राज्यसभा चुनाव में भाजपा आखिरी में खोलेगी पत्ते
उत्तराखंड की एक राज्यसभा सीट के दावेदारों में अब भाजपा के केंद्रीय स्तर पर संगठन की सेवा में लंबे समय से जुड़े नेताओं के नाम भी शुमार हो गए। ऐसे में भाजपा आखिर में पत्ते खोलेगी।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड की एक राज्यसभा सीट के दावेदारों में अब भाजपा के केंद्रीय स्तर पर संगठन की सेवा में लंबे समय से जुड़े नेताओं के नाम भी शुमार हो गए हैं। हालांकि अभी प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी में कोई सुगबुगाहट महसूस नहीं की जा रही है, लेकिन प्रदेश में लगभग आधा दर्जन दावेदार भितरखाने स्वयं के लिए जमीन तैयार करने में शिद्दत से जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशी को लेकर अपने पत्ते आखिर में ही खोलेगी।
उत्तराखंड में राज्यसभा की कुल तीन सीटें हैं। इनमें से एक सीट आगामी दो अप्रैल को रिक्त हो रही है। इस दिन कांग्रेस के महेंद्र सिंह माहरा का कार्यकाल पूर्ण हो रहा है।
इस चुनाव में विधायक ही मतदाता होते हैं और भाजपा के पास मौजूदा विधानसभा में तीन-चौथाई से ज्यादा बहुमत है। लिहाजा, जिसे भी पार्टी राज्यसभा सीट के लिए प्रत्याशी बनाएगी, उसकी जीत तय है। यही वजह है कि प्रदेश से लेकर केंद्र तक कई वरिष्ठ नेता अपनी दावेदारी पुख्ता करने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं।
जिन वरिष्ठ नेताओं को राज्यसभा सीट के लिए दावेदार माना जा रहा है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत के नाम प्रदेश से मुख्य हैं। इनके अलावा राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी, उद्योगपति अनिल गोयल के नाम भी चर्चा में हैं।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस बात की भी काफी अधिक संभावना बन रही है कि पार्टी नेतृत्व केंद्रीय संगठन में लंबे समय से कार्य कर रहे किसी वरिष्ठ नेता को भी उत्तराखंड से राज्यसभा भेज सकता है।
अगर ऐसा होता है तो भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी की दावेदारी मजबूत हो सकती है।
सोमवार से राज्यसभा सीट के के लिए निर्वाचन प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है, लेकिन संभावना यही है कि भाजपा आखिर में ही अपने प्रत्याशी का नाम सार्वजनिक करेगी।
70 नहीं, 69 ही वोटर
देहरादून: राज्यसभा चुनाव में विधायक मतदाता की भूमिका में होते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 70 में से 57 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन एक पार्टी विधायक मगनलाल शाह का पिछले दिनों निधन हो गया। फिलहाल यह सीट रिक्त है। इस लिहाज से इस राज्यसभा चुनाव में 69 विधायक ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। कांग्रेस के पास कुल 11 विधायक हैं, जबकि दो विधायक निर्दलीय हैं।
केंद्रीय नेतृत्व करेगा फैसला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के मुताबिक राज्यसभा चुनाव के लिए कौन पार्टी का प्रत्याशी होगा, इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व के स्तर से ही किया जाएगा। यह नेतृत्व के अधिकार क्षेत्र में ही आता है। प्रत्याशी कोई भी हो चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित है।
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