की गई टिप्पणी को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कैबिनेट मंत्री हरक को पार्टी मुख्यालय में बुलाकर केंद्रीय नेतृत्व के सख्त रुख से अवगत करा दिया। पार्टी नेताओं को कड़ी चेतावनी दी गई है कि वे सार्वजनिक बयानबाजी से बाज आएं। यह बात दीगर है कि कुछ ही घंटे बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने हरक पर तीखा हमला बोल दिया।
हाल ही में धामी कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य डा हरक सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर एक तल्ख टिप्पणी कर दी थी। हरक ने त्रिवेंद्र के साथ रिश्तों से संबंधित सवाल के जवाब में कहा था कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय त्रिवेंद्र को ढैंचा बीज घोटाला मामले में जेल जाने से उन्होंने बचाया। हरक के इस बयान से सूबे की सियासत गर्मा गई। भाजपा में भी इसकी बड़ी प्रतिक्रिया नजर आई। कुछ भाजपा विधायकों के कार्यकत्र्ताओं के साथ सार्वजनिक मंचों पर हुए विवाद से किरकिरी झेल रही पार्टी अपने दो दिग्गज नेताओं के इस नए प्रकरण से खासी असहज स्थिति में पहुंच गई। हालांकि तब त्रिवेंद्र ने संयमित प्रतिक्रिया दी कि हरक तो कुछ भी बोलते रहते हैं, उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक हरक की त्रिवेंद्र पर की गई टिप्पणी का मामला दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच गया। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद बुधवार दोपहर में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को प्रदेश संगठन ने प्रदेश मुख्यालय में तलब किया। हरक सिंह रावत एक अन्य कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत के साथ उन्हीं की कार में भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंचे। मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय के साथ दोनों मंत्रियों की लंबी बैठक चली।
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने इस दौरान कहा कि हरक सिंह रावत की पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर टिप्पणी मामले में केंद्रीय नेतृत्व सख्त नाराज है। नेतृत्व ने साफ किया कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। पार्टी कार्यकत्र्ता और नेता एक-दूसरे के खिलाफ विवादित बयानों से बचें और खुद पद नियंत्रण रखें। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ऐसी स्थिति पार्टी के लिए उचित नहीं है। इससे पार्टी को नुकसान होगा और जनता में गलत संदेश जाएगा।
हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस बैठक को रूटीन बैठक करार दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, लिहाजा संगठन व सरकार के बीच इस तरह की बैठकें लगातार हो रही हैं। इसे किसी प्रकरण से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह अलग बात है कि इस बैठक के कुछ ही देर बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दो बयान सामने आ गए, जिनमें उन्होंने हरक सिंह रावत पर तीखे अंदाज में हमला बोला। त्रिवेंद्र के बयानों पर प्रतिक्रिया के लिए हरक सिंह रावत से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए। बुधवार दोपहर को भी भाजपा मुख्यालय पहुंचने पर उन्होंने मीडिया के सवालों को मुस्करा कर टाल दिया था।
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