Uttrakhand News: तराई क्षेत्र के लिए BJP ने बनाई विशेष रणनीति, लोकसभा चुनाव में हैट्रिक बनाने का लक्ष्य
भाजपा राज्य में अपने चुनावी अभियान को लेकर प्रत्येक कदम फूंक-फूंककर रख रही है और आगामी लोकसभा चुनाव में हैट्रिक बनाने के लक्ष्य को लेकर मैदान में उतरी हुई है। पार्टी ने हरिद्वार व ऊधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत आने वाले तराई क्षेत्र के लिए विशेष रणनीति बनाई है। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 20 में से 13 सीटों पर पराजय हुई थी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। आगामी लोकसभा चुनाव में हैट्रिक बनाने के लक्ष्य को लेकर मैदान में उतरी भाजपा अपने चुनावी अभियान में प्रत्येक कदम फूंक-फूंककर रख रही है। इसी कड़ी में पार्टी ने हरिद्वार व ऊधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत आने वाले तराई क्षेत्र के लिए विशेष रणनीति बनाई है।
यह वही क्षेत्र है, जहां वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 20 में से 13 सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा था।
पार्टी का उत्तराखंड में पार्टी समीकरण
पार्टी सूत्रों के अनुसार तराई क्षेत्र में सिख समाज के साथ ही एससी, एसटी और ओबीसी को साधने के लिए सम्मेलन, संवाद जैसे कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए पार्टी नेताओं की जिम्मेदारियां भी तय कर दी गई हैं। उत्तराखंड में भाजपा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से विजय रथ पर सवार है।
वर्ष 2014 से राज्य के अंतर्गत आने वाली लोकसभा की पांचों सीटों पर वह काबिज है, जबकि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया। साथ ही वर्ष 2022 में भाजपा ने दो-तिहाई से अधिक बहुमत हासिल कर वह मिथक तोडने में कामयाबी पाई, जिसमें राज्य में हर पांच साल में सत्ताधारी बदल जाता था।
राज्य की इतनी सीटे हैं शामिल
पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 60 में से 47 सीटें जीती थीं। जिन 23 सीटों पर उसे पराजय मिली, उनमें हरिद्वार जिले की आठ और ऊधम सिंह नगर की पांच सीटें भी शामिल हैं। शेष 10 सीटें अन्य जिलों की हैं। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने विधानसभा की इन हारी सीटों पर खास ध्यान केंद्रित किया है। इसी क्रम में तराई क्षेत्र (हरिद्वार व ऊधम सिंह नगर) के लिए भी विशेष रणनीति बनाई गई है।
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प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी की रविवार को हुई लोकसभा योजना बैठक में इस पर मंथन हुआ और तराई क्षेत्र की कार्ययोजना पर मुहर लगाई गई। तराई क्षेत्र में सामाजिक संपर्क को विशेष तवज्जो दी जा रही है।
हरिद्वार में भी होंगे सम्मेलन
हाल में रुद्रपुर में हुए युवा सिख सम्मेलन की तर्ज पर जल्द ही हरिद्वार जिले में भी इसी तरह का सम्मेलन होगा। इसके अलावा संपूर्ण तराई क्षेत्र में एससी, एसटी व ओबीसी समुदाय के मध्य पैठ मजबूत करने को संपर्क अभियान, संगोष्ठी, युवा संवाद जैसे कई कार्यक्रम तय किए गए हैं।
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