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Board Exam Tips: 'पढ़ाई बहुत करते हैं मगर कुछ याद नहीं होता', तनाव हो रहा हावी तो इस नंबर पर कॉल करने से मिलेगा समाधान

पढ़ाई बहुत करते हैं मगर कुछ याद होता ही नहीं... सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन की ओर से जारी टोल फ्री नंबर पर काउंसलर के पास इन दिनों अधिकांश इस तरह के मामले आ रहे हैं। बच्चे परेशान हैं और तनाव का शिकार हो रहे हैं। हेल्पलाइन पर प्रतिदिन 10 से 12 फोन में अधिकांश मामले साइकोसिमेट्रिक प्राब्लम एंजाइटी व फोबिया के आ रहे हैं।

By Sumit kumar Edited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 07 Jan 2024 08:44 AM (IST)
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'पढ़ाई बहुत करते हैं मगर कुछ याद नहीं होता', तनाव हो रहा हावी

जागरण संवाददाता, देहरादून। बोर्ड परीक्षा के लिए समय कम है, पढ़ाई बहुत करते हैं, लेकिन कुछ भी याद नहीं रहता। घबराहट रहती है कि पेपर कैसा होगा, परिवार भी परीक्षा पर फोकस करने को कहता है, लेकिन असली समस्या अभिभावक समझ नहीं रहे हैं।

सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से जारी टोल फ्री नंबर पर काउंसलर के पास इन दिनों अधिकांश इस तरह के मामले देश का भविष्य कहे जाने वाले विद्यार्थियों की तरफ से आ रहे हैं। ये विद्यार्थी बोर्ड की हेल्पलाइन पर तनाव कम करने के लिए सुझाव व मदद मांग रहे हैं।

सीबीएसई की टेली काउंसलर व न्यूरोसाइक्लोजिस्ट डा. सोना कौशल गुप्ता के अनुसार हेल्पलाइन पर प्रतिदिन 10 से 12 फोन में अधिकांश मामले साइकोसिमेट्रिक प्राब्लम, एंजाइटी व फोबिया के आ रहे हैं। शुरुआत में यह समस्या बच्चों का नाटक करने जैसा लगती है, लेकिन अगर इन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया तो दिक्कत बढ़ सकती है। परीक्षा के बारे में सोचते ही अथवा प्रश्न पत्र सामने आते ही सब पढ़ा हुआ भूल कर अचानक ब्लैंक आउट हो जाना, हार्ट बीट बढ़ना, सांस फूलना जैसे लक्षण फोबियो के सूचक हैं।

सीबीएसई की हेल्पलाइन पर आए केस

केस-1

राजपुर रोड निवासी एक छात्रा ने बताया कि मैं अपने हिसाब से टाइमटेबल बनाकर परीक्षा की तैयारी कर रही हूं, लेकिन घरवाले अपने हिसाब से तैयारी करने को कह रहे हैं। परीक्षा का तनाव व ऊपर से इस तरह के माहौल से परेशान हो चुकी हूं। समझ नहीं आ रहा बेहतर कैसे होगा।

केस-2

प्रेमनगर निवासी एक अभिभावक ने बताया कि उनकी बेटी ने 10वीं की परीक्षा देनी है, लेकिन उसका मन पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं लगता। कहती है उसे बिजनेस करना है, पढ़ाई कराकर समय खराब किया जा रहा है। घर के एक कोने में गुमसुम सी बैठी रहती है। जिससे उनका परिवार परेशान है।

केस-3

नेश्विला रोड निवासी एक छात्र ने बताया कि बिना मोबाइल से उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता। भले ही ध्यान किताब पर हो, लेकिन मोबाइल नहीं है तो याद भी नहीं होता। हाथ में मोबाइल होना जरूरी है। लेकिन परीक्षा से पूर्व माता-पिता पढ़ाई के दौरान मोबाइल अलग कमरे में रख देते हैं। ऐसे में पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

इन बातों का रखें ख्याल

-परीक्षा के तनाव से जूझ रहे हैं तो अपने आप को समझाने की कोशिश करें कि यह जीवन की छोटी सी अवस्था है, हमेशा ऐसा नहीं रहने वाला है।

-समय के अनुसार पढ़ना शुरू करें, टाइम टेबल के अनुसार पढ़ें, हर एक-दो घंटे बाद 10 मिनट का ब्रेक लें।

-पुरानी पढ़ी हुई चीजों पर ध्यान दें। न कि नई चीजों में चैप्टर्स में अपना समय खराब करें।

-सबसे ज्यादा अहम है कि बच्चा तनाव ग्रस्त माहौल से दूर रहे, इसलिए अभिभावक घर के माहौल को खुशनुमा बनाएं।

-दूसरे छात्र अच्छे अंक पाकर आगे निकल गए, घरवाले क्या सोच रहे होंगे। इन बातों को ज्यादा न सोचें। आगे क्या करना है इसकी तैयारी शुरू कर दें।

-बच्चे के करियर को लेकर अभिभावक साथ दें। दूसरे के बच्चों की तुलना कर अनावश्यक दवाब न बनाएं।

-अभिभावक बच्चों को विकल्प जरूर दें, उनके साथ खुलकर बात करें। मन में आपके प्रति डर न हो इसका भी ध्यान रखें।

-अभिभावक बच्चों को समय दें, दोस्तों से भी मिलने दें। उनके आगे के करियर को लेकर बात करें। जरूरी है तो काउंसलिंग कराएं।

-परीक्षा का कम समय बचा है, ऐसे में रिवीजन करने का समय है, इसपर फोकर करें।

टोल-फ्री नंबर पर करें बात

छात्र सीबीएसई की ओर से जारी टोल-फ्री नंबर 1800118004 डायल कर सकते हैं, जो सीबीएसई टेली-काउंसलिंग, हेल्पलाइन, सूचना, रिजल्ट संबंधी चिंता अथवा तनाव के मामले में माता-पिता व छात्रों को उपयोगी टिप्स प्रदान करेगा।

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